*नालन्दा प्रतिनिधि विश्वास के नाम*
हरनौत प्रखंड के केवीके परिसर के किसान भवन में
"बीज एवं जैविक उत्पादन एवं प्रमाणन " विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेन्सी (बसोका) के द्वारा था। कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत किया गया। जिसमें बीज प्रमाणन निरिक्षक गया से रंजन कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप के रूप में मौजूद थे।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के वरिय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. सीमा कुमारी ने की। जबकि मंच संचालन प्लांट पैथोलॉजी के एसएमएस डॉ आरती कुमारी ने किया।
प्रशिक्षण में बीज प्रमाणन निरिक्षक श्री रंजन व केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि बीज प्रोड्यूसर कैसे बन सकते हैं ? इसका क्या-क्या तरीका है ? बीज क्या है ? बीज की श्रेणियां (प्रजनक बीज , आधार बीज , प्रमाणित बीज , केन्द्रीय बीज) कौन-कौन है आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। कहा केन्द्रीय बीज प्रजनक (वैज्ञानिक) द्वारा स्वयं तैयार किया जाता है। जो अनुवांशिक रूप से 100% शुद्ध होता है। केन्द्रीय बीज से प्रजनक बीज स्वयं प्रजनक (वैज्ञानिक) के देख रेख में तैयार किया जाता है। यह केन्द्रीय बीज की संतति होती है। यह बीज भौतिक एवं अनुवांशिक रूप से 100% शुद्ध होता है। प्रजनक बीज के बोरे पर पीले रंग का टैग लगा होता है। उन्होंने बताया कि आधार बीज का उत्पादन प्रमाणीकरण संस्था की निगरानी यह प्रजनक बीज की संतति होती है। आधार बीज के थैली पर प्रमाणीकरण संस्था का सफेद रंग का टैग लगा होता है । उन्होंने ने कहा कि प्रमाणित बीज आधार बीज से तैयार किया जाता है।यह आधार बीज की संगति होती है। प्रमाणित बीज उत्पादन बीज प्रमाणीकरण संस्था की दसरेल में किया जाता है। यह भी मोतिक एवं अनुवांशिक रूप से इसके बरेली पर प्रमाणीकरण संस्था का नीले टैग लगा देता है। इसके अलावा इसके रोग , संरक्षण समेत अन्य विषयों पर चर्चा की।
मौके पर गृह विज्ञान के एसएमएस ज्योति सिन्हा ,पशु एवं चिकित्सा विज्ञान के
एसएमएस डॉ विद्या शंकर सिन्हा , याईपी-1 विवेक कुमार गौरव के अलावा सत्य प्रकाश सिंह , दीपक सिंह , राजेश कुमार समेत 40 किसान शामिल थे।
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