मुख्य प्रतिनिधि विश्वास के नाम
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 04 जून को आने के साथ ही मालूम हो गया कि 18वीं लोकसभा वैसी नहीं होगी जैसे कि दावे किए जा रहे थे। यह सही है कि इस बार भी एनडीए पूर्ण बहुमत में है, वह 400 पार या 370 वाले लक्ष्य से काफी दूर रह गई है। एनडीए को इस चुनाव में कुल 293 सीटें मिली हैं। इनमें से भाजपा की 240 सीटें हैं। इसके विपरीत इंडिया गठबंधन को 232 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर एनडीए को लक्ष्य से भटकाने वाले कौन-कौन राज्य रहे हैं। इन राज्यों में सबसे खास उत्तर प्रदेश है, जिसकी वाराणसी लोकसभा सीट से खुद प्रधानमंत्री जीत दर्ज कराकर तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का दावा पेश कर रहे हैं। ऐसे सभी राज्यों के बारे में यहां जानते हैं, जिनसे एनडीए खासकर भाजपा को खासा झटका लगा है और उन्हें उम्मीद से कम सीटें मिली हैं। सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले पांच राज्यों में से चार राज्यों में इस बार भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
सबसे पहले उत्तर प्रदेश को ही देख लें, जहां भाजपा की हिस्सेदारी घट गई है। यहां पर कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ सीधा मुक़ाबला कर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। यहां से भाजपा को पिछले चुनाव में 62 सीटें मिलीं थीं जो मौजूदा चुनाव में करीब आधी हो गईं और उसके खाते में महज 33 ही सीटें आई हैं। इसी प्रकार दूसरा राज्य महाराष्ट्र है, जहां 48 सीटों में से, भाजपा को पिछले चुनाव में मिलीं 23 सीटों के मुकाबले इस चुनाव में महज 10 सीटें ही मिल पाई हैं। एक और राज्य पश्चिम बंगाल को देखें जहां 42 सीटों में से पिछले चुनाव में पार्टी को 18 सीटें मिलीं थीं लेकिन इस बार वह 12 पर आकर अटक गई। सबसे बड़ा झटका तमिलनाडु में लगा है, जहां 39 में से एक भी सीट भाजपा को नहीं मिली। बिहार की बात करें तो यहां पिछले चुनाव में भाजपा के पास 17 सीटें थीं जो घटकर 12 पर आ गईं। यह अलग बात है कि बिहार में एनडीए ने 40 में से 30 सीटों पर जीत दर्ज कर मामले को संभाल लिया है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश समेत बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मणिपुर राज्य में भाजपा बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी। इस कारण अब 18वीं लोकसभा का समीकरण पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है, जिसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
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