करोड़ो का राजस्व देने वाला परिवहन और आबकारी विभाग का कार्यालय उपेक्षा का शिकार।

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करोड़ो का राजस्व देने वाला परिवहन और आबकारी विभाग का कार्यालय उपेक्षा का शिकार।




मेंटेनेंस के अभाव में शाम ढलते ही अंधेरा में डूब जाता है समेकित जाँच चौकी।



मेंटेनेंस के अभाव में समेकित जाँच चौकी पर लगी अधिकतर लाइटे है खराब।



प्रतिनिधि विश्वास के नाम रजौली:शाम होते ही रजौली थाना क्षेत्र के चितरकोली स्थित समेकित जाँच चौकी पर कार्यरत कर्मचारियों की धड़कने बढ़ जाती है।यह हाल शासन को प्रतिवर्ष करोड़ो का राजस्व देने वाला परिवहन और आबकारी विभाग का है।जहाँ शाम ढलते ही समेकित जाँच चौकी परिसर में अंधेरा छा जाता है।जिससे वाहन जाँच के दौरान अधिकारी सहित कर्मचारियों को काफी फझिहत झेलनी पड़ती है।हालांकि समेकित जाँच चौकी परिसर में दर्जनों फ्लैग लाइट और स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थी ताकि वाहन जाँच के दौरान समेकित जाँच चौकी पर पर्याप्त रोशनी हो सके।लेकिन समेकित जाँच चौकी पर लगी अधिकतर लाइटे मेंटेनेंस के अभाव में और विभागीय उदासीनता के कारण वर्षो से खराब पड़ी है।जिससे शाम होते ही समेकित जाँच चौकी पर अंधेरा छा जाता है।नाम ना छापने के शर्त पर कई कर्मचारियों ने बताया कि बॉर्डर एरिया होने के कारण कई तरह के अवैध कारोबार में शामिल लोग अंधेरा का फायदा उठाकर इस क्षेत्र में सक्रिय हो जाते हैं।जिसे रोक पाना कभी कभी मुश्किल हो जाता है।अगर जाँच चौकी परिसर की खराब पड़ी लाइटें की मरम्मत कर दी जाती है तो उससे अवैध कारोबार में शामिल लोग जाँच चौकी परिसर में नही आ सकेंगे।

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लाइटें जले या ना जले देने होंगे 3 लाख रुपया प्रतिमाह :  समेकित जाँच चौकी परिसर में बिजली विभाग के द्वारा बिजली का कनेक्शन दिया गया है।रोशनी के लिए निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई की जाती है जिसके एवज में  बिजली बिल के रूप में 3 लाख रुपया की मोटी रकम दिया जाता है।जबकि अधिकांश लाइटे खराब है।

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