भाकपा माले की बदलो बिहार न्याय यात्रा नवादा से शुरू, 26 को पहुंचेगी पटना

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भाकपा माले की बदलो बिहार न्याय यात्रा नवादा से शुरू, 26 को पहुंचेगी पटना



माले के राष्ट्रीय महासचिव सहित पार्टी के कई विधायक पदयात्रा में हैं शामिल

डबल इंजन की सरकार बिहार की जनता के साथ कर रही धोखा दीपांकर

प्रतिनिधि, विश्वास के नाम नवादा :  

भाकपा माले की बदलो बिहार न्याय यात्रा बुधवार से शुरू हो गई। नवादा में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और आईपीएफ के नेता सुरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि के साथ यात्रा की शुरुआत हुई। नेतृत्व माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, मगध जोन के प्रभारी अमर, एमएलसी शशि यादव, अरवल विधायक महानंद सिंह, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास और घोसी विधायक रामबली सिंह यादव कर रहे हैं। यात्रा में पार्टी के स्थानीय नेता-कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। अंबेडकर पार्क में सभा के उपरांत पदयात्रा हिसुआ की ओर प्रस्थान कर गई। मुख्य रूप से जिला सचिव भोला राम, नरेंद्र सिंह, सावित्री देवी, अजीत कुमार मेहता, सुदामा देवी, महावीर मांझी, श्रीकांत महतो, जगदीश प्रसाद चौहान आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि नए बिहार के निर्माण की चल रही लड़ाई को मज़बूत बनाने के लिए न्याय सम्मेलन का पटना में आयोजन होगा। जिसमें शामिल होने की अपील करने आए हैं। बिहार को बदलना है। हमें नया बिहार चाहिए। बाबा साहब ने जो संविधान दिया था उस संविधान में हिंदुस्तान के सभी नागरिकों से यह वादा किया गया था इसमें कोई धार्मिक भेदभाव नहीं होगा, जाति के नाम पर भेदभाव नहीं होगा। आपकी भाषा कुछ भी हो, आपकी बोली कुछ भी हो, आपका धर्म कुछ भी हो, आप कुछ भी खाते हो, कोई फर्क नहीं पड़ता है। हिंदुस्तान का संविधान गारंटी करेगा कि भारत के तमाम नागरिकों को बराबरी का हक मिले, सबके लिए बराबरी, सबके लिए सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय का लक्ष्य संविधान के पहले पन्ने पर है। आज संविधान खतरे में है। लगातार उसपर हमला हो रहा है। गरीबों पर बुलडोजर चल रहा है। दलितों पर हमले हो रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है और ऐसे ही दौर में हम देख रहे हैं कि बिहार में भाजपा के कुछ नेता हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं और पूरे बिहार में माहौल खराब करना चाहते हैं। बिहार में अगर हमें विकास चाहिए, हमें न्याय चाहिए, हमें रोजगार चाहिए तो हमें इस बात की गारंटी करनी होगी कि गरीबों को बांटने की किसी भी साजिश को चकनाचूर कर देना है। नवादा के कृष्णानगर में 1966 से बसे हुए 80 घरों को बेदखल करने की कोशिश बहुत पुरानी है। 2023 में भी एकबार हमला हुआ था और इस साल 18 सितंबर को हुए भयानक आगजनी और हमले में कृष्णानगर से लोगों को किसी तरह जान बचाकर भागना पड़ा। कथित भूमि विवाद का हवाला दे कर कृष्णानगर के लोगों को अन्य बुनियादी सुविधा और अधिकारों से भी वंचित रखा गया है। सुरक्षा और सम्मान के लिए यहां के दलितों को सबसे पहले भूमि अधिकार चाहिए। इस मामले में सरकार आज भी दलित-गरीबों के खिलाफ खड़ी है। कृष्णानगर कोई अपवाद नहीं है। बिहार के लाखों गरीब भूमिहीन परिवार आज भी इसी असुरक्षा और अन्याय के बीच जी रहे हैं। इस अन्याय को मिटाने के संकल्प के साथ बदलो बिहार न्याय यात्रा नवादा से शुरू हो रही है। नीतीश कहते हैं कि भूमि सर्वे से भूमि विवाद खत्म हो जाएगा लेकिन हो रहा है उल्टा। भूमि सर्वे भूमिहीनों को बेदखल करने की साजिश है। इसलिए जबतक पर्चा नहीं मिलता भूमि सर्वे पर रोक लगाने की मांग करने आए हैं0।

डबल इंजन की सरकार बिहार की जनता के साथ डबल धोखा कर रही है। जाति सर्वेक्षण के उपरांत दलितों –वंचितों के आरक्षण का विस्तार हुआ लेकिन कोर्ट का बहाना बनाकर सरकार धोखा दे रही है। वह बढ़े आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में नहीं डाल रही। जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की बोलती बंद है। 


बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा

महासचिव ने कहा कि विशेष राज्य के सवाल पर बिहार के साथ धोखा हुआ। बिहार के लोगों को जानबूझकर गरीब बना के रखा गया है। इसलिए गरीबों को पैकेज चाहिए। विशेष पैकेज के नाम पर बिहार में हवाई अड्डे, एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं लेकिन इससे गरीबी खत्म नहीं होने वाली, रोजगार नहीं मिलने वाला और इसलिए हमने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दो और बिहार के विकास के लिए विशेष पैकेज दो ताकि रोजगार की गारंटी हो सके ताकि बिहार से गरीबी मिट सके। इस दिशा में हम लोगों को बढ़ना है। बिहार गरीबों का प्रदेश है। आंदोलनों का प्रदेश है। बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता। जो लोग कह रहे कि बिना लड़े सबकुछ मिल जाएगा, वह सरासर झूठ बोल रहा हैं।


बदलो बिहार न्याय यात्रा के मुद्दे 

1. सरकारी वादा के अनुसार तमाम गरीबों को 2 लाख रु, 5 डिसमिल आवास भूमि और पक्का मकान की गारंटी करो।

2. दलित-गरीब-महिलाओं-अल्पसंख्यकों पर जारी हिंसा पर रोक लगाओ।

3. जबतक गरीबों के वास-आवास-जोत की भूमि और बटाईदारों के कायमी व पुश्तैनी हक की गारंटी नहीं होती और सभी लोगों की जमीन के कागजात दुरुस्त नहीं हो जाते, तब तक सर्वे पर रोक लगाओ।

4. स्मार्ट मीटर लगवाने की अनिवार्यता खत्म करो, बिजली की दर आधी करो, कृषि कार्य व गरीबों के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली दो।

5. बाढ़ पीड़ितों के लिए तत्काल राहत की व्यवस्था करो, किसानों को 50 हजार रु प्रति एकड़ फसल क्षति मुआवजा दो, तमाम पीड़ितों को पर्याप्त बाढ़ क्षति मुआवजा दो, बाढ़ का स्थाई निदान करो। 

6. 10 लाख से ज्यादा स्कीम वर्कर्स – आशा, आंगनबाड़ी, विद्यालय रसोइया, जीविका दीदी, ग्रामीण नर्सेज, मनरेगा मजदूरों, सफाई मजदूरों आदि को केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई मजदूरी दर के मुताबिक पारिश्रमिक/मानदेय की गारंटी करो।

7. बिहार में आरक्षण वृद्धि को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करो, पूरे देश में जातीय गणना कराओ, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दो।

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