घर से मिली थी मां व उनकी दो बेटियों के शव
प्रतिनिधि, विश्वास के नाम नवादा :
कौआकोल थाना क्षेत्र के भलुआही गांव में एक ही परिवार की तीन महिलाओं की संदिग्ध मौत पर सस्पेंस बरकरार है। दो माह बाद भी ट्रिपल मौत की गुत्थी नहीं सुलझ सकी है। पुलिस को इस मामले में अब तक कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिल सका है। जिसके आधार पर इस घटना को आत्महत्या अथवा हत्या साबित किया जा सके। मामले की टेक्निकल व फिजिकल अनुसंधान में पुलिस के हाथ कुछ भी साक्ष्य नहीं लग सका। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कुछ मिलने की संभावना थी। परंतु एम्स पटना के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर अपना मंतव्य सुरक्षित रख लिया और मृतकों का विसरा जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया। फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टर मौत के कारणों का खुलासा कर सकेंगे। इससे पूर्व पुलिस ने भी मृतक के घर से बरामद खाना जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा था। दोनों ही जांच रिपोर्ट फॉरेंसिक लैब से अब तक नहीं मिल सका है। मामला कौआकोल थाना क्षेत्र के भलुआही गांव स्थित एक घर से मां व उसकी दो बेटियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मिले शवों से जुड़ा है।
20 जून को मिले थे मां-बेटियों के शव
20 जून 2024 को कौआकोल के भलुआही गांव में रिटायर इंजीनियर स्व. नेयाज अहमद के घर से पुलिस ने आमना खातून (उम्र-लगभग 85 वर्ष), उनकी शिक्षिका पुत्री शबाना खातून (उम्र-लगभग 45 वर्ष) एवं पुत्री मंजू खातून (उम्र-लगभग 56 वर्ष) के शव तीन अलग-अलग कमरों से बरामद किया था। घर से दुर्गन्ध आने की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने तीनों के शव बरामद किये थे। घर में यही तीन सदस्य रहते थे। बकरीद के दिन 18 जून की दोपहर 12 बजे के करीब घर में ही बकरे की कुर्बानी दी गयी थी। उस वक्त तक सभी महिलाओं को जीवित अवस्था में देखा गया था। इसके बाद से उन्हें किसी ने नहीं देखा। आशंका जतायी गयी कि उसी दिन दोपहर 12 बजे के बाद इनकी मौत हुई। घर के भीतर से मिले टब से बकरे का मांस बरामद किया गया था।
रसोइया को छोड़ कोई नहीं जाता था घर
आरंभिक जांच पड़ताल में मिली जानकारी के मुताबिक स्व. नेयाज अहमद के घर में पिछले कई वर्षों से घर में यही तीन लोग रहते थे। पड़ोस के एक रसोइया को छोड़कर घर में और कोई नहीं जाता था। बताया जाता है कि स्व. नेयाज की पांच बेटियां थी। इनमें से एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। जबकि दो अन्य बेटियों में से एक पूणे व दूसरी रायपुर में अपने परिवार के साथ रहती हैं। पुलिस के मुताबिक घटना की जानकारी मिलने पर दोनों बहनें आयी थीं और पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव उन्हें सौंप दिये गये थे। दोनों बहनों द्वारा भी इनकी मौत को लेकर किसी पर भी कोई शक या संदेह नहीं जताया गया था।
संपत्ति विवाद का भी सुराग नहीं
मामले की जांच के लिए पकरीबरावां के एसडीपीओ महेश चौधरी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा संपत्ति विवाद समेत अन्य संभावित बिन्दुओं पर जांच की गयी। परंतु कोई सुराग नहीं मिल सका। संपत्ति व जमीन विवाद से जुड़े बिन्दुओं पर की गयी जांच में यह बात सामने आयी कि मौत से करीब 3-4 माह पूर्व मंजू खातून द्वारा भलुआही गांव में कुछ जमीन बिक्री की गयी थी। ये जमीन भलुआही गांव के परवेज नामक युवक को 16 लाख रुपये में बेची गयी थी। परवेज वर्तमान में रांची रहता है। जमीन बिक्री की राशि मंजू खातून व उसकी मां आमना खातून के संयुक्त अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गयी थी। इस राशि में से करीब 50 हजार रुपये मंजू खातून द्वारा निकाले गये थे। शेष राशि बैंक अकाउंट में सुरक्षित पाये गये थे।
दर्ज है कौआकोल थाने में यूडी केस
मां व दो बेटियों के मिले शवों के मामले में कौआकोल थाने में स्थानीय चौकीदार के बयान पर अप्राकृतिक मौत का केस दर्ज है। 20 जून 2024 को केस दर्ज किया गया था। इसके बाद से पुलिस अब तक विभिन्न बिन्दुओं पर अनुसंधान में जुटी है। परंतु अब तक कोई ठोस साक्ष्य मिल पाना शेष है।
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