विप्र, जमुई: शुक्रवार को पूर्व विधायक अजय प्रताप पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पटना स्थित आवास पर भेंट की। इस भेंट के बाद उनका राजद में जाने की चर्चा तेज हो गई है। संभावना यह बताई जा रही है कि वे 6 अप्रैल को जमुई में तेजस्वी की होने वाली सभा में शामिल हो सकते हैं। उनके तेजस्वी से मुलाकात के बाद राजनीति गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। अजय प्रताप स्व नरेन्द्र सिंह के पुत्र व बिहार सरकार में मंत्री सुमित कुमार सिंह के बड़ भाई हैं। पूछने पर बताया कि बात हो रही है। आगे देखते हैं। अजय प्रताप 2010 में भाजपा के चुनाव चिन्ह पर जमुई विधानसभा से चुनाव लड़े और विधायक बने। 2015 में राजद के विजय प्रकाश ने उन्हें हरा दिया। 2020 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह भाजपा से चुनाव लड़ी और राजद के विजय प्रकाश को चुनाव हराकर विधायक बनी। श्रेयसी का जमुई सीट पर कब्जा जमाने के बाद अजय प्रताप की राजनीति हाशिए पर आ गई। जमुई के निवर्तमान सांसद चिराग से भी उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा है। उसके बाद वे लगातार अपने लिए जमीन तलाशने में जुट गए। अंतत: उन्होंने राजद में शामिल होने का फैसला कर लिया। यहां बता दें कि दो दशक से जमुई की राजनीतिक धूरी नरेन्द्र सिंह और जयप्रकाश नारायण के इर्द गिर्द ही घुमती रही। हर चुनाव में दोनों ही परिवार आमने-सामने रहे हैं। इस बार की बदलती राजनीति परिस्थिति में जयप्रकाश नारायण यादव के परिवार और अजय प्रताप के लिए कुछ अलग दिख रहा है। फिलवक्त अजय प्रताप के छोटे भाई बिहार सरकार में मंत्री हैं और मुख्यमंत्री के करीबी भी हैं। उधर राजद से अजय प्रताप आने के बाद विजय प्रकाश को अपनी जमीन तलाशनी पड़ेगी। उनके राजद में शामिल होने पर एक दिलचस्प स्थिति भी बनेगी। छोटा भाई मंत्री सुमित कुमार सिंह पहले ही चिराग के पक्ष में प्रचार की बात कह चुके हैं। अब बड़ा भाई अजय प्रताप राजद प्रत्याशी अर्चना रविदास के लिए प्रचर करेंगे। दोनों के प्रचार का जमुई के मतदाताओं पर क्या असर पड़ेगा। इसका आकलन 4 जून को मतगणन के बाद ही किया जा सकता है।
विप्र, जमुई: शुक्रवार को पूर्व विधायक अजय प्रताप पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पटना स्थित आवास पर भेंट की। इस भेंट के बाद उनका राजद में जाने की चर्चा तेज हो गई है। संभावना यह बताई जा रही है कि वे 6 अप्रैल को जमुई में तेजस्वी की होने वाली सभा में शामिल हो सकते हैं। उनके तेजस्वी से मुलाकात के बाद राजनीति गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। अजय प्रताप स्व नरेन्द्र सिंह के पुत्र व बिहार सरकार में मंत्री सुमित कुमार सिंह के बड़ भाई हैं। पूछने पर बताया कि बात हो रही है। आगे देखते हैं। अजय प्रताप 2010 में भाजपा के चुनाव चिन्ह पर जमुई विधानसभा से चुनाव लड़े और विधायक बने। 2015 में राजद के विजय प्रकाश ने उन्हें हरा दिया। 2020 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह भाजपा से चुनाव लड़ी और राजद के विजय प्रकाश को चुनाव हराकर विधायक बनी। श्रेयसी का जमुई सीट पर कब्जा जमाने के बाद अजय प्रताप की राजनीति हाशिए पर आ गई। जमुई के निवर्तमान सांसद चिराग से भी उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा है। उसके बाद वे लगातार अपने लिए जमीन तलाशने में जुट गए। अंतत: उन्होंने राजद में शामिल होने का फैसला कर लिया। यहां बता दें कि दो दशक से जमुई की राजनीतिक धूरी नरेन्द्र सिंह और जयप्रकाश नारायण के इर्द गिर्द ही घुमती रही। हर चुनाव में दोनों ही परिवार आमने-सामने रहे हैं। इस बार की बदलती राजनीति परिस्थिति में जयप्रकाश नारायण यादव के परिवार और अजय प्रताप के लिए कुछ अलग दिख रहा है। फिलवक्त अजय प्रताप के छोटे भाई बिहार सरकार में मंत्री हैं और मुख्यमंत्री के करीबी भी हैं। उधर राजद से अजय प्रताप आने के बाद विजय प्रकाश को अपनी जमीन तलाशनी पड़ेगी। उनके राजद में शामिल होने पर एक दिलचस्प स्थिति भी बनेगी। छोटा भाई मंत्री सुमित कुमार सिंह पहले ही चिराग के पक्ष में प्रचार की बात कह चुके हैं। अब बड़ा भाई अजय प्रताप राजद प्रत्याशी अर्चना रविदास के लिए प्रचर करेंगे। दोनों के प्रचार का जमुई के मतदाताओं पर क्या असर पड़ेगा। इसका आकलन 4 जून को मतगणन के बाद ही किया जा सकता है।
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