चीन के राजदूत बोले- अब भारत और चीन बोलेंगे तो दुनिया सिर्फ सुनेगीCHINA RAJDOOT

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चीन के राजदूत बोले- अब भारत और चीन बोलेंगे तो दुनिया सिर्फ सुनेगीCHINA RAJDOOT


नई दिल्ली:
डेढ़ साल बाद भारत में आए नए चीनी राजदूत दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्ते बनाने का दावा किया है। भारत पहुंचने से पहले चीन के नवनियुक्त राजदूत शु फिहोंग ने कहा है कि वह अपने कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के रिश्तों को इनके नेताओं पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपित शी चिनफिंग के बीच पूर्व में बनी सहमति के हिसाब से आगे बढ़ाएंगे। जिसके परिणामस्वरुप उम्मीद की जा सकती है कि अब भारत और चीने बोलेंगे तो दुनिया सिर्फ सुनेगी।साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी कोशिश भारत व चीन के रिश्तों में स्थिरता लाने की भी होगी ताकि विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को प्रगाढ़ किया जा सके। इसी हफ्ते चीन की सरकार ने तकरीबन 18 महीनों के अंतराल के बाद फिहोंग को भारत का नया राजदूत नियुक्त किया है। फिहोंग भारत तब आ रहे हैं जब दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण है। 

पूर्वी लद्दाख स्थिति वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अभी भी कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के सामने तैनात हैं। चीन के सरकारी अंग्रेजी टीवी नेटवर्क को दिए गए एक साक्षात्कार में फिहोंग ने कहा है कि पूर्व में राष्ट्रपति चिनफिंग और पीएम मोदी के बीच यह सहमति बनी थी कि भारत व चीन प्रतिस्प‌र्द्धी नहीं है बल्कि विकास में सहयोगी हैं। दोनों देश एक दूसरे के लिए विकास की कई संभावनाएं पैदा करते हैं। दोनो देशों के द्विपक्षीय रिश्तों के लिए यही बात आधार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में अभी काफी तेजी से बदलाव हो रहे हैं। हम कई तरह के वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जैसे पर्यावरण में बदलाव, खाद्य व ऊर्जा की कीमतें, असमान इकोनॉमी रिकवरी आदि। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुपक्षीय मुद्दों को सुलझाने, आर्थिक रिकवरी में सुधार करने, खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने जैसे मुद्दे पर भारत और चीन की एक जैसी सोच है। वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ाने और समन्वय होने से भारत व चीन के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा और साथ ही अंतरराष्ट्रीय संबंधो में ज्यादा स्थिरता व सकारात्मकता लाया जा सकेगा। यह एक संतुलित वैश्विक व्यवस्था बनाने पर भी सकारात्मक असर डालेगा।

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