प्रतिनिधि विश्वास के नाम शेखपुरा:जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा पदाधिकारी एम.पी.ए-सब कुटेनियस का प्रशिक्षण
सिविल सर्जन के सभागार में आयोजित, एवं एक दिवसीय कार्यशाला में जिला में पांच स्वास्थ्य संस्थानों में 7 नवंबर से मंगलवार तक कुल 1576 महिलाओं ने परिवार नियोजन के नए अस्थाई साधन के रूप में एमपीए सब कुटेनियस को अपनाया है। इस आशय कि जानकारी मंगलवार को सिविल सर्जन के सभागार में स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के नए अस्थाई साधन एमपीए सब कुटेनियस के प्रति जागरूकता को ले आयोजित चिकित्सा पदाधिकारी (एम.ओ) के प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर संजय कुमार ने कही।अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार सिंह बताया कि सदर अस्पताल शेखपुरा रेफ़रल अस्पताल बरबीघा एपीएचसी मालदह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सामस और सर्वा में अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को एमपीए सब कुटेनियस इंजेक्ट किया जा रहा है। मंगलवार को जिला के सभी प्रखंडो से शेखपुरा क्षेत्र में कार्यरत 28 चिकित्सा पदाधिकारी (एम. ओ) को एमपीए सब कुटेनियस से जुड़ी सभी तकनीकी पहलुओं से मास्टर ट्रेनर डाक्टर नूर फातिमा के द्वारा विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई ताकि ये सभी एम.ओ अपने- अपने क्षेत्र में महिलाओं को परिवार नियोजन के नए अस्थाई साधन एमपीए सब कूटेनियस के प्रति विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए जागरूक कर अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान जहां अभी यह सुविधा दी जा रही है वहां भेजें जिससे उन्हें सुविधा दी जा सके! आने वाले दिनों में संभव है! कि आप सभी स्वास्थ्य संस्थानों के सेंटर पर यह सुविधा उपलब्ध हो तो आपको इस प्रशिक्षण से काफी सहूलियत मिलेगी। इस अवसर पर डी सी एम शुभम कुमार ने बताया कि बिहार राज्य में शेखपुरा एवं मुंगेर को इस योजना के लिए चुना गया है। डीसीएम शुभम कुमार पी.एस.आई. इंडिया के जिला प्रतिनिधि मनीष भारद्वाज एफ पी सी प्रेम रंजन सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। जिला प्रतिनिधि,पी एस आई इंडिया के मनीष भारद्वाज ने कार्यक्रम की शुरुआत से अभी तक माह वार सभी को विस्तार पूर्वक बताया इसे आगे कैसे ले जाना है। एम.ओ को प्रशिक्षण देते हुए मास्टर ट्रेनर रूप में मौजूद डॉक्टर नूर फातिमा ने बताया कि एमपीए इंट्रा मस्कुलर की तरह ही एमपीए सब कुटेनियस भी काम करता है। दोनों में ही मेडॉक्सी प्रोजेस्ट्रॉन एसिटेट होता है। सब कुटेनियस में इंट्रा मस्कुलर की तुलना में कम दवा होता है और यह प्रीलोडेड होता है। इसलिए इसको कहीं भी लाने ले जाने में कोई असुविधा नहीं होती है। इसको लाभार्थी को लगाना भी काफी सुविधाजन होता है। इंट्रा मस्कुलर को जहां मांसपेशियों में दिया जाता है वहीं सब कुटेनियस को त्वचा के नीचे दिया जाता है। इसका निडिल भी छोटा होता है जिससे लाभाथी को कोई परेशानी नहीं होती है।
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