रोजगार सेवक डकार गए करोड़ो।
मनरेगा से भी मिलती है मजदूरी की राशि ग्रामीणों को पता भी नही।
प्रतिनिधि विश्वास के नाम सिरदाला:
ग्रामीण आबादी में गरीबों को पक्का मकान देने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद कमजोर वर्ग को पक्का छत उपलब्ध करवाना है। लेकिन ग्राम पंचायतों में यह योजना भी पंचायत कर्मियों के लिए पैसा कमाने का जरिया बन गई है। गांवों में मकान बनाने के नाम पर हितग्राही को 90 दिनों की मजदूरी और 1 लाख 30 हजार रुपए सामग्री के नाम पर पैसा मिलता है। ताकि हितग्राही अपना मकान बना सके। लेकिन रोजगार गारंटी स्कीम के तहत बनने वाले इन आवासों में मजदूरी की राशि पंचायत कर्मी ही हड़प कर रहे हैं।
इस तरह का मामला सिरदला प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित ग्राम पंचायत खटांगी से सामने आया है। ग्राम पंचायत खटांगी में कुल 491 हितग्राही के आवास स्वीकृत हुए थे। इनमें से सभी लगभग परिवारों ने अपने आवास पूर्ण कर लिए हैं। इन हितग्राहियों को 90 दिनों की मजदूरी मनरेगा योजना से मिलना है। जबकि 1.30 लाख रुपए सामग्री के दिए जाना है। लेकिन मजदूरी के लिए मिलने वाली रकम का भुगतान मजदूरों को न होकर फर्जी खातों में हुआ है। इसके लिए प्राइवेट बैंक से लेकर सरकारी बैंक के खातों का उपयोग कर फर्जी भुगतान करवा लिया। कई हितग्राहियों को मजदूरी का पैसा नहीं मिल पाया है। अगर किन्ही को मिला भी तो वो भी बिचौलिये ले गए। जब आवास लाभुकों को मनरेगा से मजदूरी भुगतान की जानकारी आवास सॉफ्ट पर मिला तो लोग भौचके हो गए।
कई पंचायतों में खेल
यह अकेले एक पंचायत का मामला नहीं है।सिरदला प्रखंड के कई ग्राम पंचायतों में रोजगार सेवकों की मिलीभगत से हितग्राही को मिलने वाली मजदूरी का भुगतान दूसरे श्रमिकों के नाम पर फर्जी तरीके से दिखाकर हितग्राही के हिस्से की मजदूरी का गबन किया जा चुका है। यह अभी तो दो पंचायतों के अकेले एक रोजगार सेवक का है जो सिरदला प्रखंड के बांधी और खटांगी पंचायत का है।
किस हितग्राही का पैसा कहां गया ।
जब प्रधान मंत्री आवास सॉफ्ट पर मौजूद आवास योजना का आवास आईडी के साथ नाम मनरेगा जॉब कार्ड संख्या की जांच क्या गया तो आंखे खुली की खुली रह गई । जब अल्फा बेड़िकल नाम ए शुरू क्या गया तो अभी महज ऐ से नाम खतम भी नही हुया की महज 14 आवास आईडी में 9 आवास आईडी के मनरेगा की राशि का पोल खुल गया अब आप अंदाजा लगा सकते हैं की उन 491- 14 का क्या हाल हुया होगा। एक अकेले जंगली इलाके में बसे उग्रवाद प्रभावित खटांगी पंचायत के दलित,महादलित सहित करीब सभी जातियों के साथ धोखा धड़ी कर लाखो रुपए का हेरा फेरी कर लिया गया । किसी का जॉब कार्ड नंबर बदल कर तो किसी का आवास योजना का आईडी बदल कर इस लाभुक का राशि उस लाभुक के खाते में। कुछ तो जिस लाभुक को आवास मिला भी नही उसे भी पीएम आवास योजना में मिलने वाली मनरेगा की मजदूरी का भुगतान कर लाखों रुपए का बंदर बांट कर लिया गया।
ये मैं नही पीएम आवास योजना का मौजूदा पीएम आवास योजना का सॉफ्ट पर मौजूद लिंक कह रहा है और मरेगा का सॉफ्ट कह रहा है।
किनका पैसा कहां गया जानिए। पंचायत खटांगी व बांधी।
आवास आईडी बी एच148737064 जॉब कार्ड नंबर बीएच - 08-003-004-4335510/5301अंजू देवी/राजेश भुईयां लोहगड़वा इन्हें चार मास्टर रॉल भुगतान तो हुया पर एक मास्टर रॉल ज्योति देवी,बकड़झोली गांव को ,पुनः आवास आईडी बीएच 146188690, बीएच 116183040, बीएच 148303635,बी एच147022525,बी एच 149388960 का भी राशि ज्योति देवी को।अमनी देवी बीएच149130129 इन्हे बीएच 148736267 सावित्री देवी/रंजू भुईयां का राशि दिया गया है,बीएच 118735977टुनी देवी का राशि जॉब कार्ड बदल कर दिया गया है।बीएच148735636आरती कुमारीका राशि दो गलत जॉब कार्ड में, आबदा खातून/मो.फारूक आवास आईडी बीएच150403855 जॉब कार्ड संख्या 38600/6767 इनका भी जॉब कार्ड नंबर बदल कर जॉब कार्ड 35400/6767 को राशि, यहां नाम वही है पर जॉब कार्ड बदल गया।अब अब्दुल हाफिज/अब्दुल रहमान आईडी बीएच150404842 जॉब कार्ड संख्या 38600/6806 का राशिगलत जॉब कार्ड संख्या 35400/6806 को तीन मास्टर रॉल में भुगतान व दो मास्टर रॉल बांधी पंचायत के मनु राजवंशी को यहां एक पंचायत से दूसरे पंचायत में भेजा गया राशि। अफसाना खातून बीएच 150403785 जॉब कार्ड न.38600/6763 का सम्पूर्ण मजदूरी की राशि जॉब कार्ड न.35400/438 ए को नाम वही है। अजनसिया देवी आवास आईडी बीएच148054043 जॉब कार्ड न.,,,35400/5140 का सम्पूर्ण मजदूरी की राशि जॉब कार्ड न.बदल कर ..35472/2301 को ।
अब देखें अगले खबर में बांधी पंचायत के आवास लाभुकों मिलने वाली मजदूरी कहां गया ।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार यह गंभीर मामला है। इसकी तत्काल जांच कराई जाएगी। अगर ऐसा पाया जाता है तो संबंधित रोजगार सेवक पर कार्यवाही निश्चित रूप से होगी।
दोषी कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई:
वहीं इस मामले को लेकर सिरदला प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री दीपेश कुमार ने बताया की अभी तक किसी लाभुक से कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। लाभुक के खाते में कर्मचारियों के द्वारा भेजे गए पैसा के मामले में दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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