- सुरक्षित प्रसव का दावा हुआ हवा - हवाई
- स्वजनों का आरोप, चिकित्सकीय सेवा की पवित्रता पर लगा रहा दाग
- महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा, शरीर से आ रही बदबू , नहीं मिलेगा बेड
- मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा का
प्रतिनिधि विश्वास के नाम जमुई: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा में चिकित्सकीय सेवा और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना हुई। यहां प्रसव पीड़ा से तड़प रही प्रसूता को बेड नहीं दिया गया। ऐसे में प्रसूता ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जन्मोंपरांत बच्चे की पहली किलकारी व्यवस्था की असंवेदनशील पर रोती प्रतीत हो रही थी। नवजात के आगमन पर परिवारवाले खुश होने के बजाय व्यवस्था के दर्द से सिसक रहे थे। स्वजनों का आरोप है कि अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने यह कह कर बेड नहीं दिया की प्रसूता के शरीर से बदबू आ रही है। स्वजन का यह गंभीर आरोप स्वास्थ्य सेवा की पवित्रता को दाग लगा रहा है। दरअसल, अमारी निवासी अजीत यादव की पत्नी सिंधु कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद सोमवार की शाम पांच बजे खैरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। अजीत यादव ने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला स्वास्थ्यकर्मियों से पत्नी सिंधु को बेड उपलब्ध करा इलाज करने को कहा। लेकिन, महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने यह कह कर सिंधु को बेड उपलब्ध नहीं कराया की उसके शरीर से दुर्गंध आ रही है। इतना ही नहीं सिंधु का इलाज तो दूर उसे छूना भी जरूरी नहीं समझा। इलाज के अभाव में रात भर सिंधु प्रसव पीड़ा से कराहती रही और मंगलवार की सुबह फर्श पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। सिंधु के पति अजीत के अनुसार प्रसव होने के बाद जब वह नवजात को देखने महिला स्वास्थ्यकर्मियों से कहा तो उससे एक हजार रूपया की मांग की गई। कहा गया कि पैसा देने पर ही वे लोग नवजात को हाथ लगाएगी।
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मामला संज्ञान में आया है। अगर लिखित शिकायत मिलती है तो जांच कर दोषी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएगा।
डा. अमित आनंद, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खैरा।
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