महीनों से खराब पड़ा है चापाकल, सूचना के बाद भी चापाकल नहीं बनवा रहे पीएचईडी के जेई

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महीनों से खराब पड़ा है चापाकल, सूचना के बाद भी चापाकल नहीं बनवा रहे पीएचईडी के जेई



चापाकल बनाने के मामले में दिख रही है चलंत मोबाइल टीम की लापरवाही 

पीएचईडी के जेई ने कहा कि शिकायत पंजी में इंट्री करने के बावजूद भी चलंत टीम नहीं बना रही चापाकल

कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर दें चापाकल खराब होने की सूचना 

रजौली। प्रतिनिधि, विश्वास के नाम 

रजौली प्रखंड के सिरोडाबर पंचायत के बौढ़ी कला गांव में स्थित चापाकल महीनों से खराब पड़े है। सूचना देने के बाद भी पीएचईडी के जेई खराब पड़े चापाकल को नहीं बनवा रहे हैं। खराब पड़े चापाकल को बनवाने के मामले में पीएचईडी की चलंत मोबाइल टीम लापरवाही कर रही है।

खराब पड़े चापाकल को बनवाने के लिए बौढ़ी कला गांव निवासी राम रतन गिरी ने 25 अप्रैल को पीएचईडी के जेई चंदन कुमार को मोबाइल पर सूचना दी गई। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पीएचईडी के जेई द्वारा चापाकल नहीं बनवाया गया। 

हालांकि कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष राम रतन गिरी ने बताया कि उनके घर के सामने का चापाकल महीनों से खराब पड़ा है। जिसे बनवाने के लिए उन्होंने पीएचईडी के जेई चंदन कुमार को मोबाइल पर सूचना दी थी। जिसके बाद पीएचईडी जेई ने जल्द ही चापाकल बनाने का आश्वासन दिया। लेकिन जेई के आश्वासन दिए जाने के बाद एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी पीएचईडी जेई के द्वारा चापाकल नहीं बनवाया गया। भीषण गर्मी में पेयजल की संकट को देखते हुए खराब पड़े चापाकल को बनवाना नितांत आवश्यक है। लेकिन पीएचईडी के द्वारा ही लगातार लापरवाही बरती जा रही है।

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष राम रतन गिरी ने बताया कि उनके घर के सामने जो चापाकल स्थित है उससेआसपास के 8-10 घर के लोग पानी पिया करते हैं। ऐसे में उन लोगों को पीने के पानी के लिए दूसरे चापाकल पर निर्भर होना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भीषण गर्मी में चापाकल का जलस्तर भी काफी नीचे चला जा रहा है। जिसके कारण लोगों को ऐसे ही पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में पीएचईडी की चलंत मोबाइल टीम के द्वारा चापाकल बनाने में बरती जा रही लापरवाही लोगों के मुसीबत को और भी बढ़ा दे रहा है।

पीएचईडी के जेई चंदन कुमार से जानकारी लेने पर उन्होंने कहा कि खराब पड़े चापाकल को बनवाने के लिए शिकायत पंजी में इंट्री करने के बावजूद भी चलंत मोबाइल टीम के द्वारा चापाकल नहीं बनाया जा रहा है।

पीएचईडी के जेई चंदन कुमार ने कहा कि शिकायत करने वाले सभी लोग कंट्रोल रूम को फोन कर उसकी सूचना दें तभी उनके खराब पड़े चापाकल को बनाया जाएगा। लेकिन जब बौढ़ी कला गांव निवासी राम रतन गिरी ने खराब पड़े चापाकल को बनवाने के लिए कंट्रोल रूम, नवादा  को पांच बार फोन किया तो एक बार भी कंट्रोल रूम का फोन नहीं लगा।जिसके बाद वे निराश हो गए।

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष राम रतन गिरी ने बताया कि जब उन्होंने कंट्रोल रूम के नंबर पर 5 बार फोन किया तो उधर से कोई भी जवाब नहीं आया। फोन लगाने के बाद सन-सुन की भी कोई आवाज नहीं आती।

उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में पेयजल संकट को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा जिले में खराब पड़े चापाकलों को बनाने के लिए एक मुहिम चलाई जाती है और जिले के प्रखंडों में प्रखंड वार पीएचईडी जेई की प्रतिनियुक्ति कर प्रखंड क्षेत्र में खराब पड़े चापाकलों को बनाने की जिम्मेदारी चलंत मोबाइल टीम दिया जाता है ताकि जिले के खराब पड़े चापाकलों को बनवाया जा सके। लेकिन जिला प्रशासन के आदेश का पीएचईडी के अधिकारी ही मजाक उड़ाने में जुटे हैं। 

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष ने बताया कि जिला प्रशासन का आदेश केवल कागजों पर चलता रहता है। उनके आदेश का धरातल से कोई लेना-देना नहीं होता। उन्होंने बताया कि जब एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ ऐसा हो सकता है तो आम ग्रामीण लोगों की क्या स्थिति होगी। 

कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष ने डीएम से पीएचईडी के जेई और चलंत मोबाइल टीम के कार्यशैली की जांच करने की मांग की है ताकि इस भीषण गर्मी में लोग पेयजल संकट की चपेट में आने से बच सके।

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