दिल्ली में अस्पतालों को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस ने शुरू की तलाशीDELHI

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दिल्ली में अस्पतालों को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस ने शुरू की तलाशीDELHI

 


दिल्ली के कई अस्पतालों में एक बार फिर से बम की कॉल की गई है. दिल्ली दमकल विभाग के मुताबिक उन्हें कई अलग-अलग अस्पतालों से कॉल्स मिली है. इनमें गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दादा देव अस्पताल, हेडगेवार अस्पताल और दीप चंद बंधु अस्पताल में बम होने की कॉल की गई है.

दमकल विभाग के मुताबिक सभी कॉल्स को वेरीफाई किया जा रहा है. अस्पतालों में बम होने की सूचना मेल के जरिए दी गई है. इसके बाद अस्पतालों ने ये सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी है.

इससे पहले दिल्ली में रविवार को 20 अस्पतालों, आईजीआई हवाईअड्डे और उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ कार्यालय को ईमेल भेजकर बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी. यह धमकी ऐसे समय में मिली, एक मई को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 150 से ज्यादा स्कूलों को ईमेल मिला था, जिसमें उन्हें बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी, जिसके कारण विद्यार्थियों और अभिभावकों में दहशत फैल गई थी.

जांच में नहीं मिला था कुछ भी आपत्तिजनक 

अधिकारियों को जांच के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला था. अधिकारियों के मुताबिक, जहां स्कूलों को रूस स्थित ई-मेल सेवा से धमकियां मिलीं थीं, वहीं अस्पतालों और दो अन्य प्रतिष्ठानों को रविवार को यूरोप स्थित ई-मेल सेवा कंपनी 'बीबल डॉट कॉम' से यह धमकियां मिलीं. पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, ई-मेल एक अस्पताल को भेजा गया था और उसी सामग्री वाली प्रतियों को अन्य अस्पतालों को भी भेजा गया था.

अस्पतालों को धमकी भरे ई-मेल में कहा गया, ‘‘मैंने आपकी इमारत के अंदर विस्फोटक उपकरण रखे हैं. उनमें अगले घंटे विस्फोट होगा. यह कोई धमकी नहीं है, आपके पास बम को निष्क्रिय करने के लिए कुछ घंटे हैं, अन्यथा इमारत के अंदर निर्दोष लोगों का खून आपके हाथों में होगा. इसके पीछे 'कोर्ट' नामक समूह का हाथ बताया जा रहा है. ’’

अखिल भारत स्तर पर जांच कर सकती है पुलिस

इस बीच दिल्ली पुलिस विद्यालयों, अस्पतालों और हवाई अड्डों सहित अलग-अलग प्रतिष्ठानों को ई-मेल भेजकर दी गई धमकियों के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए अन्य राज्यों में अपने समकक्षों के साथ मिलकर अखिल भारतीय स्तर पर जांच कर सकती हैं. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यहां के अधिकारी ई-मेल भेजे जाने के तरीके का विश्लेषण कर रहे हैं और अन्य राज्यों के पुलिस बलों से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं.


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