जीत का चौका लगेगा या फिर होगा खेला? विवेक ठाकुर के सामने श्रवण कुशवाहा की चुनौती -विनोद और गुंजन की एंट्री से एनडीए व राजद के लिए रोचक हुआ चुनाव

👉

जीत का चौका लगेगा या फिर होगा खेला? विवेक ठाकुर के सामने श्रवण कुशवाहा की चुनौती -विनोद और गुंजन की एंट्री से एनडीए व राजद के लिए रोचक हुआ चुनाव

 


नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) 

2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में  नवादा का चुनाव होना है। 19 अप्रैल को होनेवाले चुनाव को लेकर नामांकन खत्म हो चुका है और नवादा के सियासी अखाड़े के पहलवान चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव मैदान में अपना किस्मत आजमाने निकल पड़े हैं। 

मतदाताओं में चुनाव को लेकर उत्साह है और लोग अब खुलकर चुनावी चर्चा में जुट गये हैं।

नवादा लोकसभा का इतिहास :- 2008 में हुए परिसीमन से पहले नवादा अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट था। अनारक्षित होने के बाद नवादा में 2009, 2014 और 2019 यानी कुल तीन चुनाव हो चुके हैं और तीनों बार एनडीए प्रत्याशी ने अपने-अपने प्रतिद्वन्द्वियों को धूल चटाई है। इस सीट पर दो बार बीजेपी तो एक बार एलजेपी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

विनोद यादव एवं गुंजन सिंह की एंट्री से रोचक हुआ मुकाबला : - नवादा लोकसभा सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच टक्कर की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन नवादा की सियासत में दमदार उपस्थिति रखने वाले पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव एवं भोजपुरी गायक गुंजन सिंह की एंट्री ने मुक़ाबले को रोचक बना दिया है। 

एनडीए की ओर से यहां बीजेपी के सांसद विवेक ठाकुर ताल ठोक रहे हैं, तो लालू ने यहां कुशवाहा कार्ड खेलते हुए श्रवण कुशवाहा को मैदान में उतारा है। लेकिन जिस तरह से राजद के बागी विनोद यादव के नामांकन में जिले के कई दो राजद विधायक शामिल हुए वह महागठबंधन की चिंता बढ़ानेवाला है। वहीं गुंजन सिंह भूमिहार समाज और युवा वर्ग में अपनी लोकप्रियता क़े चलते चर्चा में हैं। चार अन्य उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी क़े रंजीत कुमार ,भारत जनजागरण दल क़े आनंद कुमार वर्मा ,पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) क़े गनौरी पंडित , भागीदारी पार्टी ,गौतम कुमार बबलू भी चुनाव मैदान में हैं।

जातिगत समीकरण :- नवादा में मतदाताओं की कुल संख्याा 20लाख 06 हजार 124 है। जिसमें 10 लाख 43 हजार 788 पुरुष मतदाता और महिला मतदाताओं की संख्या 09 लाख 02हजार 186 है। इसके अलावा थर्ड जेंडर के भी 150 मतदाता हैं। 

जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां भूमिहार और यादव किसी की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। कई क्षेत्रों में वैश्य समाज और मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है, तो अति पिछड़े और दलित वोटर्स भी बड़ी संख्या में हैं।

एनडीए लगाएगा जीत का चौंका : - अनारक्षित होने के बाद नवादा लोकसभा के चुनावी इतिहास पर नजर डाली जाए तो एनडीए का पलड़ा भारी रहा है और एनडीए के टिकट पर तीनों बार भूमिहार जाति के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इस फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने इस बार भी भूमिहार समाज से ही विवेक ठाकुर को कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है ,तो लालू ने कुशवाहा कार्ड खेलते हुए श्रवण कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

दिलचस्प मुकाबले के आसार : - फिलहाल आरजेडी का कुशवाहा दांव उलटा पड़ता दिख रहा है, क्योंकि जिले की सियासत में मजबूत पैठ रखने वाले राजबल्लभ प्रसाद यादव के भाई विनोद यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया है। विनोद यादव के साथ स्थानीय आरजेडी नेताओं-कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज नजर आ रही है। वहीं भूमिहार वोट और युवा वर्ग में भोजपुरी गायक गुंजन सिंह भी पकड़ बनाने में लगे हैं। ऐसे में इस सीट पर रोमांचक  मुकाबला होना निश्चित है और एनडीए  जीत का चौका लगा दे,तो कोई हैरानी नहीं होगी।

विवेक ठाकुर को भूमिहारों मतदाताओं पर भरोसा :  - पिछले तीन चुनावों की बात करें तो इस सीट से भूमिहार जाति के कैंडिडेट ने ही जीत दर्ज की है। 2009 में बीजेपी के भोला प्रसाद सिंह, 2014 में बीजेपी के गिरिराज सिंह और 2019 में एलजेपी के चंदन सिंह ने जीत दर्ज की, तो इस बार भी बीजेपी ने भूमिहार समाज से विवेक ठाकुर को अपना कैंडिडेट बनाया है। विवेक ठाकुर को भी भरोसा है कि उन्हें अपने समाज का एकमुश्त वोट मिलेगा और वो नवादा में कमल खिलाने में कामयाब होंगे।  गुंजन सिंह भी अपनी लोकप्रियता भुनाने में लगे हैं और चुनाव क़ो दिलचस्प बना दिया है।

कुशवाहा कार्ड पर भारी पड़ सकती है बगावत : - पिछले तीन चुनावों से जीत को तरस रहे महागठबंधन ने इस बार कुशवाहा कार्ड खेलते हुए श्रवण कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा  है। लालू को भरोसा था कि यादव और कुशवाहा के गठजोड़ के दम पर वो इस बार एनडीए को करारी शिकस्त देंगे,लेकिन पार्टी के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव ने बगावत कर डाली और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है।

नवादा की सियासत में राजबल्लभ का रसूख :- जिले की सियासत में रसूख रखने वाले राजबल्लभ यादव तो नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास काट रहे हैं, लेकिन उनकी पत्नी विभा देवी नवादा से राजद विधायक हैं और विनोद यादव के नामांकन में खुद मौजूद रहीं। इतना ही नहीं विनोद यादव के नामांकन के दौरान जिला परिषद अध्यक्षा पुष्पा देवी, उपाध्यक्षा निशा चौधरी, सदस्य उमेश यादव समेत कई जिला परिषद सदस्य के अलावा निर्दलीय एमएलसी अशोक यादव और रजौली के राजद विधायक प्रकाशवीर मौजूद थे। 

विनोद के नामांकन के समय उमड़ी भीड़ ने ये जता दिया कि इस बार भी महागठबंधन के लिए नवादा की लड़ाई आसान नहीं रहनेवाली है।

नवादा लोकसभा सीट 2009 से अब तक :- अनारक्षित होने के बाद इस सीट पर 2009 में हुए चुनाव में बीजेपी के भोला प्रसाद सिंह ने एलजेपी की वीणा देवी को हराकर जीत दर्ज की। 2014 के मोदी लहर में बीजेपी ने नवादा से फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को मौका दिया और गिरिराज सिंह ने आरजेडी के राजबल्लभ प्रसाद को 1 लाख 40 हजार वोट के बड़े अंतर से मात दी। 2019 के चुनाव में एनडीए के बैनर तले एलजेपी के चंदन कुमार  ने चुनाव लड़ा और आरजेडी की विभा देवी को 1 लाख 48 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी।

ऐतहासिक धरोहरों से परिपूर्ण : - अपने आंचल में कई ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे नवादा खुरी नदी के उत्तर में बसा एक शहर है, जो 1973 में गया जिले से अलग होकर स्वतंत्र जिला बना। जिले में कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं , जिनमें नवनिर्मित 108 फिट ऊंची भगवान बुद्ध की प्रतिमा, सीतामढ़ी गुफा मंदिर ,हिसुआ स्थित कामगार खां का मकबरा ,गोवर्धन मंदिर ,शोभनाथ मंदिर ,पंचमुखी महादेव मंदिर, संकट मोचन मंदिर, गुनावां का जल मंदिर और बोलता पहाड़ । इसके अलावा ककोलत का शीतल झरना लोगों को अनायास ही यहां खींच लाता है।

विकास की है दरकार :- सिंचाई संसाधनों के घोर अभाव के बावजूद अभी भी जिले की करीब 75 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है। नवादा लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें नवादा, हिसुआ, वारिसलीगंज, गोविंदपुर व रजौली तथा शेखपुरा जिले से बरबीघा विधानसभा सीट शामिल है। 

कई सालों तक जिले का अधिकांश हिस्सा नक्सल प्रभावित रहा। ऐसे में जिले के कई क्षेत्रों में अभी भी विकास की दरकार है। बावजूद चुनाव का मुद्दा विकास के बजाय जाति आधारित होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

Post a Comment

Previous Post Next Post