तीन वर्षों का इंतजार जल्द होगा समाप्त, 15 जून से सैलानी कर सकते ककोलत का दीदार, गर्मी में होगा सर्दी का एहसासKAKOLAT

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तीन वर्षों का इंतजार जल्द होगा समाप्त, 15 जून से सैलानी कर सकते ककोलत का दीदार, गर्मी में होगा सर्दी का एहसासKAKOLAT

 




प्रतिनिधि विश्वास के नाम

नवादा भीषण गर्मी झेल रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है।लोगों को ठंड और सर्दी का एहसास दिलाने के लिए बिहार सरकार का पर्यटन विभाग पूरी तैयार है।आम लोगों के लिए बहुत जल्द जिले का प्रसिद्ध शीतल जलप्रपात ककोलत सैलानियों के लिए खोल दिया जाएगा। लोग यहां जाकर सर्दी का एहसास कर सकते हैं। उसके अलावा वाटरफॉल का आनंद ले सकते हैं। जिले के गोविन्दपुर प्रखंड स्थित प्रसिद्ध शीतल जलप्रपात ककोलत को लेकर नया अपडेट आया है।

जिले में प्राकृतिक सौंदर्य से भरा शीतल जलप्रपात ककोलत पिछले कोरोना काल से बंद पड़ा था। लोग इसके खुलने का इंतजार करते हैं। 

शीतल जलप्रपात ककोलत जिला मुख्यालय से मात्र 33 किलोमीटर दूरी है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 20 पर 15 किलोमीटर दक्षिण की ओर जाने पर फतेहपुर से एक सड़क अलग होती है। इस सड़क को गोविन्‍दपुर-फतेहपुर रोड के नाम से जाना जाता है। यह सड़क सीधे थाली मोड़ को जाती है। वहां से पांच किलोमीटर दक्षिण ककोलत जलप्रपात है। जलप्रपात से कुछ दूर ही रहने पर लोगों को शीतलता का एहसास होने लगता है। चारों तरफ हरियाली लोगों का झूम कर स्वागत करती है। ककोलत खूबसूरत दृश्यों से भरा पड़ा है।

आकर्षण है झरना:-

जलप्रपात की ऊंचाई 150 फीट से ज्यादा है। ठंडे पानी का ये शीतल जलप्रपात जिले में प्रसिद्ध  है। गर्मी के चार माह पूरे जिले के अलावा पड़ोसी राज्यों से लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं। जलप्रपात के चारों तरफ जंगल है। यहां का दृश्य अद्भुत आकर्षण उत्पन्न करता है। यह दृश्य आंखों को ठंडक प्रदान करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक प्राचीन राजा ऋषि के अभिशाप द्वारा अजगर में बदल गया था और झरने के भीतर रहता था। लोक कथाओं के मुताबिक कृष्ण अपनी रानियों के साथ स्नान करने के लिए यहां आया करते थे। ये भारत में सबसे अच्छे झरने में से एक है और झरने का पानी पूरे वर्ष ठंडा रहता है।

सैलानियों के लिए व्यवस्था:-

बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगले महीने यानी 15 जून से सैलानियों के लिए जलप्रपात को खोल दिया जाएगा। पर्यटकों के लिए इस बार विशेष तैयारी की गई है। उनकी बेसिक जरूरतों का ख्याल रखा गया है। 

पर्यटन विभाग की ओर से सैलानियों के लिए पर्यटक रूम, चेंजिंग रूम, सेल्फी प्वाइंट और टॉयलेट की विशेष व्यवस्था की गई है। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए उनके खाने-पीने का भी विशेष इंतजाम रहेगा। सैलानी रात में ठहरना चाहे, उसके लिए भी इंतजाम रहेगा। उसके अलावा दिन में भी वहां ठहर सकते हैं। बिहार के कई स्वादिष्ट डिस का इंतजाम भी रहेगा, ताकि सैलानी आराम से यहां लजीज व्यंजन का लाभ उठा सकें।

पहुंचने का रास्ता:-

प्रशासन की ओर से बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। वो भी इसका आनंद ले सकते हैं। वाटरफॉल के शुद्ध और ठंडे पानी से नहाने के बाद आपको गर्मी में भी सर्दी का एहसास होगा। हवाई मार्ग की बात करें, तो नवादा से निकटतम हवाई अड्डा गया और पटना है। कोलकाता, दिल्ली, रांची, मुंबई, वाराणसी, लखनऊ और काठमांडू से जाने के लिए गया से नियमित उड़ानें मौजूद हैं।नवादा सीधे लखीसराय रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। नवादा, पटना,गया के अलावा कोलकाता के साथ सड़क से जुड़ा हुआ है।

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