आम के नए बाग लगाने के लिए यही उपयुक्त मौसम

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आम के नए बाग लगाने के लिए यही उपयुक्त मौसम



-जुलाई से सितंबर माह तक आम के नए बाग लगा सकते,इस समय कम पानी की जरूरत 


प्रतिनिधि विश्वास के नाम


रजौली:प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों मौजूदा समय आम के नए बागों को लगाने के लिए काफी उपयुक्त है। किसान जुलाई से सितंबर माह तक कृषि विभाग के महत्व सलाह को अपनाकर आम के नए बाग लगा सकते हैं।रजौली प्रखंड कृषि पदाधिकारी सारंजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि आम के नए बागों की स्थापना किसानों के लिए एक दीर्घकालिक निवेश है। आम के बागों को लगाने से पूर्व किसानों को द्वारा तैयार की गई उचित योजना और लेआउट आम के बागों को स्थापित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि आम के नए बागों को लगाते समय किसान को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना होता है।सबसे पहले किसानों को आम के नए बागों को लगाने के लिए भूमि का चयन करना होता है। नए लगाए जाने वाले आम के बाग अगर मुख्य सड़क और स्थानीय बाजार के समीप होता है तो इसे काफी अच्छा माना जाता है।इससे किसानों को विपरीत मौसम में भी आम को वाहन के माध्यम से मंडियों तक पहुंचाने तथा उसे बेचने में काफी सहूलियत होती है। उन्होंने बताया कि आम के पेड़ों की वृद्धि और बेहतर फल उत्पादन के लिए चयनित स्थल पर सिंचाई की सुविधा, उपयुक्त जलवायु और अच्छी मिट्टी का होना भी अति आवश्यक होता है। इसके बाद किसानों के लिए दूसरी तैयारी चयनित खेती वी प्लाट के संबंध में होती है।

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लंबी प्रजाति मालदा व लंगड़ा और चौसा

किसानों को लंबी प्रजाति के आम जैसे मालदा या लंगड़ा,चौसा,फजली आदि को प्लॉट में 12-12 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए।जबकि बौनी प्रजाति के आम दशहर, बीजू जैसे प्रजाति को किसान 10-10 मीटर की दूरी पर लगा सकते हैं।यह दूरी आम के प्रजाति के अनुरूप काफी उपयुक्त मानी जाती है।उन्होंने बताया कि किसान बौनी किस्म जैसे आम्रपाली सहित अन्य बौनी प्रजाति के आम को 2.5 - 2.5 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए।इस दूरी के मुताबिक किसान बौनी किस्म के आम के पौधा एक हेक्टेयर में 1600 पौधा आसानी से लगा सकते हैं।

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उचित मात्रा में डालें उर्वरक 


आम के नए पेड़ लगाने के लिए किस खोदे गए गड्ढे में प्रतिदिन गड्ढे के अनुसार 2.5 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद।100 ग्राम एसएसपी और 100 ग्राम एमओपी डालकर गड्ढे को मिट्टी से भर दें।गड्ढा खोदने के बाद किसान गड्ढे में कम से कम 2 से 4 सप्ताह तक सीधी धूप जरूर लगने दें तथा इसके बाद ही गड्डो में उर्वरक मिली हुई मिट्टी भरें। इन सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद किसान गड्डों में आम के पौधों को लगाएं तथा जरूरत के अनुसार उसमें सिंचाई करते रहें।

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ऐसे करें आम के बागों को तैयार 


रजौली प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि आम के नए बाग लगाने वाले किसान खेत व प्लॉट की गहरी जुताई करने के बाद हैरो चला कर मिट्टी को भुरभुरा कर दें तथा खेतों से खरपतवार को बाहर निकाल दें। भूमि को अच्छी तरह से समतल करने के बाद किसान आम के जल निकासी के उद्देश्य से प्लॉट को एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर ढलान कर दें।आम के नए बागों को स्थापित करने में लेआउट और रोपण दूरी भी काफी मायने रखती है।इससे पौधों को सामान्य विकास के लिए पर्याप्त स्थान के अलावे हवा और सूरज की रोशनी भी पर्याप्त मात्रा में मिलती है।

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