जिले के आठ बीपीआरओ समेत 27 कर्मियों से जवाब तलब

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जिले के आठ बीपीआरओ समेत 27 कर्मियों से जवाब तलब


प्रतिनिधि, विश्वास के नाम :

जिला पंचायत राज पदाधिकारी नवीन कुमार पाण्डेय ने पंचायत सरकार भवन निर्माण एवं 15वीं वित्त अनुदान मद की राशि के व्यय के संदर्भ में समीक्षात्मक बैठक की। जिसमें आठ प्रखंडों के  पंचायत राज पदाधिकारी से स्पष्टीकरण एवं नौ पंचायतों के तकनीकी सहायक, लेखापाल एवं पंचायत सचिव का वेतन अगले आदेश तक स्थगित किया गया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पंचायत सरकार भवन निर्माण हेतु आरजीएसए मद में प्राप्त राशि के व्यय में कई पंचायतों का प्रदर्शन काफी असंतोषजनक है। सिरदला प्रखंड के बांधी एवं खटांगी, गोविंदपुर प्रखंड के सुघरी, नवादा प्रखंड के ओरैना एवं रजौली प्रखंड के जोगियामारण ग्राम पंचायतों द्वारा समेकित रूप से वित्तीय वर्ष 2023-24 में 63 लाख की राशि व्यय नहीं की गई। उक्त आलोक में इन 05 ग्राम पंचायतों के तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव एवं मुखिया से स्पष्टीकरण पूछा गया।

15वीं वित्त की अनुदान मद में प्राप्त राशि के व्यय के समीक्षा के दौरान पाया गया कि नरहट (38.7 प्रतिशत) एवं काशीचक प्रखंड (36.17 प्रतिशत) के ग्राम पंचायतों द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 प्रतिशत से भी कम राशि खर्च की गई है। पंचायत वार व्यय की गई राशि की समीक्षा के दौरान पाया गया कि विभिन्न प्रखंडों के 24 ग्राम पंचायतों के द्वारा व्यय की गई राशि का प्रतिशत 30 प्रतिशत से भी कम है। इसमें से 09 ग्राम पंचायतों द्वारा 20 प्रतिशत से भी कम की राशि व्यय की गई है, जबकि राज्य एवं जिला स्तर पर ग्राम पंचायतों द्वारा व्यय की गई राशि का औसत प्रतिशत 52 प्रतिशत है। सरकंडा पंचायत- 18.28 प्रतिशत, हदसा पंचायत-19.62 प्रतिशत, जमुआरा पंचायत-6.52 प्रतिशत, कादिरगंज पंचायत-19.34 प्रतिशत, बुढौली पंचायत-19.22 प्रतितशत, जोगियामारण पंचायत-14.23 प्रतिशत, रजौली पूर्वी पंचायत-5.48 प्रतिशत, भट्टा पंचायत-18.88 प्रतिशत एवं बागी बरडीहा पंचायत-12.26 प्रतिशत ही खर्च किया गया है। इन ग्राम पंचायतों से संबद्ध 08 प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी से योजनाओं के क्रियान्वयन का सतत अनुश्रवण नहीं करने के आलोक में स्पष्टीकरण पूछा गया। साथ ही, इन 09 ग्राम पंचायतों के मुखिया, तकनीकी सहायक, लेखापाल एवं पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण पूछते हुए अगले आदेश तक वेतन स्थगित किया गया। निर्देश दिया गया कि सभी क्रियान्वित की जा रही योजनाओं को पूर्ण कर मापी पुस्त दर्ज करते हुए व्यय की प्रक्रिया पूर्ण करें। एक सप्ताह के अंदर व्यय प्रतिशत में संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर इन ग्राम पंचायतों के मुखिया पर 18(5) के तहत कारवाई एवं सभी संबंधित कर्मियों पर विभागीय कारवाई प्रारंभ की जायेगी। पूर्व से निर्मित पंचायत सरकार भवनों के क्रियाशीलता को सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिए गए। रोस्टर वार सभी पंचायत स्तरीय कर्मियों का उपस्थिति दर्ज करने एवं कर्मियों के रोस्टर को वॉल पेटिंग के माध्यम से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया। ग्राम पंचायत के स्तर से क्रियान्वित योजनाओं के अभिलेखों को पंचायत सरकार भवन में ही संधारित रखने को कहा गया। आरटीपीएस काउंटर को क्रियाशील रखना एवं ग्राम कचहरी का संचालन पंचायत सरकार भवन में ही सुनिश्चित करने को कहा गया।

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