लोग देख रहे हैं राह, सिकंदरा को कब मिलेगा अनुमंडल का दर्जा - Anumandal ka darja

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लोग देख रहे हैं राह, सिकंदरा को कब मिलेगा अनुमंडल का दर्जा - Anumandal ka darja


विप्र, जमुई: जमुई जिला बनने के 33 वर्षों के बाद भी सिकंदरा अनुमंडल नहीं बन सका। पिछले कई वर्षों से सिकंदरा को अनुमंडल बनाने की मांग जोर पकड़ी है। वहीं चुनावी मौसम आते ही यह मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। विभिन्न राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों द्वारा पिछले कुछ वर्षों से इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया जा रहा है।इसबार लोक सभा चुनाव रफ्तार पकड़ने के साथ ही इसकी मांग भी जोर पकड़ने लगी है। इस मामले को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी किये जा चुके हैं। लोगों द्वारा जिले के सिकन्दरा,अलीगंज,लखीसराय जिले के हलसी प्रखंड को मिलाकर सिकन्दरा को अनुमंडल बनाने की मांग की जा रही है।हालांकि यह मामला राज्य सरकार से जुड़ा है।बावजूद अनुमंडल के लिए सिकन्दरा किसी उद्धारक की वाट जोह रहा है।उल्लेखनीय होगा कि वर्ष 1967 से 70 दशक के बीच हलसी सिकन्दरा प्रखण्ड से कटकर अलग प्रखण्ड बनाया गया था|

वर्ष1990 के दशक के पूर्व हलसी सिकन्दरा विधानसभा अंतर्गत ही था|सिकन्दरा विधानसभा क्षेत्र से हलसी गांव के ही सर्वप्रथम विधायक बने हरि शर्मा ने सिकन्दरा को अनुमंडल बनाने की पहल की थी| लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में सिकन्दरा अनुमंडल बनने का सपना मात्र बनकर रह गया|कई विधायक व सांसद बदले लेकिन किसी ने अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं की।अब तक चाहे लोकसभा का चुनाव हो अथवा विधानसभा की सिकन्दरा को अनुमंडल का दर्जा का मुद्दा अवश्य गर्म रहता है,लेकिन चुनाव के बाद यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाता है।ऐसे में चुनाव में यह मुद्दा एकबार फिर जोर पकड़ेगा। गौरतलब हो कि अंग्रेजी हुकूमत में जब जमुई अनुमंडल नहीं हुआ करता था तब सिकन्दरा एक अनुमंडल था|1864 से 1869 अर्थात 5 वर्षो तक सिकन्दरा अंग क्षेत्र मुंगेर जिला का अनुमंडल था|लोगों के दिलो दिमाग में प्रायः यह बात कौंधती है कि अनुमंडल बनने की तमाम अहर्ता पूरी करने वाला यह प्रखण्ड अनुमंडल बनने की राह निहार रहा है|लोगों की इस गंभीर समस्या पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी अखर रही है।

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