चिलचिलाती गर्मी में पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे लोग, शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा समाधान

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चिलचिलाती गर्मी में पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे लोग, शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा समाधान



हिसुआ। प्रतिनिधि विश्वास के नाम

जहां एक और जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासन आमलोगों से जुड़ी व्यव्सथाएं दुरूस्त करने में लगा हुआ है वहीं पीएचईडी विभाग के अधिकारी जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मी का पारा चरम पर है। चिलचिलाती धूप से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। तपिश भरी गर्मी के बावजूद प्रशासन ग्रामीणों को मूलभूत आवश्यकता पेयजल भी मुहैया नहीं करा पा रहा है। हिसुआ प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है। कुछ इसी तरह का मामला चितरघटी पंचायत के भदषेणी गांव की है जहां चापाकल कई माह से खराब पड़ा हुआ है और मामले की जानकारी होने के बावजूद विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। यही स्थिति छतिहर पंचायत के कई गांव का है जहां आंगनबाड़ी केंद्र सहित कई चापाकल बंद पड़े हुए हैं। ग्रामीण चापाकल के अभाव में पानी के लिए दूसरे घरों का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीण मुद्रिका सिंह ने बताया कि उनके टोले में स्थित चापाकल दो महीने से खराब पड़ा है। कई बार  विभाग को इसकी जानकारी दी गई है। सूचना पर पीएचईडी के जेई ने चापाकल की जांच करने की बात भी कही थी एवं उन्होंने इसे अविलंब मरम्मति करने का आश्वासन भी दिया इसके बावजूद एक माह से ज्यादा समय बीत जाने पर भी कोई पहल नहीं हुई है। पूर्व में ग्रामीण आपस में चंदा कर कई बार इसकी मरम्मत कराया था लेकिन विभाग के गैर जिम्मेवारान रवैया से परेशान होकर इस बार ग्रामीणों ने भी इस चापाकल को उसके हाल पर छोड़ दिया है। विदित हो की जिला प्रशासन के द्वारा बंद पड़े चापाकल को मरम्मत करने के लिए चलंत मोबाइल टीम एवं जिले के हर प्रखंड में पीएचईडी विभाग के के जेई की प्रतिनियुक्ति की गई थी। लेकिन पीएचईडी के अधिकारियों ने जिला प्रशासन के आदेश को केवल  कागजों पर चलाया है और उनके आदेश को धरातल से कोई लेना-देना नहीं है। इस संबंध में समाज सेवी मुंद्रिका  सिंह डीएम से पीएचईडी के अधिकारियों और चलंत मोबाइल टीम के कार्यशैली का जांच करने की मांग की है ताकि इस भीष्ण गर्मी में लोग पेयजल संकट की चपेट में आने से बच सके। इस संबंध में हिसुआ प्रखंड के पीएचईडी के जेई प्रिंस कुमार से पूछे जाने पर संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए और चापाकल मरम्मत के लिए विभाग में फिर से शिकायत करने की बात करने लगे। वही हिसुआ प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी रितेश कुमार ने कहा कि प्रखंड प्रशासन के द्वारा प्रखंड क्षेत्र के सभी 10 पंचायतों का सर्वे कराया गया है जिसमें लगभग 115 चापाकल खराब पाया गया है। इसके मरम्मत के लिए पीएचईडी विभाग को लिखा गया है। प्रखंड प्रशासन पीएचईडी विभाग के संपर्क में है पुनः एक बार इसका सर्वे करा कर जल्द से जल्द इसे ठीक कर लिया जाएगा।

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