राजनीति को मतलबी जीवन बताकर ट्रंप ने कैसे रिपब्लिकन पार्टी पर कब्जा किया? यह है पूरी कहानी - Trump, Business and Politics

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राजनीति को मतलबी जीवन बताकर ट्रंप ने कैसे रिपब्लिकन पार्टी पर कब्जा किया? यह है पूरी कहानी - Trump, Business and Politics

 THN Network


New Delhi. 
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं. रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार जनवरी 2025 में राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेंगे. उन्होंने 294 इलेक्टोरल वोट हासिल कर डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस को हराया. कमला को 223 इलेक्टोरल वोट ही मिले. नॉन पॉलिटिकल यानी बिजनेस बैकग्राउंड से आने वाले ट्रंप ने आखिर कैसे रिपब्लिकन पार्टी पर कब्जा कर लिया और लगातार तीसरी बार कैसे इस पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने, आइए जानने की कोशिश करते हैं?

डोनाल्ड ट्रंप न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट व्यवसायी फ्रेड ट्रंप की चौथी संतान हैं. 13 साल की उम्र में उनको सैन्य अकादमी भेज दिया गया था. ट्रंप ने पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से डिग्री ली. इसी बीच उनके बड़े भाई फ्रेड ने पिता के व्यवसाय के बजाय पायलट बनने का विकल्प चुना, तो डोनाल्ड अपने पिता के उत्तराधिकारी बन गए.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रंप का कहना है कि पिता की कंपनी में शामिल होने से पहले उन्होंने उन्हीं से एक मिलियन डॉलर का कर्ज लेकर रियल एस्टेट के बिजनेस में प्रवेश किया था. पिता के साथ जुड़े तो उनकी व्यापक आवासीय परियोजनाओं के प्रबंधन में मदद की. साल 1971 में डोनाल्ड ने पिता की कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और उसका नाम ट्रंप ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन रखा.

राजनीति को मतलबी जीवन मानते थे ट्रंप
यह साल 1980 की बात है. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति एक मतलबी जीवन है. इसलिए सबसे योग्य लोग राजनीति के बजाय व्यापार को चुनते हैं. यानी तब तक ट्रंप राजनीति को अच्छा नहीं मानते थे. यह और बात है कि सात साल बाद ही यानी साल 1987 तक आते-आते ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की दावेदारी के बारे में सोचना शुरू कर दिया और इसके लिए संभावना तलाशने लगे. साल 2000 में उन्होंने रिफॉर्म पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए सोचा था. साल 2012 में मन बदल लिया और रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ने के बारे में सोचने लगे.

बराक ओबामा के जन्म स्थान पर सवाल उठाने वालों में शामिल
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जन्म स्थान पर सवाल उठाने वालों में शामिल हैं. अमेरिका में बर्थरिज्म नाम से एक सिद्धांत है, जो यह सवाल खड़ा करता है कि क्या बराक ओबामा अमेरिका में पैदा हुए थे. ट्रंप ने साल 2011 में यह सवाल उठाना शुरू किया और अंतत: ओबामा को अपना हवाई में जन्म का प्रमाण पत्र जारी करना पड़ा था.

हालांकि, ओबामा के विरोध के बावजूद साल 2015 के जून तक ट्रंप ने किसी भी रूप में अपनी दावेदारी पेश नहीं की थी. यही नहीं, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उन्होंने अपने सपने को मृत बताकर इसे और भी बड़ा बनाने का वादा करना शुरू कर दिया.

विवादित बयानों से चर्चा में आ गए
सार्वजनिक मंचों के जरिए ट्रंप अपनी संपत्ति और व्यापार में अपनी सफलता का बखान करने लगे. मेक्सिकों पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका में नशीले पदार्थ, अपराध और दुष्कर्मियों को भेजता है. साथ ही लोगों से वादा करने लगे कि अमेरिका की सीमा पर दीवार बनाने के लिए मेक्सिको से भुगतान कराएंगे. इस तरह से अलग-अलग मंचों पर विवादित बयानों के जरिए उन्होंने अपने प्रशंसकों के साथ ही आलोचकों का ध्यान भी खींच लिया. मीडिया भी उन पर चर्चा करने लगी.

रिपब्लिकन पार्टी में ऐसे पुख्ता की उम्मीदवारी
अंतत: ट्रंप ने अमेरिका को फिर से महान बनाओ का नारा दिया और रिपब्लिकन पार्टी में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़कर अपनी उम्मीदवारी पुख्ता कर ली. इस तरह से साल 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ मुकाबले में आ गए. हालांकि, उनकी जीत की रात तब भी आसान नहीं थी. अपने नौसिखिए अभियानों के कारण ट्रंप के सामने कई विवाद आए. यौन शोषण पर शेखी बघारने का आडियो टेप लीक हुआ और अमेरिकी चुनाव के दौरान जनमत सर्वेक्षणों में पीछे दिखते रहे.

हालांकि, चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे और तत्कालीन उप राष्ट्रपति और अनुभवी हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ उन्होंने चुनाव जीत लिया. सभी राजनीतिक पंडितों और चुनाव विश्लेषकों को गलत साबित करते हुए ट्रंप ने 20 जनवरी 2017 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.

संपत्तियों और निजी जीवन से भी मिला प्रचार
ट्रंप के चर्चा में आने का कारण उनकी संपत्तियां भी रहीं. उन्होंने अटलांटिक सिटी, शिकागो और लास वेगास से लेकर भारत, तुर्की और फिलीपींस तक में कैसीनो, कॉन्डोमिनियम, गोल्फ कोर्स और होटल बनाए. मिस यूनिवर्स, मिस यूएसए और मिस टीन यूएसए जैसी सौंदर्य प्रतियोगिता के मालिक बन बैठे और फिर एनबीसी रियलिटी शो द अप्रेन्टिस के निर्माता और होस्ट के रूप में प्रसिद्धी मिली.

ट्रंप को निजी जीवन से भी काफी प्रचार मिला. उनकी पहली पत्नी चेक एथलीट और मॉडल इवाना ज़ेलनिकोवा थीं, जो खुद काफी प्रसिद्ध थीं. साल 1990 में उनसे तलाक से पहले डोनाल्ड जूनियर, इवांका और एरिक नाम के तीन बच्चे हो चुके थे. हालांकि, तलाक का कारण इवाना ने घरेलू दुर्व्यवहार बताया था. साल 1993 में ट्रंप ने अभिनेत्री मार्ला मेपल्स से शादी कर ली पर साल 1999 में उनसे भी तलाक हो गया. साल 2005 में ट्रंप ने पूर्व स्लोवेनियाई मॉडल मेलानिया नॉस से शादी की.

ट्रंप पर यौन शोषण के खूब आरोप लगते रहे हैं. 2006 में एडल्ट फिल्म एक्ट्रेस स्टॉर्मी डेनियल्स के साथ कथित रूप से विवाहेतर संबंध छिपाने के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए व्यापारिक दस्तावेजों में हेराफेरी करने के 34 मामलों में उनको दोषी भी ठहराया गया था.

काम में दिखती रही नाटकीयता
राष्ट्रपति बनने के बाद भी ट्रंप में कोई बदलाव नहीं आया. नाटकीय तरीके से काम करते और ट्विटर (अब एक्स) पर अक्सर औपचारिक घोषणाएं करते रहे. यहां तक कि विदेशी नेताओं से खुलेआम इस मंच पर भिड़ते रहे. सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए, जब जलवायु और व्यापार समझौतों से अमेरिका के हाथ खींच लिए. यही नहीं, सात मुस्लिम बहुल देशों से अमेरिका की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया. इमिग्रेशन की नीति कठोर कर दी और चीन के साथ एक तरह का व्यापार युद्ध छेड़ दिया. अपने देश में 2017 में रिकॉर्ड कर कटौती लागू की और मध्य पूर्वी देशों के साथ संबंधों को नया स्वरूप दिया.

इन सबके बावजूद साल अगले चुनाव में वह जो बाइडन से हार गए थे. अब एक बार फिर उन्होंने अमेरिकी चुनाव में बाजी मारी है.


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