रजौली डैम में पैदा होनेवाली सोलर पावर की खरीद करेगी सरकार -थर्मल पावर से काफी सस्ती मिलेगी बिजलीRAJAULI DAM

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रजौली डैम में पैदा होनेवाली सोलर पावर की खरीद करेगी सरकार -थर्मल पावर से काफी सस्ती मिलेगी बिजलीRAJAULI DAM


-25 वर्षों के लिए  किया जा रहा है समझौता

नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)जिले के उग्रवाद प्रभावित  के रजौली फुलवरिया डैम में ग्रिड कनेक्टेड फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की स्थापना होगी। फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से नियमित रूप से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन सुनिश्चित होगा। सोलर प्लांट की स्थापना रेस्को मोड में होगी यानि निजी या सरकारी एजेंसी इसका निर्माण कर बिजली का उत्पादन करेगी और बिजली आपूर्ति कंपनियां संबंधित एजेंसी से बिजली की खरीद करेगी। 

प्लांट से उत्पादित सोलर बिजली 3.87 रुपये प्रति किलोवाट की दर से डिस्कॉम्स को मिलेगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने रेस्को मोड में सोलर प्लांट की स्थापना और निर्धारित दर पर बिजली खरीद को लेकर लंबी अवधि का समझौता किये जाने की मंजूरी दे दी है। 

सोलर प्लांटों की स्थापना को जेनरेशन कंपनी बनी नोडल एजेंसी:-

बिजली कंपनी ने बताया कि बिहार में कई जगहों पर ग्राउंड माउंटेड व फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांटों की स्थापना का प्रस्ताव है। इसके लिए सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है और जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। सोलर पावर प्लांटों से उत्पादित बिजली थर्मल यूनिटों के मुकाबले काफी सस्ती होगी और कार्बन फुट प्रिंट से मुक्त होगी। ऊर्जा विभाग ने विभिन्न जल निकायों में एक मेगावाट से अधिक के सोलर पावर प्लांटों की स्थापना को लेकर बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड को नोडल एजेंसी बनाया है। इसके साथ ही बेकार व बंजर जमीन पर एक मेगावाट से अधिक के ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट की स्थापना और एक मेगावाट से अधिक के बायोमास व बैगेस पावर प्लांट की स्थापना को लेकर भी जेनरेशन कंपनी ही कार्यकारी एजेंसी बनायी गयी है। 

25 वर्षों की लंबी अवधि को लेकर होगा खरीद समझौता:-

विनियामक आयोग की मंजूरी के बाद अब अब फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट निर्माण को लेकर सफल बोली लगाने वाली एजेंसी और डिस्कॉम्स के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट का रास्ता साफ हो गया है। बिजली कंपनियां 25 साल की लंबी अवधि के लिए बिजली खरीद का समझौता करेगी। इससे डिस्कॉम्स को रिन्युएबल पावर ऑब्लिगेशन (आरपीओ) यानि नवीकरणीय ऊर्जा खरीद की बाध्यता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। 

बता दें इसके पूर्व रजौली में न्यूक्लियर बिजली पावर प्लांट की योजना थी। फुलवरिया जलाशय में पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता नहीं रहने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। अब सोलर पावर बिजली उत्पादन की ओर सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके धरातल पर उतरने से न केवल रजौली बल्कि जिले के नागरिकों को इसका लाभ मिलने की संभावना है।

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