स्वेच्छा पूर्वक गोला बड़राजी एवं पाली बाजार को बन्द कर सड़क को किया जाम
बिजली विभाग, स्थानीय विधायक, सांसद तथा प्रशासन के प्रति जताया आक्रोश
प्रतिनिधि, विश्वास के नाम कौआकोल :
पिछले एक माह से लगातार बिजली और पानी की समस्या से जूझ रहे कौआकोल में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोग सड़क पर उतर गए। कौआकोल पश्चिमी के जिप सदस्य नीतीश राज के नेतृत्व में आक्रोशित लोगों ने गोला बड़राजी बाजार में बुधवार को स्वेच्छा पूर्वक बाजार को बंद कर कौआकोल-पकरीवरावां मुख्य पथ को सुबह 5 बजे से जाम कर दिया। बिजली विभाग के प्रति विरोध जताया। जाम के कारण उस पथ पर वाहनों का परिचालन ठप रहने से यातायात सेवा पूरी तरह से बाधित हो गई। जिसके चलते लोग इस कड़ी धूप में अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचने के लिए पैदल चलने पर विवश हो गए। इस पथ पर चलने वाली सभी बसों को सड़क जाम के कारण रधवा वेलदरिया तथा भोरमबाग मार्ग से होकर गुजरना पड़ा। इस दरम्यान ग्रामीणों ने बिजली विभाग के साथ साथ स्थानीय प्रशासन, मुखिया, विधायक एवं सांसद के विरुद्ध जमकर आक्रोश जताया। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की भीषण गर्मी में भी लगभग एक माह से उन लोगों के समक्ष बिजली तथा पानी की समस्या विकराल बनी हुई है। शिकायत करने पर कोई भी अधिकारी बीडीओ, सीओ, बिजली विभाग के जेई, तथा एसडीओ से लेकर मुखिया, स्थानीय विधायक तथा सांसद तक कोई कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। जिप सदस्य नीतीश राज ने कहा कि कौआकोल में एक माह से लगातार बिजली की स्थिति यह है कि 24 घंटे में एक घंटे भी लोगों को निर्बाध रुप से बिजली नहीं मिल पा रही है। कभी दस मिनट तो कभी पांच मिनट देकर काट दी जाती है। जबकि वोल्टेज भी पूरी तरह से लो रहता है। जिसके कारण एक भी सबमर्सिबल चालू नहीं हो पाता है। लिहाजा लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। बिजली नहीं मिलने के कारण खेती किसानी भी पूरी तरह से प्रभावित होकर रह गया है। किसान हाथ पर हाथ रख बैठे हुए हैं। धान की रोपाई का समय निकलता जा रहा है। धान के बिचड़े पानी के बिना जल रहे हैं। फोन करने पर न तो विभाग के एसडीओ फोन उठाते हैं और न ही जेई। उन्होंने खुद बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया पर किसी ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। अंत में लोगों को बाध्य होकर सड़क पर उतरना पड़ रहा है। वहीं उपभोक्ताओं की शिकायत है कि बिजली की बिल भी अनाप शनाप भेज दिया जा रहा है। जब 24 घंटे में 14 और 16 घंटा बिजली मिलती थी तो एक सौ 20 से डेढ़ सौ रुपए का बिल मिलता था और अभी जब एक घंटे भी ठीक ढंग से बिजली नहीं मिलती है तो दो सौ से लेकर ढाई सौ रुपए का बिल दिया जा रहा है। जिससे विभाग की इस मनमानी रवैया से उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश है। बिजली नहीं मिलने से लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है। जल का स्तर काफी नीचे चले जाने से चापाकल भी पूरी तरह से पानी देना बंद कर दिया है। लोग पूरी तरह से सबमर्सिबल तथा बिजली पर आश्रित हो चुके हैं। और ऐसे भी इस तरह की भयंकर गर्मी में बिजली नहीं मिलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। पानी के बिना आम लोगों के साथ पशुओं की भी हलख सूख रहे हैं। समस्या से स्थानीय पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराते हुए समस्या से निदान के लिए की बार आग्रह किया जा चुका है। बावजूद किसी ने इस समस्या का समाधान करना मुनासिब नहीं समझा। वार्डों में सात निश्चय योजना से लगाए गए नल जल योजना भी सिर्फ दिखावे की वस्तु बनी हुई है। काफी दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिससे लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। बाध्य होकर ग्रामीण सड़क जाम एवं आंदोलन करने को विवश हो गए हैं। गौरतलब है कि कौआकोल प्रखंड के एक गांव की यह समस्या नहीं है बल्कि पूरे प्रखंड की यही समस्या है। जिससे प्रखंड क्षेत्र के लोग बिजली और पानी की समस्या से त्रस्त हो चुके हैं। प्रत्येक दिन प्रखंड क्षेत्र के किसी न किसी जगह पर ग्रामीणों द्वारा व्यवस्था को लेकर आक्रोश जताया जा रहा है। पर समस्या के निदान को लेकर किसी तरह का अमल नहीं हो पा रहा है।
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