सड़क हादसे में जख्मी लिपिक की मौत

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सड़क हादसे में जख्मी लिपिक की मौत


दो दिन पहले ट्रक व बाइक की टक्कर में हो गए थे जख्मी


 इंटर विद्यालय नारदीगंज में लिपिक के पद पर थे कार्यरत 

प्रतिनिधि, विश्वास के नाम नारदीगंज : 

दो दिन पहले सड़क हादसे में जख्मी हुए लिपिक शशि कुमार सुधाकर की मौत हो गई। पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार की देर रात वे जिंदगी की जंग हार गए। मृतक इंटर विद्यालय नारदीगंज में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। दो जुलाई को राजगीर बोधगया राजमार्ग पर फोरलेन  बाइपास कहुआरा चौक पर दुर्घटना में जख्मी हुए थे। लिपिक बाइक से विद्यालय में कार्य सम्पादित कर अपने निवास स्थान नवादा लौट रहे थे। तभी बिहार शरीफ से कोलकाता जा रही नागराज बस ने बाइक में भीषण टक्कर मार दी थी। तब बाइक बस की बंफर में फंस कर तकरीबन 50 मीटर दूर शादिकपुर गांव तक घिसटती चली गई थी। घटना  की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त दोनों वाहन को जब्त कर लिया था। इधर, मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया कर शव का पोस्टमार्टम पटना में कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों व शुभचिंतकों में मातम छा गया। मृतक मूलतः गया जिले के अतरी थाना के सारसू गांव के निवासी थे। इनदिनों नवादा में आशियाना बना कर रह रहे थे। उनकी तीन संतान हैं, जिसमे दो पुत्र मनीष कुमार व रजनीश कुमार व पुत्री पूजा कुमारी है। वहीं पत्नी मीना देवी हैं। घटना की खबर पाते ही पत्नी, पुत्र, पुत्री समेत अन्य परिजनों का रोकर हाल बुरा हो रहा था। सभी रोते हुए बेसुध हो रहे थे। लोगों के करुण क्रंदन से आसपास का वातावरण गमगीन हो रहा था। 

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लिपिक के निधन पर शिक्षकों व छात्रों ने दी श्रद्धांजलि 

नारदीगंज। इंटर विद्यालय नारदीगंज में कार्यरत लिपिक शशि कुमार सुधाकर के सड़क हादसे में निधन होने की सूचना मिलते ही विद्यालय के शिक्षकों, कर्मियों व छात्र व छात्राओं में मातम छा गया। इस घटना से हर कोई हतप्रभ रह गए हैं। इस घटना को लेकर विद्यालय परिसर में गुरुवार को श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुआ। अध्यक्षता विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. कारु रजक ने की। इस दौरान उपस्थित शिक्षकों, कर्मियों,छात्र व छात्राएं ने दो मिनट का मौन रखकर अश्रुपूरित नेत्रों से श्रद्धांजलि अर्पित कर कृतित्व व व्यक्तित्व पर चर्चा की। कहा कि लिपिक शशि जी काफी सरल व मृदुभाषी थे। वे अपने ईमानदारी व कर्मठता के साथ कार्यो को सम्पादित करते थे। वे भाई व परिवार के तरह विद्यालय के शिक्षकों  व अन्य लोगों के साथ रखते थे। उनके साथ बिताए गये क्षण जीवन में एक यादगार बना रहेगा। उनके आकस्मिक निधन होने से विद्यालय परिवार के साथ स्वजन व समाज को अपूरणीय क्षति पहुंची है। उन्होंने इस विद्यालय में 15 मार्च 1996 को योगदान दिया था। मौके पर शिक्षक राजन कुमार, प्रशांत कुमार, बिनोद कुमार रविदास, मो. समीर खान, धनन्जय कुमार, रूपेश कुमार, नीरज कुमार, डा सुधा कुमारी, सिमरन कुमारी, कुमारी नीतू समेत अन्य शिक्षक, कर्मी व छात्र छात्राएं ने शामिल होकर दुःख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

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