झमाझम वर्षा से फसल को मिली संजीवनी, खेतों में छायी हरियाली

👉

झमाझम वर्षा से फसल को मिली संजीवनी, खेतों में छायी हरियाली



पर्याप्त वर्षा एवं पौरा पूर्वी नहर में लाल पानी देख किसानों के चेहरे खिले

पिछले 36 घंटों से प्रखंड क्षेत्र में हो रही है झमाझम बारिश 

प्रतिनिधि, विश्वास के नाम वारिसलीगंज : 

पिछले 36 घंटों से वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र में झमाझम वर्षा एवं पौरा पूर्वी नहर में आई लाल पानी ने  इलाके के किसानों के खेतों में धान की फसल में उर्वरक का काम किया है। खेतों में फसल देख किसानों को अपनी मेहनत साकार होते दिख रही है। जबकि प्रखंड के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाले कुछ गांव जैसे मोसमा, कोरमा, गडुआ, दोसुत, रहीमगंज, धनकौल आदि गांव में नहरी पानी खेतों तक नहीं पहुंच पाती है। फलतः किसानों को पम्पिंग सेट या फिर वर्षा के भरोसे धान की रोपनी करनी होती है। पिछले दिनों हुई लगातार वर्षा से किसानों को धान रोपने में काफी सहायता मिली है। 

इस बार प्रखंड के किसान कृषि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के करीब धान की रोपनी कर चुके हैं। विभागीय आकड़ों के अनुसार इस वर्ष धान की फसल के लिए 7951 हेक्टेयर खेतो में धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित था। जिसमें 97 फीसदी खेतों में धान की फसल का आच्छादन किया जा चुका है। जबकि बची खुची खेतों में रोपनी का कार्य अंतिम चरण में है। इस बार बरसात के शुरुआती में वर्षा कमजोर रही, लेकिन अब पर्याप्त वर्षा और कुछ दिनों तक लगातार वर्षा होने से किसानों के खेतों में धान की फसल को काफी फायदा है। बिना उर्वरक डाले फसल लहलहा रही है। कृषि कार्यालय से शुरुआती बरसात के खराब होने की स्थिति में मोटे अनाजों की खेती करने के लिए किसानों को अनुदानित बीज दिया गया है। लेकिन अच्छी वर्षा देख किसानों ने संबंधित खेतों में भी धान के फसल की रोपनी की है। आंकड़े के अनुसार मोटे अनाज के रूप में ज्वार 53.6 हेक्टेयर, बाजरा 35.6 हेक्टेयर, मडुआ 1.12 हेक्टेयर तथा चीना 6.12 हेक्टेयर खेतो में आच्छादित किया गया है। जो सिर्फ कागजी है।


उवर्रक की नहीं है कमी, कीमतें सामान्य 

इस बार क्षेत्र में यूरिया एवं डीएपी उर्वरक की उपलब्धता सामान्य है। किसानों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुरूप उवर्रक खरीद की जा रही है। फलतः उवर्रक की कीमत सामान्य ही है। अब जब धान की रोपनी समाप्त हो गई है तब सभी किसानों को यूरिया की आवश्यकता होगी। ऐसे में बाजार में यूरिया की कमी होती है तब अचानक भाव आसमान छूने लगता है और कालाबाजारियों को मौका मिल जाता है। हालांकि ऐसी स्थिति इस मौसम में अभी नहीं हुई है।

Post a Comment

Previous Post Next Post