पूजा पंडालों में आग से सुरक्षा का रखें ख्याल, रखें आवश्यक उपकरण

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पूजा पंडालों में आग से सुरक्षा का रखें ख्याल, रखें आवश्यक उपकरण



प्रतिनिधि, विश्वास के नाम नवादा : 

दुर्गा पूजा में पूजा पंडालों में आग की सुरक्षा को लेकर अग्निशमन व विद्युत विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पूजा आयोजकों को आग से बचाव की जानकारी दी जा रही है। अग्निशमन पदाधिकारी सोमबहादुर तमाग एवं बिजली विभाग कनीय विद्युत अभियंता नवादा पूर्वी दिलीप कुमार ने विभिन्न पंडालों का निरीक्षण किया। कहा गया कि पंडालों में बिजली से आग लगने का संभावना बनी रहती है। सभी पूजा पंडालों में मानकों के अनुरूप अग्निशमन उपकरण, ड्राम में पानी तथा बाल्टी रखना अतिआवश्यक है। विभाग के गाईडलाइन के अनुसार अनुपालन किया जाना है। इस क्रम में अगिया बैताल दुर्गा पूजा समिति, चक्रवर्ती सम्राट पूजा समिति इंदिरा चौक, रेलवे दुर्गा पूजा समिति, मां दुर्गा पूजा समिति मिर्जापुर, काली पूजा समिति, 3 नंबर बस स्टैंड, विक्रम बेताल दुर्गा पूजा समिति प्रसाद बीघा, श्री दुर्गा पूजा समिति स्टेशन रोड, दुर्गा पूजा समिति गोवर्धन मन्दिर, दुर्गा पूजा समिति वीआईपी कॉलोनी , हनुमान मंडप स्टेशन रोड़ इत्यादि दुर्गा पूजा पंडालों में निरीक्षण किया गया। मौके पर अग्निशमन पदाधिकारी सोमबहादुर तमांग समेत बिपिन कुमार चौधरी, अमर कुमार, अन्नू कुमारी तथा बिजली विभाग से कनीय विद्युत अभियंता नवादा पूर्वी दिलीप कुमार, अजय कुमार,  हुलास सिंह, अभिषेक कुमार आदि उपस्थित थे।


आग से बचाव के लिए क्या करें 

पंडाल निर्माता पंडाल हमेशा भारतीय मानक ब्यूरो आई. एस. 8758-1993 के अनुरूप ही बनायें। फायर रिटारडेन्ट सोल्यूशन में उपचारित किया हुआ सूती कपड़े का पंडाल बनाया जाए। अग्नि निरोधक घोल हेतु सामग्री की भाग का अनुपात रहनी चाहिए। अमोनियम सल्फेट - 04 भाग (मात्रा से), अमोनियम कार्बोनेट- 04 भाग (मात्रा से), बोरेक्स- 01 भाग (मात्रा से), बोरिक एसिड- 01 भाग (मात्रा से), एलम- 02 भाग (मात्रा से), पानी- 35 भाग (मात्रा से) होनी चाहिए। पंडाल के प्रत्येक 100 वर्ग मीटर स्थान पर अग्निशामक यंत्र 09 लीटर क्षमता का अवश्य लगायें। पंडाल का निर्माण रेलवे लाईन, विद्युत सब स्टेशन, चिमनी या भट्टे से कम-से-कम 15 मीटर की दूरी पर हो। पंडाल के चारों तरफ 4-5 मीटर खुला स्थान अवश्य रखें। पंडाल में कम-से-कम तीन द्वार रखे जाएं-एक सामने दो पार्श्व में। प्रत्येक पंडाल के लिए अलग से फ्यूज सर्किट ब्रेकर लगाये जायें।  बिजली की तार को अच्छे से टेपिंग करें। यदि संभव हो तो बिजली का तार पीवीसी पाईप से गुजारा जाए। बिजली कट जाने पर स्पार्कलेस लाईट का प्रयोग करें। पुजा करते समय अगरबती, आरती, दिया आदि सावधानी से एवं सुरक्षित स्थान पर जलाएं। अगरबत्ती/आरती होने तक विशेष रूप से एक व्यक्ति का उस पर ध्यान दें। अस्थायी रसोई घर को पंडाल से 200 मी० की दूरी पर बनवायें। हवन कुण्ड के पास 04 (1000 लीटर) बड़े ड्रम पानी बाल्टी एवं मग के साथ अवश्य रखें। स्थानीय अग्निशमन केन्द्र का टेलीफोन नम्बर जगह-जगह अवश्य प्रदर्शित करें। रावण दहन वैसी जगह की जाय, जहां पर पर्याप्त जगह हो। उसके लिए एक सुरक्षा घेरा बनाया जाय।


क्या न करें 

पंडाल 03 मीटर से कम ऊंचाई का न लगाएं। पंडाल बनाने में सिन्थेटिक सामग्री से बने कपड़े या रस्सी का प्रयोग न करें। हैलोजन लाईट का प्रयोग पंडाल के अन्दर न करें। पंडाल बिजली की लाईन के नीचे किसी भी दशा में न लगायें। पंडाल परिसर में धुम्रपान न करें। पंडाल के अन्दर हवन कुण्ड का प्रयोग न करें। यदि अतिआवश्यक हो तो पंडाल से बाहर एवं खुले सुरक्षित स्थान पर किया जाए। किसी भी स्थिति में लाईट हेतु मोमबती, दिया आदि का प्रयोग न करें। किसी भी स्थिति में बिजली तार को खुला न रखें।

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