प्रतिनिधि विश्वास के नाम जमुई: किसानों की चीर- प्रतीक्षित कुंडघाट जलाशय योजना में चल रहे धीमी कार्यों को लेकर मंगलवार को प्रखंड के लछुआड़ स्थित आकाश विद्या मंदिर में किसान संघर्ष समिति की एक बैठक संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में किसानों की समस्या को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी स्वयं मौजूद रहे। विधायक ने बारी-बारी से किसानों से उनकी समस्या की जानकारी ली। किसानों ने विधायक को बताया कि कोर्ट द्वारा कार्यों को पूर्ण करने के लिए दो बार समय दिया लेकिन दोनों बार फेल हो चुका है। 15 वर्षों से किसान पानी के लिए ललायित हैं। बैठक में कुंडघाट जलाशय योजना से संबंधित विभिन्न बिंदुओं चर्चा की गई। बैठक के पश्चात विधायक ने किसानों के साथ कुंडघाट जलाशय पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। विधायक ने कार्यों की गुणवत्ता पर नाराजगी जाहिर करते हुए मौके पर मौजूद जलाशय प्रभारी व संवेदक प्रतिनिधि को कार्यों में गति लाने व गुणवत्तापूर्ण कार्य करने की बात कही। कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। इन्हीं की उगाई गई फसलों पर हम सभी निर्भर करते हैं। हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, जहां की 65 प्रतिशत जनसंख्या खेती से जुड़ी हुई है। किसान मौसम की परवाह किए बिना सभी के लिए अनाज उगाते हैं जो कि मनुष्य की सबसे बड़ी जरूरत है। ऐसे में किसानों की समस्या को समझना होगा। जलाशय प्रभारी ने बताया कि बांध भाग में मिट्टी का कार्य समाप्त हो चुका है तथा स्लोप मरम्मति का कार्य किया जा रहा है जो मई 2024 के अंतिम तक समाप्त कर लिया जाएगा। बताया कि डैम से पानी निकास के लिए आउटलेट का निर्माण किया गया है जो कि कुंडघाट मुख्य नहर से जुड़ा हुआ है। इससे पटवन 15 जून 2024 तक कराया जाएगा तथा नहरों का कार्य डीपीआर सेंक्शन होने के बाद पूरे कैनाल प्रणाली में जल उपलब्ध करा दिया जाएगा। मानक के अनुसार केवल 60 प्रतिशत ही डैम में पानी रखना है। तदुपरांत, डैम का अधिकतम जलस्तर अर्थात 125.43 तक डैम को भरा जा सकता है। बैठक में किसान गणेश शंकर विद्यार्थी, गिरीश प्रसाद, विद्या पंडित, अजीत सिंह, विष्णुदेव महतो समेत दर्जनों किसान मौजूद थे।
बैठक में कुंडघाट जलाशय योजना के धीमी कार्यों पर किसानों ने जताई नाराजगी
Rahul kumar
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