फेस अटेंडेंस का कर रहे विरोध, समान काम के बदले समान वेतन की मांग
प्रतिनिधि, विश्वास के नाम रोह :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोह में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने ऑफ लाइन व ऑन लाइन दोनों तरह के अपने कार्यों का बहिष्कार कर दिया है। अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में बीते 6 जुलाई से हड़ताल कर ऑनलाइन कार्यों से दूरी बना रहे एनएचएम कर्मियों ने बीते 22 जुलाई से ऑफलाइन कार्यों का भी बहिष्कार कर दिया है। सोमवार को पीएचसी परिसर में दर्जनों एनएचएम कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया। कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला किया है। उनके द्वारा घोषित इस हड़ताल और कार्यों के बहिष्कार का रोह पीएचसी में स्वास्थ्य सेवा पर असर देखने को मिल रहा है।
एनएचएम कर्मियों ने बीते बुधवार से ऑनलाइन व ऑफलाइन सभी तरह के कार्यों का बहिष्कार किया है। गौरतलब हो कि एनएचएम के तहत कार्यरत संविदा कर्मी राज्य संघ के आह्वान पर फेस अटेंडेंस (एफआरएएस) का विरोध करते हुए समान काम के लिए समान वेतन सहित पांच सूत्री मांगों के समर्थन में गत छह जुलाई से हड़ताल पर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विभाग के एफआरएएस पोर्टल पर चेहरे से उपस्थिति दर्ज किए जाने की अनिवार्यता की गयी है। कर्मियों ने इसका विरोध किया है। क्योंकि यह नियम सिर्फ इन्हीं संविदा कर्मियों पर लागू है, स्थाई कर्मियों पर लागू नहीं है। प्रदर्शनकारी कर्मियों ने कहा कि हमें एफआरएस से परेशानी नहीं है। बल्कि सरकार की दोहरी नीति पर आपत्ति है। क्योंकि यह स्थाई कर्मियों पर लागू नहीं है। जबकि उनका वेतन व सुविधाएं हमसे काफी अधिक है। सरकार हमारे साथ दोहरी नीति अपनाकर सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार हमारी मजबूरी नहीं देख रही है। सेंटर पर सुविधाओं का घोर अभाव है फिर भी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक की ड्यूटी दूरस्थ इलाके में करना मुश्किल भरा है। दूर इलाके से शाम में वापसी के लिए वाहन नहीं मिलते। सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। एनएचएम कर्मियों को 4 महीने से वेतन के लिए भी जूझना पड़ रहा है। इन सभी परिस्थिति से जूझते हुए ड्यूटी करने पर भी हमें स्थाई कर्मियों की तरह सुविधा नहीं मिलती है। इसलिए हम विरोध करते हुए हड़ताल पर हैं और ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन सभी कार्यों का बहिष्कार किए हैं।
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