Nawada नई पीढ़ी को क्या संदेश दे रही यह नक्सलियों का शहीद स्मारक

👉

Nawada नई पीढ़ी को क्या संदेश दे रही यह नक्सलियों का शहीद स्मारक



-सरकारी जमीन पर बना नक्सली का स्मारक 




राहुल कुमार विश्वास के नाम रजौली (नवादा)

सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर लेना आम बात है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में रसूक वाले इन जमीनों का खूब निजी इस्तेमाल करते हैं।शहरों में लोग इन पर मकान -दुकान बना लेते हैं तो गांवो में खेत खलिहान के लिए कब्जा कर लेते हैं।हालांकि सरकार अपनी भूमि पर निर्माण की कोई योजना बनती है तो कब्ज की गई जमीन को बलपूर्वक खाली भी कर लेती है।लेकिन कुछ मामले ऐसे होते हैं जिसमें जान बूझ कर अफसर चुप्पी साधे रहते हैं।नक्सलियों से जुड़े जमीन के मामले में कुछ ऐसा ही हो रहा है।सरकारी महक में में इनका भाई अभी कायम है।नवादा जिले में सरकारी जमीन पर नक्सलियों का स्मारक बनाना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।ऐसे में सवाल उठता है कि नवादा का पुलिस प्रशासन नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में क्यों हिचक रहा है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के स्मारक जिस पर उन्हें शहीद अंकित किया गया है,नई पीढ़ी को क्या संदेश देता होगा।दरअसल रजौली थाना क्षेत्र के फरका बुजुर्ग पंचायत के हाथोंचक स्थित सिंचाई विभाग की भूमि पर वर्षों पहले नक्सलियों ने पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अपने साथियों को शाहिद के दर्जा देते हुए सरकारी जमीन पर शहीद स्मारक बनाया था।वर्ष 2002 में नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र के हरसितपुर में पुलिस मुठभेड़ में वारसलीगंज थाना क्षेत्र के माफी गांव के टोला हांडी बीघा के रामाशीष यादव, रजौली थाना क्षेत्र के गगटा गांव के रतन यादव, मागोडिह के इंदल राम, भूपतपूर गांव के चंद्रिका राम का नाम इस स्मारक पर अंकित है।

Post a Comment

Previous Post Next Post