24 OCTOBER 2024 TOP 10 HINDI NEWS

24 OCTOBER 2024 TOP 10 HINDI NEWS


 1. एस जयशंकर ने फिर ठोका UNSC में भारत के लिए स्थायी सीट का दावा

भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में अपनी स्थायी सीट की मांग दोहराई है. रूस के कजान शहर में हो रहे 16वें ब्रिक्स समिट 2024 के आखिरी दिन गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए स्थापित संस्थानों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ये सुधार तत्काल किया जाना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नो वॉर' का मैसेज भी दोहराया. PM मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि यह समय जंग लड़ने का नहीं है. ये युद्ध का युग नहीं है.  विवादों का निपटारा आपसी बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.

जयशंकर ने ब्रिक्स के आउटरीच सेशन में ये बातें कही. उन्होंने कहा, "ब्रिक्स ये दिखाता है कि पुरानी व्यवस्था कितनी गहराई से बदल रही है. साथ ही अतीत की कई असमानताएं भी जारी हैं, बल्कि उन्होंने नए तरीके अपना लिए हैं. ग्लोबलाइजेशन के फायदे बहुत असमान रहे हैं. ऐसे में दुनिया के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्यों को हासिल करने में काफी पीछे रह जाने का खतरा है."

UNSC में अभी 10 अस्थायी सदस्य

भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहा है. वह स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करने की जरूरत पर जोर देता है. 1945 में गठित सुरक्षा परिषद के शुरू से 15 सदस्य हैं. इनमें से 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका UNSC के स्थायी सदस्य हैं. अस्थायी सदस्य हर 2 साल बाद बदले जाते हैं. 

अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन पहले ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन कर चुके हैं. लेकिन चीन वीटो पावर के जरिए इसमें अड़ंगे डालता रहा है.

दुनिया को तत्काल ज्यादा कनेक्टिविटी ऑप्शन की जरूरत

विदेश मंत्री ने कहा, "ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर में खामियों को ठीक करके जो औपनिवेशिक युग से विरासत में मिली हैं. दुनिया को तत्काल ज्यादा कनेक्टिविटी ऑप्शन की जरूरत है. ताकि लॉजिस्टिक्स में इजाफा हो और जोखिम कम हो. क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए अत्यधिक सम्मान के साथ, यह आम भलाई के लिए एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए. भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, इसका यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, गतिशक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर सभी बड़ी प्रासंगिकता रखते हैं."


2. मोदी सरकार का यूपी-बिहार-आंध्र को बड़ा तोहफा, अयोध्‍या से सीतामढ़ी तक बिछेगी रेल लाइन, दिवाली-छठ पर चलेंगी 7 हजार ट्रेन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने गुरुवार को कई बड़े फैसले ल‍िए. बिहार और आंध्र प्रदेश को सरकार ने फ‍िर तोहफा द‍िया है और हजारों करोड़ के प्रोजेक्‍ट पर मुहर लगाई है. यूपी के अयोध्‍या से सीतामढ़ी तक रेलवे लाइन बिछाने को भी मंजूरी दे दी गई है. नरकट‍ियागंज रेल लाइन का दोहरीकरण होगा. आंध्र प्रदेश में भी 257 क‍िलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी. खास बात, ये सारे प्रोजेक्‍ट चार साल के अंदर पूरे क‍िए जाने हैं. यानी अगले लोकसभा चुनाव से पहले ये पूरे हो जाएंगे. छठ पूजा के ल‍िए यूपी-बिहार जाने वालों के ल‍िए भी सरकार ने बड़ा फैसला ल‍िया है.

फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्व‍िनी वैष्‍णव ने बताया क‍ि केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों को बड़ा तोहफा द‍िया है. एक और परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी देते हुए अयोध्या से मां सीता के जन्मस्थान सीतामढ़ी तक करीब 257 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाने का फैसला क‍िया है. यह रेल लाइन नेपाल सीमा के आसपास होगी. इससे उत्तर बिहार मिथिलांचल पूर्वी चंपारण पश्चिमी चंपारण मुजफ्फरपुर जैसे शहर जुड़ेंगे बुद्ध सर्किट पूरा कर होगा.

इसके अलावा ऐतिहासिक टूरिस्ट को फायदा होगा. 4553 करोड़ रुपये से यह प्रोजेक्ट पूरा होगा. इसके अलावा मिथिलांचल के नॉर्थ बिहार और नॉर्थ ईस्ट स्टेट को लेकर एक बड़े प्रोजेक्‍ट पर मुहर लगाई गई है. नरकटियागंज-रक्सौल- सीतामढ़ी दरभंगा मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी गई है. यह रेलवे लाइन 256 किलोमीटर होगी. दोनों रेलवे प्रोजेक्ट 4 साल के अंदर पूरे क‍िए जाएंगे. नॉर्थ बिहार के रेल प्रोजेक्ट में लगभग 40 पुल बनाए जाने हैं.

चार शहरों को जोड़ेगी रेल लाइन

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के अमरावती को बड़ा तोहफा द‍िया है. अमरावती से 57 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाई जाएगी, जो 5 बड़े शहरों से उसे जोड़ेगी. इनमें विजयवाड़ा, चेन्नई, हैदराबाद शामिल हैं. आंध्र प्रदेश की कृष्णा नदी पर तीन किलोमीटर लंबा पुल बनेगा. इस योजना के तहत बहुत बड़ा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिकल हब इस लाइन पर बनेगा. आंध्र प्रदेश के लिए यह बहुत बड़ी सौगात है.

छठ पर जाने की अब टेंशन नहीं

इसके अलावा सरकार ने दीपावली और छठ के ल‍िए 07 हजार ट्रेन चलाने का फैसला ल‍िया है. इससे दो लाख लोग रोजाना यात्रा कर पाएंगे. मोदी सरकार ने स्टार्टअप फॉर स्पेस के लिए 1000 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की स्वीकृति दी है. कैबिनेट की बैठक में इस फंड के एलोकेशन को मंजूरी दी गई है. इस फंड से स्पेस सेक्टर में स्टार्टअप को मदद दी जाएगी.

3. शरद पवार को झटका, सुप्रीम कोर्ट का अजित पवार को चुनाव चिन्ह 'घड़ी' का इस्तेमाल करने से रोकने से इनकार


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. अजित पवार को घड़ी चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल ठुकरा दिया है. एनसीपी (शरद पवार) ने दो अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव चिन्ह घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी.

अजित पवार को देना होगा शपथ पत्र

सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार से शपथ मांगा और उसमें घड़ी चिन्ह के साथ कोर्ट में विचाराधीन डिस्क्लेमर लगाने के आदेश का पालन करने की बात लिखने के लिए कहा. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हम इन्हें (अजित पवार) जवाब का मौका देंगे. यह हलफनामा भी दें कि भविष्य में हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं होगा. यह भी लिखें कि अतीत में भी उन्होंने ऐसा नहीं किया है." जस्टिस ने कहा, "अजित पवार शपथ पत्र दें कि वह 19 मार्च और 4 अप्रैल को आए हमारे आदेश का पालन कर रहे हैं." इस मामले में अगल सुनवाई 6 नवंबर को होगी.

चुनाव आयोग ने अजित पवार की एनसीपी को असली ठहरा कर पार्टी का चिन्ह (घड़ी) इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था. कोर्ट में बहस के दौरान शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "मार्च में हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को हमारे लिए भी एक चिन्ह तुरही आवंटित करने का आदेश दिया. अजित पवार से कहा गया था कि घड़ी चिन्ह के साथ यह लिखें कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. इन्होंने इसका सही तरीके से पालन नहीं किया. लोग घड़ी चिन्ह को शरद पवार से पहचानते हैं."

डिस्क्लेमर नहीं लगाने का आरोप लगाया गया

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "इन्होंने (अजित पवार) कोर्ट के आदेश के मुताबिक डिस्क्लेमर नहीं लगाया. हमने कोर्ट को तस्वीरें सौंपी हैं. अब इन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिए." इस पर अजित पवार के वकील बलबीर सिंह ने कहा, "इन्हें कुछ तो जिम्मेदारी दिखानी चाहिए. कोर्ट में गलत तस्वीरें पेश की जा रही हैं. एक-दो मामले में टेंट हाउस वाले की गलती हो सकती है. इस आधार पर हम पर आरोप नहीं लगा सकते. यह तस्वीरें सीधे कोर्ट में रखी गई हैं. हम अचानक इसका जवाब कैसे दे सकते हैं. हमें इस अर्जी की कॉपी पहले मिलनी चाहिए थी."

इस पर अजित पवार के वकील बलबीर सिंह ने कहा, "इन्होंने (शरद पवार गुट) लोकसभा चुनाव के समय भी यही बातें कही थीं. कोर्ट ने घड़ी चिन्ह हमारे पास ही रहने दिया. अब इसे नहीं सुनना चाहिए."

(ये स्टोरी अपडेट हो रही है)

4. चक्रवाती तूफ़ान 'दाना' का कहाँ होगा असर और इससे निपटने के लिए कैसी है तैयारी


पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारों ने चक्रवात दाना से निपटने के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

ऐसा अनुमान है कि ये चक्रवात ओडिशा और पश्चिमी बंगाल के समुद्री तटों से गुरुवार को टकराएगा . बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होना वाला निम्न दबाव तेजी से तटवर्ती इलाकों की ओर बढ़ रहा है.

दाना तूफ़ान पर भारतीय मौसम विभाग की ओडिशा में निदेशक मनोरमा मोहन्ती ने जानकारी दी है.

उन्होंने कहा है कि दाना तूफ़ान ने पिछली रात एक घातक चक्रवाती तूफ़ान का रूप ले लिया है और यह पिछले छह घंटों से उत्तर पश्चिम दिशा में 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.

कब तटों से टकराएगा तूफ़ान?

मनोरमा मोहन्ती ने बताया है कि दाना तूफ़ान अभी ओडिशा के पाराद्वीप से 260 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की ओर मध्य और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर है.

उन्होंने बताया है कि इसके उत्तर पश्चिम में उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने की आशंका है. दाना तूफान गुरुवार देर रात को तट से भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में टकरा सकता है. इस दौरान उसकी रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.

मौसम विभाग की निदेशक ने बताया है, "मयूरभंज, भद्रक, बालेश्वर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, जगतसिंहपुर, कटक में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं पूरी, खोरदा, नयागढ़, ढेनकनाल और केंडोझार जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है."

पश्चिम बंगाल सरकार ने नौ ज़िलों के तमाम स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.

जिला प्रशासन ने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. पहले से समुद्र में गए मछुआरों को वापस बुला लिया गया है. तटीय इलाकों में माइक के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है.

ओडिशा के मशहूर पर्यटन स्थल पुरी से मंगलवार को पर्यटकों को बाहर निकाल लिया गया है. पहले से बुकिंग कर चुके पर्यटकों को पुरी आने से मना कर दिया गया है. राज्य में 23 से 25 तक 14 ज़िलों के सभी स्कूल बंद रहेंगे. दाना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा भी स्थगित कर दिया गया है.

इस तूफान की वजह से रेल यातायात सेवा भी प्रभावित है. रेलवे ने वंदे भारत और राजधानी एक्सप्रेस समेत दो सौ से ज्यादा ट्रेनों का संचालन स्थगित कर दिया है.

पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने एहतियाती तौर पर तटीय इलाकों से करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

दोनों राज्यों में तटवर्ती जिलों के तमाम स्कूलों को 25 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है और डॉक्टरों समेत तमाम सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.

इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए तैयारियां करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने दीघा, ताजपुर, शंकरपुर और डायमंड हार्बर जैसे तटीय पर्यटन स्थलों के तमाम होटलों को बुधवार दोपहर तक खाली करा लिया है.

इन इलाकों से मंगलवार को ही पर्यटकों की वापसी का सिलसिला शुरू हो गया था.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दाना के संभावित असर वाले जिलो में हालात पर निगरानी की जिम्मेदार सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपी है. इलाके में कई कंट्रोल रूम खोले गए हैं.

करीब एक हज़ार राहत शिविर खोले गए हैं. इलाके के स्कूलों और सरकारी भवनों में भी लोगों के रहने-खाने का इंतजाम किया गया है.

दाना तूफान बुधवार रात से बृहस्पतिवार सुबह तक पुरी से सागर द्वीप के बीच तटों से टकरा सकता है. इसकी वजह से बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भारी बारिश की संभावना है.

5. विकिपीडिया पर एएनआई ने क्यों किया है मानहानि का केस


अगर आप ये लेख पढ़ रहे हैं, तो बहुत संभव है कि आप विकिपीडिया से वाक़िफ़ होंगे. मामूली से लेकर गंभीर विषयों के बारे में जानने के लिए कई लोगों का पहला ठिकाना विकिपीडिया होता है.

पर हाल के कुछ दिनों से विकिपीडिया दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक केस के कारण सुर्ख़ियों में है. समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल यानी एएनआई ने विकिपीडिया के ख़िलाफ़ मानहानि का एक केस दायर किया है.

एएनआई के विकिपीडिया पेज पर ये लिखा है कि ये समाचार एजेंसी ग़लत सूचना रिपोर्ट करती है. लेकिन एएनआई ने इसका खंडन किया है.

विकिपीडिया क्या है?

इमेज कैप्शन,विकिपीडिया 2001 से दुनिया भर में एक फ़्री ओपन सोर्स के तौर पर जाना जाता है.

विकिपीडिया 2001 से दुनिया भर में एक मुफ़्त ओपन सोर्स के तौर पर जाना जाता है, जिसे आप ऑनलाइन विश्वकोश कह सकते हैं.

इसे गैर लाभकारी संस्था विकिमीडिया फाउंडेशन चलाती है. एएनआई ने विकिमीडिया फाउंडेशन के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है.

ये दुनिया की सबसे प्रसिद्ध वेबसाइट्स में से एक है. इस पर मौजूदा समय में छह करोड़ से ज़्यादा लेख हैं और हर महीने इसे करीब 10 ख़रब से ज़्यादा पेज व्यू मिलते हैं.

सवाल है कि क्या कोई भी विकिपीडिया में लिख सकता है?

इसका जवाब है हां. विकिपीडिया में कोई नई एंट्री डालने या पहले से मौजूद एंट्री में कुछ जोड़ने या बदलने की इजाज़त सबको है. इसलिए यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसका नियंत्रण किसी एक या कुछ ही लोगों के हाथों में नहीं है.

मौजूदा समय में क़रीब तीन लाख वॉलंटियर हैं जो विकिपीडिया के लिए लेख लिखते हैं और उस पर मौजूद कंटेंट की प्रामाणिकता को परखते हैं.

कोई भी ऐसा कर सकता है और वेबसाइट पर काम के मुताबिक़ उन्हें अलग-अलग भूमिकाएँ दी जाती है.

विकिमीडिया फाउंडेशन का कहना है कि ये लोग अपनी मर्जी से काम करते हैं और इसके लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं होता है.

ये वॉलंटियर अपनी पहचान गोपनीय रख सकते हैं. विकिमीडिया फाउंडेशन का ये कहना कि किस पेज पर क्या लिखा जा रहा, इस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं होता है.

हालांकि उनका ये भी कहना है कि इसका ये मतलब नहीं कि कोई इस पर कुछ भी लिख सकता है.

वेबसाइट पर क्या छप सकता है, इसको लेकर कई पॉलिसी और गाइडलाइन हैं.

जैसे, विकिपीडिया पर कोई नई जानकारी नहीं लिखी जा सकती, जो आजतक कहीं छपी नहीं है. सिर्फ़ वही लिखा जा सकता है जिसमें कोई छपा हुआ भरोसेमंद स्रोत दिया जा सके.

जो कंटेंट छपता है, उसकी निगरानी और तथ्यों की जाँच संपादक, एडमिनिस्ट्रेटर और कंप्यूटर बॉट से किया जाता है. सीनियर एडिटर किसी लेख या उसके कुछ हिस्से को संपादन कर हटा भी सकते हैं.

लेख या संपादन पर विवाद होने पर वॉलंटियर अपना पक्ष रखते हैं, चर्चा करते हैं और आपसी सहमति के बाद उसे प्रकाशित किया जाता है.

ये वाद-विवाद भी विकिपीडिया के पेज पर सबके देखने के लिए उपलब्ध होता है. अगर किसी लेख पर कुछ विवाद है तो उसके समाधान के लिए भी अलग-अलग प्रक्रियाएं है.

6. बिहार उपचुनाव में प्रशांत किशोर ने क्यों बदल दिए अपने उम्मीदवार?


प्रशांत किशोर बिहार की चुनावी राजनीति में एंट्री (Bihar By Election 2024) करने जा रहे हैं. लेकिन उम्मीदवारों के नामों को लेकर शायद वह पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है. वह नामों में उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं. इसका असर हाल ही में देखने को मिला, जब जन सुराज पार्टी अध्यक्ष (Prashant Kishor Replace Candidates) ने उप चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर 2 को बदल दिया. पहले उन्होंने ताबड़तोड़ 4 उम्मीदवारों को उतार सियासी हलचल बढ़ा दी, फिर नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि से कुछ दिन पहले उन्होंने ऐलान किया कि वह दो सीट पर अपने उम्मीदवार बदल रहे हैं. सवाल ये उठने लगे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि प्रशांत किशोर को उम्मीदवार बदलने पड़े. 

इन दो सीटों पर बदले उम्मीदवार

जन सुराज पार्टी ने बिहार की तितारी और बेलागंज सीट पर अपने उम्मीदवारों को बदल दिया है. बेलागंज में फिर से पुराने उम्मीदवारों को टिकट दिया है. तितारी तरारी सीट से जन सुराज पार्टी ने सेना के पूर्व उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल श्री कृष्ण सिंह को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अब उनकी जगह सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह चुनाव लड़ेंगी.जब कि पिछले हफ्ते कृष्ण सिंह की उम्मीदवारी का ऐलान काफी धूमधाम से किया गया था. वहीं बेलागंज सीट से खिलाफत हुसैन की जगह अब पूर्व पंचायत मुखिया मोहम्मद अमजद को उम्मीदवार घोषित किया गया है. 

प्रशांत किशोर ने क्यों बदले उम्मीदवार?

कृष्ण सिंह को बदले जाने की वजह बिहार की वोटर लिस्ट में उनका नाम दर्ज न होना है. वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था तो वह बिहार में चुनाव नहीं लड़ सकते थे. चुनाव अधिकारियों ने कहा कि उनको पहले स्थानीय मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराना होगा. चुनावी मौसम में लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह को मुद्दा बनाया जाए उससे पहले ही पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिया. 

 इसी तरह से बेलागंज में पहले प्रोफेसर अमजद को टिकट दिया गया था, लेकिन उन्होंने पैसे की कमी का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया और खिलाफत हुसैन के नाम का प्रस्ताव रख दिया. लेकिन उन्होंने भी उम्र और शिक्षा में रुचि का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई, जिसके बाद उनकी जगह अमजद को ही फिर से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. 

'आम लोगों को चुनाव में उतार रहे'

प्रशांत किशोर का कहना है कि एनडीए और इंडिया गठबंधन के ज्यादातर उम्मीदवारों की तरह उनके प्रत्याशी जाने-माने राजनेताओं के परिवार से ताल्लुक नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि जन सुराज ने बिहार को राजनीतिक विकल्प देने का अपना वादा निभाया है.जिसमें सिर्फ सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए चुने गए आम पुरुषों और महिलाओं को मैदान में उतारा गया है.

बिहार की 4 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव

बिहार में 4 सीटों भोजपुर की तितारी, कैमूर जिले की रामगढ़, गया की बेलागंज और इमामगंज में विधानसभा उपचुनाव होने है. 13 नवंबर को चारों सीटों पर वोटिंग होनी है. महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के साथ ही इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे. जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनके विधायक अब सांसद बन चुके हैं. इस वजह से सीटें खाली हो गई हैं. अब इन पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं.

7. पटना के फुलवारीशरीफ में युवक को गोलियों से भूना, मौके पर ही मौत


बिहार में एनडीए की सरकार है, लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. पटना पुलिस सवालों के कटघरे में खड़ी है. एक बार फिर से बेलगाम अपराधियों ने पटना पुलिस को खुली चुनौती देते हुए युवक पर ताबतोड़ गोलियां बरसाई हैं. मामला राजधानी पटना से सटे फुलवारीशरीफ थाना के बिस्कुट फैक्ट्री मोड़ के पास का है, जहां दिनदहाड़े अज्ञात मोटरसाइकिल सवार अपराधियों ने एक युवक को गोलियों से भून डाला. इसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गई है. सीसीटीवी भी खंगाला जा रहा है.

जमीन विवाद है हत्या के की वजह

बताया जाता है कि घटना को अंजाम देने के बाद पांच मोटरसाइकिल सवार अपराधी आराम से फायरिंग करते हुए मौके से फरार हो गए. मृतक की पहचान फुलवारीशरीफ थाना के बिस्किट फैक्ट्री मोड़ के निवासी सुरेश सिंह के 36 वर्षीय पुत्र अमित कुमार के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार गोली लगने के बाद घायल अमित कुमार को इलाज के लिए एम्स ले जाया जा रहा था. लेकिन, इसी दौरान रास्ते में ही युवक की मौत हो गई. घटना के पीछे की वजह जमीन विवाद बताया जा रहा है.

घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुटी रही. गोलीबारी की सूचना मिलते ही फुलवारीशरीफ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुशील कुमार एवं फुलवारीशरीफ थाना पुलिस दलबल के साथ मौके वरदात पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई. शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. घटनास्थल पर लगा सीसीटीवी खंगाला जा रहा है. मौके से एक मैगजीन बरामद की गई है.

मामले की तफ्तीश में जुटी है पुलिस 

फुलवारी शरीफ एसडीपीओ सुशील कुमार ने बताया कि घटना दोपहर करीब ढाई बजे की है. बाइक पर सवार दो लोग थे, जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है . घटना की सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची. उन्हें एम्स में ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मोत हो गई. पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है. 

8. बिहार पैक्स चुनाव में धांधली की आशंका, नवादा की इस पंचायत में कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब


बिहार में पैक्स चुनाव की तिथि की घोषणा होते ही पैक्स अध्यक्षों के जरिए शह और मात का खेल शुरू हो गया है, जिससे मतदाताओं में भारी आक्रोश है. ऐसा ही एक मामला रजौली प्रखंड के चितरकोली पैक्स का है, जहां वर्तमान पैक्स अध्यक्ष और जिला सहकारिता कार्यालय की मिलीभगत से जीवित मतदाताओं को मृत बताकर वोटर लिस्ट से नाम हटा दिया गया है. इसके बाद जीवित मतदाताओं ने मंगलवार को रजौली के प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव झा से मिलकर अपने जीवित होने का प्रमाण दिया और मतदान से वंचित करने के नापाक प्रयास में शामिल दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.

मृत बताकर नाम मतदाता सूची से हटा

जिला सहकारिता कार्यालय से जिस मतदाता सूची को प्रकाशित किया गया है. उस मतदाता क्रम संख्या-181 में राजकुमारी देवी पति शुकर यादव, क्रम संख्या-182 में सुरेंद्र यादव पिता सुकर यादव और क्रम संख्या-183 में सनोज देवी पति सुरेंद्र यादव तीनों का घर चितरकोली अंकित है और यह तीनों एक ही परिवार के सदस्य हैं और यह तीनों जीवित हैं., जबकि वोटर लिस्ट में इन तीनों व्यक्ति को मृत बताकर इनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है.

पैक्स अध्यक्षों के जरिए सरकारी दर पर धान खरीद और फिर चावल देने के खेल तो जारी हैं ही, लेकिन चुनाव जीतने के लिए वर्तमान पैक्स अध्यक्षों के जरिए अपने चहेते वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर किया गया है और अपने पक्ष में वोट नहीं देने वाले जीवित मतदाताओं को मृत बताकर मतदाता सूची से नाम ही हटा दिया गया है. हद तो यह है की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का सारा खेल जिला सहकारिता कार्यालय की मिलीभगत से किया गया है और इस कृत्य में जिला सहकारिता कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है.

मामले का खुलासा तब हुआ जब वोटर लिस्ट का प्रकाशन हुआ और वोटर लिस्ट में दावा आपत्ति का तिथि प्रकाशित हुआ।इस संबंध में चितरकोली पंचायत के दर्जनों पैक्स मतदाताओं ने बताया कि जिला सहकारिता कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है. लोगों का कहना है कि वोट देने से वंचित करने जैसे कृत्य में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ताकि किसी भी मतदाता को वोट देने के अधिकार से वंचित होना ना पड़े.

पैक्स चुनाव की निष्पक्षता पर उठ रहे सवाल

प्रखंड विकास पदाधिकारी रजौली से मिलने आए मतदाताओं ने बताया कि चितरकोली पैक्स मतदाता सूची में गड़बड़ी की पूरी आशंका है, क्योंकि जिन मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में जोड़ा गया है. उसमें कई मतदाता पोषक क्षेत्र के बाहर के रहने वाले हैं. अगर समय रहते वरीय अधिकारियों ने इस मामले पर गंभीरता से पहल नहीं किया तो आने वाले दिनों में पैक्स चुनाव निष्पक्ष होने की संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है.

9. 'JDU माने जहां दारू अनलिमिटेड', जवाब मिला 'RJD का मतलब राष्ट्रीय जहरीला दल'


बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब पीने से लोगों की हो रही मौतों के बाद विपक्षी पार्टियां सत्ता पक्ष पर हमलावर हैं। इस बीच, गुरुवार को लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने जदयू पर जोरदार कटाक्ष करते हुए पार्टी का नया नाम दे दिया। इसके बाद जदयू ने भी पलटवार करने में देरी नहीं की।

JDU माने जहां दारु अनलिमिटेड

दरअसल, राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने गुरुवार को कहा कि जदयू का मतलब ही होता है, जहां दारू अनलिमिटेड उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि जे का मतलब- जहां, डी का मतलब- दारू और यू का मतलब-अनलिमिटेड उपलब्ध। बिहार में कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां शराब उपलब्ध नहीं है। ये हालत तब है, जब बिहार में शराबबंदी लागू है। लोग जहरीली शराब पीकर मौत को गले लगा रहे हैं। बिहार में शराब की समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है।

राजद ने JDU पर बोला तीखा हमला

इस नामकरण के पक्ष में राजद नेता कई उदाहरण का जिक्र कर रहे हैं, जिसमें शराब व्यवसाय में जदयू के नेता का हाथ साबित हुआ। बतौर उदाहरण राजद नेता खगड़िया की एक घटना का जिक्र करते हैं। वे कहते हैं कि JDU का नेता 'शराब के व्यवसाय में पकड़ा जाता है। पुलिस केस दर्ज करती है। कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल होती पर जेडीयू नेतृत्व पर इसका कोई असर नहीं हुआ। जिलाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें राजनीतिक दुश्मनी में फंसाया गया है।'

कब का है मामला

ये मामला 22 अप्रैल 2024 का है जब खगड़िया पुलिस ने जेडीयू के एक प्रखंड अध्यक्ष के निजी परिसर से शराब बरामद की थी। पुलिस ने जेडीयू के प्रखंड अध्यक्ष के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने जांच में आरोप सत्य पाया। जांच अधिकारी ने आरोप सत्य पाते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।लेकिन प्रखंड अध्यक्ष अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं। मामला खगड़िया जिले के गोगरी प्रखंड का है।

राजद नेता गिना रहे मामले

राजद के नेता नालंदा की एक घटना के बारे में भी बताते है।सितंबर महीने में जदयू के एक नेता अपने 3 अन्य सहयोगियों के साथ शराब की तस्करी करते पकड़े गए। इस घटना बिहारशरीफ के नगर थाना क्षेत्र अम्बेर चौक स्थित एक निजी स्कूल में जाम छलका रहे जदयू प्रखंड अध्यक्ष सीताराम प्रसाद तस्कर सहित 14 लोग गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने वहां से 292.32 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की। पुलिस ने इन लोगों के पास से 2 लाख 88 हजार रुपए नकद और ताश के पत्ते, मोबाइल और बाइक बरामद किए। शराब तस्करी के मामले में कुछ वर्ष पहले मुजफ्फरपुर के रहने वाले जदयू के प्रदेश महासचिव विजय सिंह पटेल को स्प्रिट की तस्करी में पकड़ा गया था।उन्हें पलामू की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यह दीगर कि बाद में जनता दल यू से सफाई आई कि इस नाम का कोई पदाधिकारी नहीं है।

10. अभिषेक और ऐश्‍वर्या! एक महानायक का बेटा दूसरी विश्‍व सुंदरी, किसके पास है ज्‍यादा पैसा, क्‍या है कमाई का जरिया


बॉलीवुड के सबसे आदर्श कपल के बीच दरार आने की खबरें कई दिनों से मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई हैं. अटकलबाजों ने तो यहां तक कह दिया कि अभिषेक बच्‍चन और ऐश्‍वर्या राय तलाक लेने जा रहे. पिछले कुछ दिनों से दोनों के साथ नहीं दिखाई देने पर इन अफवाहों को और हवा मिली है. अभिषेक बच्‍चन जो न सिर्फ खुद एक कामयाब एक्‍टर हैं, बल्कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्‍चन के इकलौटे बेटे भी हैं. दूसरी तरफ उनकी पत्‍नी ऐश्‍वर्या राय बच्‍चन ने अपनी अदाकारी और खूबसूरती से दुनियाभर में अलग पहचान बनाई है. ऐश्‍वर्या ने बॉलीवुड में एंट्री से पहले विश्‍व सुंदरी का खिताब भी जीता था.

अभिषेक और ऐश्‍वर्या की शादी करीब 16 साल पहले हुई थी और माना जा रहा था कि यह जोड़ी कभी अलग नहीं होगी. फिलहाल दोनों में सबकुछ ठीक चलता तो नहीं दिख रहा और अटकलबाजों की मानें तो यह कपल अब अलग होने की कगार पर है. ऐसे में आपके मन में भी सवाल उठता होगा कि आखिर दोनों में से ज्‍यादा अमीर कौन है. ऐश्‍वर्या राय तो पिछले कई साल से किसी मूवी या सीरीज में भी नहीं दिखी हैं तो आखिर अब उनकी कमाई का जरिया क्‍या रह गया है. इन सभी सवालों के जवाब हम आपको सिलसिलेवार ढंग से दे रहे हैं.

अभिषेक के पर कितना पैसा

कई मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि अक्‍टूबर, 2024 तक अभिषेक बच्‍चन के पास करीब 280 करोड़ रुपये की नेटवर्थ रही. उनके पास स्‍काईलार्क टॉवर में 5 बीएचके अपार्टमेंट है, जिसकी कीमत 41.14 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसके अलावा जून में बोरिवली में 6 अपार्टमेंट 15 करोड़ रुपये में खरीदा था. दुबई के पॉश जुमेरिया इलाके में भी उनकी एक प्रॉपर्टी है, जिसकी कीमत करोड़ रुपये बताई जाती है. इसके अलावा अभिषेक बच्‍चन ने इंडियन सुपर लीग में एक फुटबाल टीम करीब 30 करोड़ में खरीदी है तो प्रो कबड्डी लीग में 100 करोड़ का निवेश किया है. उनके पास 3.29 करोड़ से लेकर 1.33 करोड़ तक कई लग्‍जरी कारें भी हैं.

क्‍या है अभिषेक की कमाई का जरिया

अभिषेक बच्‍चन एक मूवी के लिए करीब 10 से 12 करोड़ रुपये की फीस लेते हैं. इसके अलावा वेब सीरीज के लिए भी वह करोड़ों रुपये चार्ज करते हैं. अभिषेक के पास 6 से ज्‍यादा कंपनियों का एंडोर्समेंट भी है, जिनसे हर साल 15 से 20 करोड़ रुपये कमाते हैं. इन सोर्स के अलावा अभिषेक बच्‍चन की अपने पिता अमिताभ बच्‍चन की कंपनी एबीसी कॉर्प में भी बड़ी हिस्‍सेदारी है, जहां से हर साल करोड़ रुपये की कमाई करते हैं.



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