नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से कक्षा एक से पांच और छह से आठ तक के नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है। परीक्षा में जिले के 95 फीसदी शिक्षक पास हुए है।
सक्षमता परीक्षा में कुल 150 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए थे। इसमें भाषा से 30, सामान्य अध्ययन से 40 और सामान्य विषय से 80 प्रश्न पूछे गए थे। पास हुए शिक्षकों को जिला आवंटन कर दिया गया है। बिहार बोर्ड की ओर से परीक्षा में पास नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद स्कूल आवंटन किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक 5 फीसदी शिक्षक जो परीक्षा में पास नहीं हो पाए हैं, उसका प्रमुख कारण कंप्यूटर के इस्तेमाल में हुई असुविधा है। ऑफलाइन परीक्षा होने पर सभी शिक्षकों शत-प्रतिशत पास होने के आसार हैं।
जारी रिजल्ट के अनुसार करीब 200 शिक्षक सक्षमता परीक्षा फेल हो गए हैं। जिन्हें विशिष्ट शिक्षक बनने के लिए आगामी परीक्षाओं में पास होना होगा। कुल पांच परीक्षाओं में से एक में पास होना अनिवार्य है। जिले में 5 हजार 200 शिक्षक सक्षमता परीक्षा में शामिल हुए थे। जिसमें 5 हजार शिक्षक परीक्षा में पास हुए हैं। सक्षमता परीक्षा में कुल 150 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए थे। इसमें भाषा से 30, सामान्य अध्ययन से 40 और सामान्य विषय से 80 प्रश्न पूछे गए थे।
दूसरी ओर जिले के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में पहली से आठवीं तक की वार्षिक परीक्षा हो चुकी है। जिसमें पांचवीं और आठवीं के बच्चों का रिजल्ट प्रकाशित किया जा चुका है। 8 अप्रैल तक शेष कक्षाओं का भी रिजल्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा। इसके बाद बच्चे अगली कक्षा में प्रमोट होंगे। अगली कक्षा में दाखिले के साथ ही बच्चों को नई किताबें उपलब्ध करा दी जाएगी। जिले में इस साल ढाई लाख किताबों की खेप 14 प्रखंडों में पहुंच चुकी है। लिहाजा किताबों का बच्चों के बीच वितरण 15 अप्रैल से शुरू कर दिया जाएगा। पहली से आठवीं तक की कक्षाओं में करीब 3 लाख 83 हजार विद्यार्थी नामांकित हैं। जिनमें ढाई लाख बच्चों को नई किताबें दी जाएगी , जबकि अन्य बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट हुए विद्यार्थियों की पुरानी किताबें जमा लेकर दी जाएगी।
समय रहते बच्चों को किताबें मिलने से पढ़ाई में परेशानी नहीं होगी। विभागीय अधिकारी ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में किताबें स्कूलों तक पहुंचा दी जाएगी, ताकि बच्चों को इसी माह में किताबें मिल जाए । प्रखंडों में किताबों की खेप बिहार के प्रकाशकों की ओर से भेजी जा चुकी है। इनमें पहली से दूसरी, तीसरी, चौथी, पांचवीं, छठी व सातवीं की किताबें शामिल हैं।
नए शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को राशि की जगह किताबें उपलब्ध कराई जाएगी। पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को इस साल नए सत्र में किताब खरीदने के लिए राशि नहीं दी जाएगी। उन्हें पुस्तकों की पूरी सेट मुफ्त में दी जाएगी।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 के पहले सेशन में ही पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए तेजी से सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
Post a Comment