डाक टिकटों का संग्रह एक हॉबी, काफी कुछ सीखने को मिलता है : अनिल

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डाक टिकटों का संग्रह एक हॉबी, काफी कुछ सीखने को मिलता है : अनिल


प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय में में दो दिवसीय डाक महोत्सव का आगाज

चीफ पीएमजी और जनप्रतिनिधियों ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन

प्रतिनिधि, विश्वास के नाम नवादा

डाक विभाग की ओर से नवादा के प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय में मंगलवार से दो दिवसीय डाक टिकट और पत्र प्रदर्शनी आयोजित की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सर्किल के मुख्य महा डाक अध्यक्ष अनिल कुमार, डाक निदेशक पवन कुमार, नवादा विधायक विभा देवी, वारसलीगंज विधायक अरुणा देवी के साथ-साथ फिल्म अभिनेता राहुल वर्मा ने किया। डाक अधीक्षक अर्चना कुमारी ने पौधे, मोमेंटो और डाक टिकट देकर अतिथियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सेखोदेवरा पर डाक टिकट भी जारी किया गया। बिहार सर्किल के चीफ पीएमजी अनिल कुमार ने कहा कि डाक टिकटों का संग्रह एक हॉबी बन जाता है। जिससे लोग काफी कुछ सीखने को मिलता है। देश दुनिया, समाज को जानने का मौका मिलता है। इस दौरान उपस्थित दर्शकों व बच्चों से अनिल कुमार ने कई सवाल किया। बेहतर जवाब देने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। श्रवण कुमार के मंच संचालन में आयोजित कार्यक्रम में कई स्कूलों के बच्चों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रम प्रदर्शित किया। डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार, डाक निदेशक पवन कुमार और पूर्व विधायक अनिल सिंह ने डाक टिकट और पत्रों के प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने नवादा वासियों से भी डाक टिकट और पत्र लेखन का संग्रह करने तथा इसे एक हॉबी बनाने की बात कही। साथ ही कहा कि बच्चों को इस कार्य से जोड़ें, ताकि उन्हें मोबाइल की लत से दूर होना पड़े। कार्यक्रम की व्यवस्था को लेकर काफी सराहना की गई। डाक महोत्सव में कई फिलाटेलीस्ट अपने डाक टिकटों के संकलन को प्रदर्शित किया। बताते चलें कि डाक टिकटों का संकलन एक बेहतरीन शौक है। फिलाटेली को राजाओं का शौक, शौकों का राजा भी कहा जाता है। डाक टिकट का संकलन करने से विभिन्न प्रकार की जानकारी तो मिलती है साथ ही साथ यह एक आमदनी का भी बेहतरीन जरिया है । इस कार्यक्रम में नवादा के लगभग 77 स्कूल शामिल हुए, जिसके 1024 बच्चे चित्रकला नृत्य गायकी क्विज प्रतियोगिता पत्र लेखन इत्यादि प्रतियोगिता में भाग लिया। डीपीएस पवन कुमार ने कहा कि स्वतंत्र भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था। इसमें भारतीय ध्वज के साथ देशभक्तों का नारा, जय हिंद (भारत अमर रहे) लिखा हुआ है। डाक टिकट की कीमत साढ़े तीन आना थी। स्वतंत्रता की पहली वर्षगांठ पर 15 अगस्त 1948 को महात्मा गांधी के लिए एक स्मारक जारी किया गया था। डाक टिकटों का जीवन में अहम महत्व रखता है। इस महोत्सव की विशेषता यह है कि आयोजन में बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चे भी भाग लिया । इस महोत्सव में जिले के सभी 14 प्रखंडों के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के भी डाकघर से इस प्रदर्शनी में लोगों के भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा दो दिवसीय कार्यक्रम में डाक टिकट प्रदर्शनी, पत्र लेखन और अन्य कई कार्यक्रम प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय में आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम की सफलता को लेकर डाक विभाग के सारे कर्मचारी लगे रहे तथा सफल बनाने के लिए अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कार्यक्रम संयोजक मार्केटिंग एक्सक्यूटिव जितेंद्र कुमार, संतोष कुमार, प्रणाली प्रबंधक मुकेश कुमार, मनीष कुमार, दिनेश्वर शाह, रवि प्रकाश, राहुल कुमार, सुभाष कुमार, अभिषेक कुमार, रामाशीष कुमार, सत्येंद्र कुमार, पोस्ट मास्टर अजय कुमार, गौरी शंकर, अरविंद कुमार, रवि राज, संजय कुमार, संतोष कुमार, मुकेश कुमार, राजेश, खुशबू कुमारी, स्वीटी कुमारी, राजेश्वर कुमार इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

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