-रजिस्ट्री ऑफिस में लग रही भीड़, अब फिर से पिता के नाम की जमीन की बिक्री पुत्र व पुत्रियां कर सकती है
प्रतिनिधि विश्वास के नाम
नवादा जमीन की खरीद-बिक्री यानी रजिस्ट्री के लिए बिक्री करने वाले व्यक्ति के नाम जमाबंदी होने का जो नियम लागू किया गया है, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। हालांकि, जिले में अभी इस नये नियम को लागू नहीं किया गया है। इसकी जानकारी लेने के लिए लोग रजिस्ट्री ऑफिस पहुंच रहे हैं। रजिस्टार ने बताया कि अभी पुरानी व्यवस्था से ही काम हो रहा है। कोर्ट के आदेश की प्रति राज्य कार्यालय से मिलने के बाद ही नये नियम से काम किया जायेगा।
नये आदेश से खुशी:-
अब फिर से पिता के नाम की जमीन की बिक्री पुत्र व पुत्रियां कर सकती है। यही नहीं, अगर पत्नी चाहती हैं, तो भी बिक्री कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला से आम पब्लिक के साथ रजिस्ट्री ऑफिस के स्टांप वेंडर व दस्तावेज नवीसों में खुशी की लहर है।लम्बे समय बाद शुक्रवार को सुबह से ही ऑफिस में भीड़ दिखी। जिन नवीसों व स्टांप वेंडरों की गुमटी में सन्नाटा पसरा था उसमें भी शुक्रवार को भीड़भाड़ दिखी। हालांकि,विभाग की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के फैसला के आलोक में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है इससे कि बिना जमाबंदी वाली जमीन की भी खरीद-बिक्री हो सके। ऑफिस के कर्मचारी व अधिकारी विभागीय दिशा निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
रजिस्टार निलेश कुमार ने बताया कि फिलहाल,जिनके नाम जमाबंदी हैं, उन्हीं के द्वारा बिक्री करने पर रजिस्ट्री की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट व सरकार के फैसलों पर लगी रोक के बाद लोग जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। सभी को विभागीय गाइडलाइन आने का इंतजार करने को कहा जा रहा है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला:-
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाइकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए जमाबंदी होनी जरूरी है। अब बिहार में बगैर जमाबंदी के भी जमीन की रजिस्ट्री हो सकती है। दरअसल, जब से हाइकोर्ट का नया आदेश जारी हुआ था, तभी से संपत्तियों की रजिस्ट्री में लगातार कमी देखी जा रही थी। इसके खिलाफ कातिवों के अलावा आम पब्लिक की तरफ से भी एक साथ कई अपील याचिका सुप्रीम कोर्ट में फाइल की गयी थी।
10 अक्त्तूबर, 2019 को पहली बार लागू हुआ था नियम:-
जमीन रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार 10 अक्तूबर, 2019 को नियम लागू किया था, तब इसके खिलाफ कई याचिका हाइकोर्ट में दायर की गयी। कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर ही 25 अक्त्तूबर को सरकार के फैसला पर रोक लगा दिया। तब से चल रही मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 9 फरवरी, 2024 को सरकार के फैसला को सही करार देते हुए इसे लागू करने का आदेश दिया। इसके बाद सरकार ने 22 फरवरी को पत्र जारी कर बगैर जमाबंदी की रजिस्ट्री पर रोक लगा रखी है।
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