1. रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात
रूस के कजान शहर में 16वें ब्रिक्स समिट से इतर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई. पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के हुई द्विपक्षीय मुलाकात में भारतीय विदेस मंत्री एस जयशंकर भी उनके साथ बैठे दिखे. इस द्विपक्षीय वार्ता में रूसी राष्ट्रपति ने कुछ ऐसा कहा जिससे बैठक में मौजूद सारे लोग हंस पड़े. उन्होंने कहा, ‘हमारे तो आपसे ऐसे रिश्ते हैं कि लगता ही नहीं कि ट्रांसलेशन की जरूरत पड़ेगी.’ इस पर रूसी प्रतिनिधिमंडल भी हंस पड़ा और नरेंद्र मोदी भी ठहाका लगाने लगे.
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘रूस और भारत के बीच जो सहयोग चल रहा है, उसे हम बहुत अहम मानते हैं. दोनों देश मूल सदस्य देश हैं ब्रिक्स के. रूस और भारत के बीच स्पेशल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप है. ये रिश्ता बढता रहेगा. हमारे विदेश मंत्री संपर्क में रहते हैं. हमारे व्यापार भी आगे बढ़ रहा है. 12 दिसंबर को नई दिल्ली में अगली बैठक भी होगी. हमारी बड़ी योजनाएं विकसित हो रही हैं. आपने जो कजान में भारत का काउंसिल जनरल खोलने का फैसला किया है उसका स्वागत करते हैं.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘भारत की कूटनीतिक उपस्थिति से हमारे सहयोग को फायदा मिलेगा. हम आपको यहां पाकर बहुत खुश हैं.’
राष्ट्रपति पुतिन से क्या बोले पीएम मोदी?
वहीं पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के इस अभिवादन का धन्यवाद देते हुए कहा, ‘मैं आपकी मित्रता और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं… इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. कजान में भारत के नए कांसुलेट खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे.’
2. भारत और चीन के बीच 'गश्त' को लेकर बनी सहमति, पर क्या इन विवादों का हो पाएगा स्थाई समाधान?
लंबे समय बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने की सहमति बनी है और इसके साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद भी बढ़ गई है.
रूस के कज़ान में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी के रवाना होने से पहले भारत ने सोमवार को 'सैनिकों की गश्त' को लेकर समझौता होने की घोषणा की है.
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का कहना है कि 'इस समझौते से दोनों देशों के बीच सीमा पर साल 2020 से पहले की स्थिति बहाल होगी.'
यानी कि साल 2020 में भारतीय सैनिक जिस हद तक गश्त कर रहे थे, अब फिर से वहीं तक गश्त कर सकेंगे.
साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 भारतीय सैनिकों के साथ कई चीनी सैनिक मारे गए थे
दो साल बाद 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई.
गलवान की घटना के बाद से बढ़े तनाव के बीच दोनों देशों ने सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी थी.
चीन ने पूर्वी लद्दाख़ की पैंगोंग त्सो झील में अपनी गश्ती नौकाओं की तैनाती बढ़ाई. ये इलाक़ा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पास है.
भारत ने तब कहा था कि अक्साई चिन में स्थित गलवान घाटी के किनारे, चीनी सेना के कुछ टेंट देखे गए हैं. इसके बाद भारत ने भी वहां फ़ौज की तैनाती बढ़ा दी. चीन का आरोप था कि भारत गलवान घाटी के पास रक्षा संबंधी ग़ैर-क़ानूनी निर्माण कर रहा है.
भारत चीन के बीच 1975 के बाद 2020 में पहली बार इस पैमाने पर हिंसक झड़प हुई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का लंबा इतिहास रहा है.
सालों पुराना सीमा विवाद
भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. ये सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुज़रती है.
ये सरहद तीन सेक्टरों में बंटी हुई है - पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश.
दोनों देशों के बीच अब तक पूरी तरह से सीमांकन नहीं हुआ है क्योंकि कई इलाक़ों के बारे में दोनों के बीच मतभेद हैं.
भारत पश्चिमी सेक्टर में अक्साई चिन पर अपना दावा करता है, लेकिन ये इलाक़ा फ़िलहाल चीन के नियंत्रण में है. भारत के साथ 1962 के युद्ध के दौरान चीन ने इस पूरे इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
वहीं, पूर्वी सेक्टर में चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है. चीन कहता है कि ये दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है. तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश के बीच की मैकमोहन रेखा को भी चीन नहीं मानता है.
चीन का कहना है कि 1914 में जब ब्रिटिश भारत और तिब्बत के प्रतिनिधियों ने ये समझौता किया था, तब वो वहां मौजूद नहीं था. चीन का कहना है कि तिब्बत चीन का अंग रहा है इसलिए वो (तिब्बत) ख़ुद कोई फ़ैसला नहीं ले सकता.
दरअसल 1914 में तिब्बत एक स्वतंत्र लेकिन कमज़ोर मुल्क था लेकिन चीन ने तिब्बत को कभी स्वतंत्र मुल्क नहीं माना. 1950 में चीन ने तिब्बत को पूरी तरह से अपने क़ब्ज़े में ले लिया.
कुल मिलाकर चीन अरुणाचल प्रदेश में मैकमोहन लाइन को नहीं मानता और अक्साई चिन पर भारत के दावे को भी ख़ारिज करता है.
एलएसी को लेकर क्यों है विवाद
इन विवादों की वजह से दोनों देशों के बीच कभी सीमा का स्थाई निर्धारण नहीं हो सका.
यथास्थिति बनाए रखने के लिए लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी शब्द का इस्तेमाल किया जाने लगा. हालांकि अभी ये भी स्पष्ट नहीं है.
दोनों देश अपनी अलग-अलग लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल बताते हैं.
इस लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर कई ग्लेशियर, बर्फ़ के रेगिस्तान, पहाड़ और नदियां पड़ती हैं.
एलएसी के साथ लगने वाले कई ऐसे इलाक़े हैं जहां अक्सर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव की ख़बरें आती रहती हैं.
3. अमेरिकी डॉलर को मिलेगी चुनौती? ब्रिक्स देश बनायेंगे अपनी करेंसी!
ब्रिक्स देशों (BRICS Nations) की अपनी करेंसी की चर्चा तब सामने आई थी जब अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में हुए ब्रिक सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) ने ब्रिक्स देशों के बीच आपस में ट्रेड और इंवेस्टमेंट के लिए कॉमन करेंसी बनाने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि तब सदस्य देशों ने ही इस आईडिया को ज्यादा तरजीह नहीं दी क्योंकि इसकी राह में कई चुनौतियां मौजूद है. ब्रिक्स देशों के बीच ही आर्थिक, राजनीतिक और भौगोलिक तौर पर कई विषमताएं हैं.
रूस (Russia) के कजान (Kazan) में 22 से 24 अक्टूबर 2024 तक ब्रिक्स समिट होने जा रहा है. समिट से पहले ब्रिक्स की अपनी करेंसी पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, अभी इसका समय नहीं आया है. हालांकि उन्होंने कहा, 10 देशों के समूह वाला ये संगठन आपसी ट्रेड और इंवेस्टमेंट के लिए डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के इस्तेमाल की संभावनाएं तलाश रहा है. उन्होंने बताया कि रूस भारत समेत दूसरे देशों से इस पर लगातार बात कर रहा है.
ब्रिक्स में शामिल सदस्य देशों में दुनिया की 45 फीसदी आबादी रहती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इनकी 28 फीसदी हिस्सेदारी है. जाहिर है ब्रिक्स देशों के समूह का दुनिया में बड़ा प्रभाव है. इसी प्रभाव के चलते ब्रिक्स देशों की अपनी करेंसी की मांग उठती रही है जिससे डॉलर के प्रभाव को चुनौती दी जा सके. ब्रिक्स में ये क्षमता है कि वो अपनी करेंसी बनाकर अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती दे सके. हालांकि डॉलर की जगह लेना किसी भी करेंसी के लिए इतना आसान भी नहीं है.
कई देशों के जानकार ये कहते रहे हैं कि अमेरिकी करेंसी डॉलर के अलावा दुनिया में एक और करेंसी को रिजर्व करेंसी का स्टेट्स मिलना चाहिए जिससे अमेरिकी डॉलर के दबदबे को चुनौती दी जा सके. डी-डॉलराइजेशन को लेकर दुनियाभर चर्चा होती रहती है. रिजर्व करेंसी के तौर पर अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता घटाने को डी-डॉलराइजेशन कहा जाता है. कच्चे तेल से लेकर दूसरे कमोडिटी, अपने विदेशी मुद्रा भंडार को भरने के लिए सेंट्रल बैंक डॉलर्स खरीदते हैं साथ ही द्विपक्षीय ट्रेड के लिए भी डॉलर का इस्तेमाल किया जाता है. 1920 में डॉलर ने रिजर्व करेंसी के तौर पर पाउंड स्टर्लिंग की जगह ले ली थी. वैश्विक तनाव, ट्रेड वॉर, आर्थिक प्रतिबंध ऐसे प्रमुख वजहें हैं जिसके चलते दुनिया में डी-डॉलराइजेशन को लेकर चर्चा हो रही है लेकिन इसका कोई नतीजा अभी तक नहीं निकल पाया है.
साल 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन में ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा था कि जो देश अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल नहीं करते हैं उन्हें ट्रेड के लिए डॉलर का इस्तेमाल करने खातिर बाध्य नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ब्रिक्स देशों की अपनी करेंसी होने से पेमेंट का विकल्प बढ़ जाएगा और इससे करेंसी में होने वाले उतार-चढ़ाव को कम करने में भी मदद मिलेगी.
ब्रिक्स देश अपनी करेंसी बनाते हैं तो इससे अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को तगड़ा झटका लग सकता है. कई देशों का मानना है कि अमेरिका और उसकी ताकतवर करेंसी डॉलर को बड़ी चुनौती तभी दी जा सकती है जब अमेरिका के आर्थिक ताकत पर चोट किया जाए. दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों में रखे 60 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर के रूप में मौजूद है.
4. हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग पर शेयरधारकों को हुआ नुकसान, 4 फीसदी से ज्यादा टूटा स्टॉक
हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग का इंतजार आज खत्म हो गया है. देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के आईपीओ वाले शेयरों की लिस्टिंग आज BSE-NSE पर हो गई है. बीएसई पर हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग 1931 रुपये प्रति शेयर पर हुई है और एनएसई पर हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग 1934 रुपये पर हुई है. हुंडई मोटर के आईपीओ में शेयरों का प्राइस बैंड 1960 रुपये प्रति शेयर पर था. सपाट लिस्टिंग के बाद इसके शेयर नीचे की तरफ 1844.65 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे और 4.50 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे.
हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग पर गेन नहीं
शेयर बाजार मे जैसा देखा गया है कि बेहद विशाल आईपीओ की लिस्टिंग पर उस तरह का लिस्टिंग गेन नहीं मिल पाया था, कमोबेश वैसा ही हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग के साथ हुआ है. इसके शेयर डिस्काउंट पर लिस्ट हुए हैं और इस लिस्टिंग को फ्लैट लिस्टिंग कहा जाएगा क्योंकि निवेशकों को इसकी लिस्टिंग से अच्छा सपोर्ट मिलने की उम्मीद थी.
1.3 परसेंट डिस्काउंट पर हुई लिस्टिंग
एनएसई पर 1934 रुपये प्रति शेयर के आईपीओ प्राइस के सामने हुंडई मोटर इंडिया की लिस्टिंग 1934 रुपये पर हुई जो कि 1.3 परसेंट के डिस्काउंट पर है. वहीं बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 1931 रुपये पर है जो कि 1.5 परसेंट का डिस्काउंट है. लिस्टिंग के बाद हुंडई मोटर इंडिया के शेयर 1844.65 रुपये तक नीचे गए थे और ऊपरी लेवल में 1970 रुपये प्रति शेयर तक के लेवल दिखाए थे.
भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ
भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का साइज के हिसाब से सबसे बड़ा आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ था और इसमें 27,870.16 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश की गई थी. ये आईपीओ 15 से 17 अक्टूबर तक खुला हुआ था. कंपनी ने ऑफर फॉर सेल के तहत आईपीओ के जरिए 27870 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. कंपनी ने 10 रुपये के फेस वैल्यू पर ये शेयर जारी किए थे. ये आईपीओ 2.37 गुना सब्सक्राइब हुआ और संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित कोटा कुल 6.97 गुना सब्सक्राइब हुआ था.
5. बिहार में 4 नेताओं की सुरक्षा बढ़ी, नंद किशोर यादव और नीरज कुमार सिंह को Y+ सिक्योरिटी
बिहार में चार नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है. बिहार सरकार के गृह विभाग की ओर से सोमवार (21 अक्टूबर) को इस संबंध में पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) को पत्र लिखा गया है. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, नीरज कुमार सिंह, सांसद प्रदीप कुमार सिंह और जेडीयू एमएलसी संजय कुमार सिंह की सुरक्षा बढ़ाई गई है.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव Y+ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. साथ ही लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह को Y+ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. इसके अलावा अररिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद प्रदीप कुमार सिंह को Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है. वहीं बिहार विधान परिषद के सदस्य संजय कुमार सिंह को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
हाल ही में कई और नेताओं की बढ़ाई गई थी सुरक्षा
बता दें कि अभी कुछ महीने पहले ही कई सांसद और मंत्री की सुरक्षा बिहार में बढ़ाई गई थी. सांसद देवेश चंद्र ठाकुर और नवादा सांसद विवेक ठाकुर को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. मंत्री लेसी सिंह को जेड सुरक्षा दी गई थी. इसके साथ ही लेसी सिंह प्रदेश की ऐसी पहली मंत्री हो गई जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. बिहार सरकार की सुरक्षा समिति समन्वय की बैठक में यह फैसला लिया गया था.
इनके अलावा जेडीयू के कार्यकारीय अध्यक्ष संजय कुमार झा को भी जेड सुरक्षा दी गई है. इनके अलावा उधर 'हम' के विधायक अनिल कुमार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. बीजेपी विधायक तारकिशोर प्रसाद, राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत कई अन्य नेताओं को भी वीआईपी सुरक्षा मिली हुई है. नीतीश सरकार में दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को जेड प्लस की सुरक्षा दी गई है.
6. BIHAR: पेपर लीक मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के घर EOU की रेड
नालंदा में नीट पेपर लीक मामले को लेकर मंगलवार (22 अक्टूबर) को सर्च वारंट के साथ पुलिस पदाधिकारी और आर्थिक अपराध इकाई की टीम संजीव मुखिया के घर पर अचानक पहुंची और छापेमारी करने में जुटी गई. इसके बाद गांव में हड़कंप मच गया है. जांच टीम संजीव मुखिया के घर पर पहुंचकर पूरे कमरे से लेकर अन्य स्थान पर जाकर सर्च किया है. कुछ कागजात बरामद हुए हैं.
नीट पेपर लीक मामले में हुई छापेमारी
नीट पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया का नाम आने के बाद नालंदा एक बार फिर से चर्चा में था, पेपर लीक मामले में ही संजीव मुखिया का पुत्र अभी जेल में है, मगर पिता पुलिस की गिरफ्त से दूर है. पुलिस कई बार गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर चुकी है. हमेशा ही संजीव मुखिया फरार मिला है. घर पर संजीव मुखिया के कई परिवार वाले मौजूद थे, जिनसे पूछताछ की गई है.
नागरनौसा थाना प्रभारी पंकज कुमार पवन ने बताया कि कई कागजात भी बरामद की गई है. इस छापेमारी को गोपनीय तरीके से की है. नगरनौसा थाना प्रभारी पंकज कुमार पवन ने इस छापेमारी की फोन पर की पुष्टि की है. बताते चलें कि संजीव मुखिया का पैतृक गांव नगरनौसा प्रखंड के भुतहाखार पंचायत के बलवापर है और इसी गांव के घर पर छापेमारी की गई है. हालांकि इस छापेमारी को लेकर मीडिया को दूर रखा गया है और गोपनीय जानकारी तरीके से की गई है.
बिहार में कई परीक्षा के पेपर हुए लीक
बताते चलें कि सिपाही भर्ती परीक्षा एक अक्टूबर 2023 को हुई थी, उसके बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा 15 मार्च 2024 और नीट परीक्षा एक मई 2024 को हुई थी, मगर तीनों ही परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. तभी जांच में यह सामने आया कि तीनों परीक्षा का पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया है. सिपाही भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक के बाद रद्द कर दिया गई थी.
7. व्हाट्सऐप आपसे पैसे नहीं लेता फिर कमाई कैसे करता है?
पिछले 24 घंटे में मैंने 100 से ज़्यादा व्हाट्सऐप मैसेज किए हैं.
ज़्यादातर वही रोज़मर्रा की बातें थीं. मैंने परिवार के साथ प्लान बनाए, सहकर्मियों से काम के बारे में बातें कीं, कुछ लोगों को ख़बरें भेजीं और दोस्तों के साथ गपशप और चुगली की.
व्हाट्सऐप पर होने वाली सामान्य बातें भी इनक्रिप्टेड होती हैं. इसके लिए व्हाट्सऐप के शक्तिशाली कंप्यूटर सर्वर होते हैं, जो दुनिया भर के कई डेटा सेंटर में लगे हुए हैं.
ये कोई छोटा-मोटा संचालन का काम नहीं है. इसके लिए बड़े ऑपरेशन की ज़रूरत होती है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर क़रीब तीन अरब यूज़र्स हैं. लेकिन ना तो मैं और ना मेरे साथ बात कर कर रहा कोई भी व्यक्ति कभी व्टाट्सऐप इस्तेमाल करने के लिए पैसा ख़र्च करता है.
सबसे पहले तो व्हाट्सऐप को मूल कंपनी मेटा का सहारा है, जिसके पास फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम का भी मालिकाना हक़ है.
व्हाट्सऐप की कमाई का ज़रिया क्या है?
इमेज कैप्शन,दुनिया के कई देशों में व्हाट्सऐप मैसेज का सबसे अहम स्रोत बन गया है
मेरे जैसे लोगों के व्हाट्सऐप अकाउंट इसलिए मुफ़्त हैं क्योंकि व्हाट्सऐप वैसे कॉर्पोरेट कस्टमर से कमाई करता है जो मुझ जैसे कस्टमर से संपर्क करना चाहते हैं.
पिछले साल से कंपनियां व्हाट्सऐप पर मुफ़्त में चैनल बना रही हैं, और वो उन सभी यूज़र्स को मैसेज भेज सकती हैं, जो उन्हें सब्सक्राइब करते हैं.
लेकिन ये कंपनियां हम जैसे कस्टमर से बात करने के लिए प्रीमियम का भुगतान करती हैं.
ब्रिटेन में तो ये सारी चीज़ें अभी नई-नई हैं लेकिन बेंगलुरु जैसे शहर में आप बस का टिकट भी इसकी मदद से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं, अपनी सीट चुन सकते हैं.
मेटा की एक वरिष्ठ अधिकारी निकिला श्रीनिवासन ने कहा, "हमारा मक़सद है कि यहां बिज़नेस और कस्टमर दोनों ही अपना काम आसानी से चैट थ्रेड में कर पाएं. "
उन्होंने कहा, "इसका मतलब होता है कि अगर आप एक टिकट बुक करना चाहते हैं, अगर आप कुछ रिटर्न करना चाहते हैं, आप पेमेंट करना चाहते हैं तो आप ये सभी चैट थ्रेड के बिना बाहर गए कर पाएं. और यहां से सीधे निकलकर चैट में अपने परिवार और दोस्तों से बात कर पाएं."
आप अपने फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर मौजूद ऑनलाइन विज्ञापन के लिंक पर क्लिक कर सीधे व्टाट्सऐप चैट से जुड़ सकते हैं और भुगतान कर सकते हैं. श्रीनिवासन कहती हैं कि ये चीज़ अकेले ही टेक की इस दिग्गज कंपनी के लिए 'कई अरब डॉलर' वैल्यू की है.
दूसरे मैसेजिंग ऐप्स के रेवेन्यू मॉडल
इमेज कैप्शन,अलग-अलग मैसेजिंग ऐप्स कई तरह के रेवेन्यू मॉडल के साथ काम करते हैं
दूसरे मैसेजिंग ऐप भी अलग-अलग रेवेन्यू मॉडल पर काम करते हैं. जैसे कि सिग्नल- जो एक ऐसा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म जो अपने सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के लिए जाना जाता है, वो गैर लाभकारी संगठन है.
सिग्नल का कहना है कि इसने कभी निवेशकों से पैसे नहीं लिए, जबकि टेलीग्राम जैसे ऐप ऐसा करते हैं.
सिग्नल चंदे पर चलता है- जिसमें ब्रायन एक्टोन के द्वारा दिया गया 50 मिलियन डॉलर योगदान शामिल है. वो 2018 में व्हाट्सऐप के सह-संस्थापकों में से एक थे.
सिग्नल की प्रेसिडेंट मेरेडिथ व्हिटेकर ने पिछले साल एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था, "हमारा लक्ष्य जहां तक संभव हो वहां तक छोटे चंदा देने वालों के सहयोग से चलने का है, उन लोगों पर निर्भर होना है जो वाकई सिग्नल के बारे में सोचते हैं."
वहीं, डिस्कॉर्ड नाम के मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल ज़्यादातर युवा गेमर्स करते हैं, ये फ्रीमियम मॉडल पर है यानी इसे आप फ़्री में साइन अप तो कर सकते हैं लेकिन अतिरिक्त फ़ीचर्स के लिए आपको भुगतान करना पड़ता है.
वहीं स्नैप (स्नैपचैट की कंपनी) कई मॉडल आधारित है. यहां विज्ञापन होते हैं, इसके पास 1 करोड़ 10 लाख वैसे सब्सक्राइबर हैं जो भुगतान करते हैं (अगस्त 2024 के डेटा के अनुसार) और ये ऑगमेंटेड रियलिटी ग्लासेस स्नैपचैट स्पेक्टेकल्स भी बेचते हैं.
स्नैप के रेवेन्यू का मुख्य स्रोत विज्ञापन है, जिससे क़रीब सालाना 4 अरब डॉलर से अधिक कमाई होती है.
8. लॉरेंस बिश्नोई की धमकियों से नहीं डरा बॉलीवुड का टाइगर, सलमान खान ने अब लिया ये फैसला
सुपरस्टार सलमान खान ने आधिकारिक तौर पर अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म सिकंदर की शूटिंग फिर से शुरू कर दी है. थोड़े समय के अंतराल के बाद, प्रशंसक इस प्रतिष्ठित अभिनेता को फिर से सेट पर देखने के लिए उत्सुक हैं, जिससे इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साह फिर से बढ़ गया है. सिकंदर को लेकर बहुत उम्मीदें हैं, इस फिल्म में सलमान के खास करिश्मे को एक आकर्षक कहानी के साथ जोड़ा गया है, जिसने पहले ही इंडस्ट्री में काफी चर्चा बटोरी है.
प्रोडक्शन से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, "निर्धारित शेड्यूल के अनुसार, सलमान खान ने सिकंदर की शूटिंग फिर से शुरू कर दी है." यह कथन समय पर प्रोडक्शन प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो एक गुणवत्तापूर्ण फिल्म देने के लिए टीम के समर्पण को दर्शाता है. सिकंदर सलमान के लिए एक उल्लेखनीय वापसी है, जो दशकों से बॉलीवुड की आधारशिला रहे हैं. प्रशंसक इस प्रोजेक्ट को लेकर विशेष रूप से उत्साहित हैं, क्योंकि यह उनके शानदार करियर में एक नया अध्याय पेश करता है. फिल्म को आकर्षक कहानी और गतिशील अभिनय पर विशेष ध्यान देते हुए विकसित किया जा रहा है, जो सलमान खान के एक और यादगार अभिनय के लिए मंच तैयार कर रहा है.
सलमान खान ईद 2025 पर सिकंदर में नज़र आएंगे, जिसका निर्माण साजिद नाडियाडवाला ने किया है और निर्देशन एआर मुरुगादॉस ने किया है. सिकंदर को लेकर उत्सुकता सलमान की स्थायी अपील और फिल्म उद्योग पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाती है. जैसा कि प्रशंसक और अपडेट का इंतज़ार कर रहे हैं, एक बात स्पष्ट है: सलमान खान अपने दर्शकों को वह मनोरंजन और ड्रामा देंगे जिसकी उन्हें चाहत है.
9. एकता कपूर और उनकी माँ की इन वजहों से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
ऑल्ट बालाजी के वेब सिरीज़ 'गंदी बात' में नाबालिग लड़कियों के 'बोल्ड दृश्य' को लेकर ये मामला दर्ज हुआ है.
जिस एपिसोड को लेकर आरोप है अब उसका प्रसारण नहीं हो रहा है.
‘ऑल्ट बालाजी’ की वेब सिरीज़ ‘गंदी बात’ के इस शो में बोल्ड कंटेंट हैं. दर्ज मामले में धार्मिक भावनाएं भी आहत करने के आरोप हैं.
इन आरोपों पर एकता कपूर और उनकी मां की तरफ से अब तक कोई बयान नहीं आया है.
वेब सिरीज़ ‘गंदी बात’ में दृश्य पर हुआ विवाद
मुंबई के बोरीवली स्थित एमएचबी पुलिस थाने में ऑल्ट बालाजी की फ़ाउंडर एकता कपूर और उनकी मां और प्रोड्यूसर शोभा कपूर के ख़िलाफ़ मुंबई में पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस एक्ट) के तहत मामला दर्ज हुआ है.
दर्ज मामले में कहा गया है कि फ़रवरी 2021 से अप्रैल 2021 के बीच ‘ऑल्ट बालाजी’ पर दिखाई गई वेब सिरीज़ ‘गंदी बात’ में नाबालिग लड़कियों के बोल्ड दृश्य दिखाए गए.
बोरीवली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर किरन सोर्स ने बताया कि बोरीवली के स्वप्निल रिवाजी की शिकायत पर ये मामला दर्ज हुआ है.
रिवाजी ने शिकायत में कहा है कि शो में स्कूल के बच्चों को यूनिफॉर्म में किस करते दिखाया गया और शो में सिगरेट के विज्ञापन का इस्तेमाल करते हुए महापुरुषों और संतों का अपमान किया गया है.
बोरीवली पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर किरन सोर्स ने बताया कि मुंबई के सत्र न्यायालय से आदेश पर एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इस वेब सिरीज़ पर दर्ज हुई शिकायत में एक और आरोप ये भी है कि इसमें सिगरेट के विज्ञापन का इस्तेमाल करते हुए महापुरुषों और संतों का अपमान किया गया है. दृश्य में आपत्तिजनक और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली भी बात भी कही गई है.
10. भारत बनाम न्यूज़ीलैंड: रोहित शर्मा की टीम पर बेंगलुरु में हार के बाद अब साख बचाने की चुनौती
आइये, बिहार में बिज़नेस करें, बिहार को सशक्त करें। जुड़ें विश्वास के नाम के साथ व्हाट्सप्प ग्रुप पर (Click to join): https://chat.whatsapp.com/ErmCLik9G3n15yXefnopW8
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