प्रतिनिधि, विश्वास के नाम वारिसलीगंज :
जिले का एकमात्र वारिसलीगंज के श्री गौशाला को चालू कराने तथा बढ़ते पशु तस्करी पर अविलंब रोक लगाने की मांग को लेकर शुक्रवार को विहिप कार्यकर्ताओं ने करीब पांच घंटे तक सड़क जाम कर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। विहिप कार्यकर्ताओं एवं पुलिस द्वारा चार माह पूर्व जब्त किए गए डेढ़ दर्जन से अधिक पशुओं को सड़क पर बांधकर कार्यकर्ता खुद सड़क पर बैठ गए। प्रशासन से अपनी मांगों को शीघ्र पूरा कराने पर अड़े रहे। सुबह करीब 09 बजे से दो बजे तेज वर्षा के बावजूद कार्यकर्ता अपनी आवाज को बुलन्द करते रहे।
कार्यकर्ताओ का कहना था कि जिले का एकमात्र वारिसलीगंज स्थित श्री गौशाला प्रबंधन की लापरवाही के कारण कई वर्षों से मृतप्राय हो चुका है। पुरानी कमेटी के सचिव सभी लेखा जोखा रखे हैं। गौशाला का पदेन अध्यक्ष सदर एसडीएम गौशाला संचालन के प्रति विशेष रुचि नहीं रखते हैं। फलस्वरूप बाजार मे छुट्टा पशु दिनभर इधर-उधर घूमकर पेट भरते हैं। कभी कभी घुमंतु पशु बाजार के सघन आबादी वाले स्थानों पर लोगो को नुकसान पहुंचा देते हैं। जबकि वारिसलीगंज बाजार के गौरक्षणी मोहल्ला स्थित बड़े परिसर में गौशाला अवस्थित है। जहां 15 वर्ष पहले तक सैंकड़ों पशु जिसमें दुधारू एवं सांढ़ हुआ करता था। जिसके चारा आदि की व्यवस्था गौशाला प्रबंधन करती थी। क्षेत्र के लोग अपने बूढ़े पशुओं को गौशाला पहुंचा देते थे। परंतु कमेटी की निष्क्रियता से गौशाला जीर्ण शीर्ण हो चुका है। गौशाला के पास करोड़ों की जमीन है। बावजूद उसकी बदतर हालात से खिन्न विहिप के लोगों द्वारा सड़क जाम कर गौशाला को पुनः व्यवस्थित करने के लिए नई कमेटी बनाने, गौशाला के पशुओं के आहार की व्यवस्था कराने तथा बढ़ती पशु तस्करी पर रोक लगाने की मांग को लेकर पांच घंटे तक प्रदर्शन किया। परंतु प्रखंड से लेकर जिले तक के कोई भी अधिकारी गौरक्षकों का हाल जानने नहीं आया। अंततः दिन के 02 बजे के करीब आई तेज वर्षा ने कार्यकर्ताओं को तितर बितर कर दिया। फलतः सड़क जाम स्वत: समाप्त हो गया।
अप्रैल माह में जब्त हुए मवेशियों को चारा की कमी
विहिप कार्यकर्ताओ के प्रयास से स्थानीय पुलिस द्वारा अप्रैल 2024 में तस्करी को ले जाया जा रहा करीब डेढ़ दर्जन से अधिक पशुओं को मुक्त करवाकर श्री गौशाला में रखा गया। जिसके चारा-पानी की व्यवस्था विहिप कार्यकर्ता गांव देहातों में चंदा कर कर रहे हैं। जबकि गौशाला के पास स्थानीय विद्युत कार्यालय के पास डेढ़ एकड़ के करीब कीमती खेती योग्य भूमि है। वहीं रजौली के हाथोचक में भी गौशाला की कई बीघा जमीन होने की बात कार्यकर्ताओं ने बताया। बावजूद कभी पशुओं से गुलजार रहने वाला गौशाला अपनी बदहाली के लिए प्रबन्ध कमेटी को कोष रही है।
Post a Comment