-वारिसलीगंज-नवादा के बीच रेल ट्रैक दोहरीकरण का काम पूरा
-तेज रफ्तार ट्रेनों का ट्रायल एवं परिचालन आरंभ
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया)
कियूल-गया रेलखंड में वारिसलीगंज से नवादा के बीच में रेल ट्रैक दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। इसके साथ ही तेज रफ्तार ट्रेनों का ट्रायल एवं परिचालन शुरू कर दिया गया है। वारिसलीगंज -काशीचक के बीच इससे पहले ही पूर्ण कर लिया गया था। जिस पर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। किउल-नवादा रेलवे स्टेशन तक अब तेज रफ्तार में दौड़ने वाली ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
पूर्व मध्य रेल अन्तर्गत दानापुर मंडल के केजी रेलखंड स्थित वारिसलीगंज-नवादा के बीच दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है।
वारिसलीगंज स्टेशन प्रबंधक अवधेश कुमार सुमन ने बताया कि वारिसलीगंज-नवादा रेललाईन के किनारे बसे गांव वासियों को जागरूक करने का कार्य ई रिक्शा में माइक एवं साउंड लगा कर किया जा रहा है। वारिसलीगंज बाजार सहित रेलवे ट्रैक के किनारे बसे गांव के लोगों को सतर्क करते हुए रेलवे ट्रैक से दूर रहने तथा मवेशियों, बच्चों एवं अन्य जीवों आदि को दूर रखने को कहा जा रहा है।
बताया गया कि वारिसलीगंज-नवादा के बीच दोहरीकरण का कार्य पूरा हो जाने के बाद अब तेज रफ्तार ट्रेनों का ट्रायल शुरू हो गया है। ट्रायल पूरी हो जाने के बाद रेलखंड के रास्ते रेलवे द्वारा तेज रफ्तार ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दी जाएगी। -
दोहरीकरण से यात्रियों में खुशी, इन पंचायतों की बड़ी आबादी मायूस:-
रेल ट्रैक दोहरीकरण से रेल यात्रियों में खुशी है। अब ट्रेनें अधिक रफ्तार से चलेंगी। दूुसरी ओर वारिसलीगंज प्रखंड के मकनपुर तथा हाजीपुर पंचायत के दर्जनभर छोटे बड़े गांवों के लोगों को वारिसलीगंज आने जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। जो भी वाहन या व्यक्ति दोहरीकरण रेल ट्रैक को पार करने की कोशिश करेंगे, उन्हें काफी सावधानी बरतनी होगी। अन्यथा बड़ी घटना घट सकती है।
रेल ट्रैक के पूरब दिशा में बसे मकनपुर पंचायत की सफीगंज, मसूदा, कोल्हाबीघा हाजीपुर के मय, मोतालिफ़ चक, बढनपुर, चुल्हाय बीघा तथा मंजौर पंचायत की बलबापर आदि गांव के लोगो को एसएच 83 सड़क तक पहुंचने के लिए केजी रेलखंड के दोहरीकृत रेल लाइन के खतरों को जानते हुए पार करना होगा।
उन गांव के ग्रामीणों के द्वारा दोहरीकरण कार्य के समय काफी विरोध प्रदर्शन किया गया था तब एसडीएम सदर द्वारा ग्रामीणों को समझाते हुए आने जाने के लिए अंडर पास बनाने के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया था, परंतु अब जब दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है तब उन क्षेत्र में बसे ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
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