राशन में करप्शन का मामला फिर गहराया

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राशन में करप्शन का मामला फिर गहराया

 


-सड़े चावल की आपूर्ति से भड़के पीडीएस संचालक

-डीएम के आने की अफवाह मात्रपर गोदाम प्रबंधक गोदाम बंद कर फरार 

नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में राशन में करप्शन एक नासूर बन गया है। ऐसा अधिकारियों की मिलीभगत के कारण हो रहा है। निर्धारित मात्रा से कम आपूर्ति व सड़े खाद्यान्न तो आम हो गया है। हो भी क्यों नहीं जब गोदाम से ही सड़े खाद्यान्न की आपूर्ति की जा रही है। फिर मुफ्त खाद्यान्न योजना गरीबों के लिए नहीं बल्कि अधिकारियों के लिये कामधेनु बनकर रह गया है। 

ताजा मामला पकरीबरावां का है। राशन में करप्शन का मामला एक बार फिर सामने आया है। पिछले वर्ष भी इसी तरह का मामला पकरीबरावां में आया था जो धीरे धीरे जिले भर में फैल गया था। इस मामले को लेकर नवादा विधायक विभा देवी सहित कई राजद नेताओं ने जिला स्तर पर उठाई और आंदोलन का रुख अख़्तियार किया था तब जाकर जिला पदाधिकारी ने एक कमिटी बनाकर जॉच कर करवाई का आदेश निर्गत किया था। आदोंलन के बाद वितरण व्यवस्था में सुधार कर लाभुकों को खाने लायक चावल की आपूर्ति आरंभ हुई थी।  

मामले की शुरुआत इसी प्रखंड से प्रारंभ हुई थी। तब जाकर डीडीसी के द्वारा गोदाम का जॉच हुआ तब सभी लोग जानकारी मिलते ही गोदाम छोड़कर फरार हो गए थे। किसी तरह गोदाम को जब खुलवाया गया तो गोदाम के अंदर दर्जनों बकरियां बंद थी। लेकिन कोई ठोस करवाई होता न देख गोदाम प्रबंधक और दलालों द्वारा उसी खेल को पुनः चालू कर दिया गया । लाभुकों को एक बार पुनः सड़ा हुआ चावल दिया जा रहा है और पदाधिकारी मौन है। मामला पिछले कई दिनों से चर्चा में है । जब इस मामले को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी मुकेश कुमार से पूछा गया तो वे सीधे इंकार करते हुए बताया कि यह मामला गोदाम का है जो डीलर को मिला उसका वह वितरण कर रहा है। 

गोदाम प्रबंधक नागेन्द्र कुमार से बात की गई तो बताया कि मैं अभी नया आया हूं। गोदाम में जो चावल पूर्व से रखा था वह दिया गया है। इसी मामले को जब पुर्व गोदाम प्रबंधक नीरज कुमार से पूछा गया तो बताया गया मेरा वहां से ट्रांसफर हो चुका है। सीएमआर के द्वारा जो चावल भेजा गया वही गोदाम में है। विशेष हमे कुछ भी पता नहीं है।

अब सबसे सवाल यह है कि इस खेल के कौन है जिम्मेवार? पिछले वर्ष भी जो खेला हुआ था उस वक्त भी नीरज कुमार ही गोदाम प्रबंधक थे। और इस बार कौन? यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा? 

बता दें कि पिछले बार घटना में प्रखंड के ही एक राइस मिल का मालिक का कब्जा था और उसी मील मालिक का स्टाफ इस गोदाम से अनाज का उठाव रखाव का कार्य करता था। इसके साथ ही अन्य दलालों का अड्डा बन गया था। आज एक बार फिर मामला सामने आया है।

डीएम के आगमन की खबर सुन गोदाम बंद कर भागा:-

राशन में करप्शन की अफवाह इस तरह गुरुवार को उड़ी की अधिकांश डीलर के दुकान को पदाधिकारियों द्वारा बंद करवा दिया गया। गोदाम प्रबंधक भी गोदाम बंद कर भाग खड़े हुए। इससे स्पष्ट होता है कि प्रखंड में एक बार फिर से राशन करप्शन का मामला  तरोताजा होते जा रहा है। माफिया और संबंधित पदाधिकारी मालामाल हो रहे हैं। बावजूद अधिकारियों का मौन रहना लोगों को समझ में नहीं आ रहा है।

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