प्रतिनिधि विश्वास के नाम वारिसलीगंज:
डायरिया प्रभावित वारिसलीगंज प्रखंड के मंजौर पंचायत की बलबापर गांव में बिकराल रूप धारण कर चुका डायरिया का प्रसार थमने लगा है। सोमवार को गांव के दो बच्चों में संक्रमण पाया गया। जिसे चिकित्सीय टीम द्वारा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्की ले जाकर इलाज करवाया जा रहा है। जबकि गांव के आधा दर्जन के करीब डायरिया पीड़ित मरीज सदर अस्पताल नवादा में इलाजरत है। ग्रामीण अशोक कुमार यादव ने बताया कि डायरिया का प्रसार अभी भी गांव में जारी है। गांव के दर्जनभर से ज्यादा पीड़ित विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। जिस कारण मेडिकल टीम को मरीजो का सही आकलन नहीं मिल पाता है। संक्रमण के प्रसार से ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं। बता दें की शनिवार की शाम में ग्रामीण दशरथ यादव को 55 वर्षीय पत्नी उर्मिला देवी संक्रमण की चपेट में आकर असमय काल के गाल में समा चुकी है। ग्रामीणों की माने तो सोमवार तक कुछ लोग गंभीरावस्था में इलाजरत हैं।
ग्रामीणों का आरोप पीएचसी में इलाज की जगह किया जाता है मरीज रेफर-
बलबापर ग्रामीण अशोक कुमार यादव ने पीएचसी की लचर व्यवस्था के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहते हैं कि पीएचसी मरीजो की इलाज नही रेफर करने का काम करता है। सोमवार को बलबापर से लाये गए अधिकांश डायरिया पीड़ित मरीजों को नवादा रेफर कर अपने कर्तव्य को पूरा करते हैं। ग्रामीणों की माने तो रविवार को सूचना पश्चात मेडिकल टीम काफी बिलम्ब से गांव पहुंची फलत: कई मरीज गांव से बाहर जाकर निजी चिकित्सक के पास इलाज करवा रहे हैं।
बता दें कि रविवार की सुबह मंजौर पंचायत की बलबापर गांव से सूचना आई की गांव के दर्जनों लोग कै दस्त से पीड़ित हैं। जब विभिन्न समाचार माध्यमो से जब खबर फैली तब स्थानीय मेडिकल टीम गांव पहुंच कर अपनी सक्रियता बढ़ाई। सोमवार को गांव में संक्रमण थमने की बात कही जा रही है। अस्पताल प्रभारी के अनुसार सोमवार को सिर्फ दो बच्चे बीमार हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए एपीएचसी मिल्की में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
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