क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इन बातों से परेशान थे प्रोफेसर गौरव वल्लभ?

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क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इन बातों से परेशान थे प्रोफेसर गौरव वल्लभ?

 


कुछ साल पहले की बात है एक न्यूज चैनल की डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस की ओर से प्रोफेसर गौरव वल्लभ बहस कर रहे थे.  गौरव वल्लभ सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठा रहे थे. बात पीएम मोदी के सपने 5 ट्रिलियन इकोनॉमी तक पहुंच गई. संबित पात्रा जोर-शोर से अपनी बात रख रहे थे. तभी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और चार्टेड अकाउंटेंट गौरव वल्लभ ने एक ऐसा सवाल पूछ लिया जो संबित पात्रा के लिए किरकिरी बन गया. 

गौरव वल्लभ ने पूछ लिया ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं. पेशे से डॉक्टर संबित पात्रा इस सवाल में फंस गए. इसका वीडियो वायरल हो गया. गौरव वल्लभ उसी समय से मोदी सरकार के आलोचकों की पंक्ति में सबसे ऊपर पहुंच गए. 

ये वक्त था जब 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत जीतकर आई बीजेपी का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर था. पार्टी के पास सुधांशु त्रिवेदी और संबित पात्रा जैसे दो ऐसे प्रवक्ता थे जो किसी भी बहस में अपना लोहा मनवाले की काबिलियत रखते हैं.

गौरव वल्लभ उसी दौर में कांग्रेस की ओर से ऐसे प्रवक्ता के तौर पर उभरे जिनको लोग सुनना पसंद कर रहे थे. गौरव वल्लभ मोदी सरकार की आलोचना करते वक्त बहुत ही बारीक आंकड़े देते थे. एक दौर ऐसा भी आया जब सुधांशु त्रिवेदी और गौरव वल्लभ के बीच बहस के वीडियो वायरल होने लगे.

लेकिन 4 मार्च 2024 यानी आज की सुबह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका लेकर आई. गौरव वल्लभ ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को हिंदी में लिखी एक चिट्ठी के जरिए उन्होंने पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया है. सुबह 8 बजे के करीब इस्तीफे का ऐलान किया है और दोपहर 1 बजे गौरव वल्लभ बीजेपी में शामिल हो गए हैं.


लेकिन इस चिट्ठी का आखिरी पैरा पढ़कर ऐसा लग रहा है कि उन्होंने राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधा है. उन्होंने लिखा, 'पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा.मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता.इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं'.


इस पैरा के दो शब्दों पर ध्यान देने की जरूरत है जिसमें पहला है 'वेल्थ क्रिएटर्स' और दूसरा है 'सनातन विरोधी'. सनातन का यहां मतलब यहां हिंदुत्व के विरोध से है. लेकिन जो सबसे बड़ी बात है वो 'वेल्थ क्रिएटर्स'. दरअसल इसका सीधा मतलब उन लोगों से जो उद्योगपति हैं और बिजनेस के जरिए पूंजी का निर्माण कर रहे हैं. 

तो क्या गौरव वल्लभ राहुल गांधी के उन बयानों से दुखी हैं जिनके जरिए उन्होंने अडानी या अंबानी पर निशाना साधा है. पहले जानेंगे राहुल गांधी के उन बयानों को जो गौरव वल्लभ के लिए कांग्रेस का छोड़ने की वजह बनते दिख रहे हैं.

'बीजेपी अडानी-अंबानी को लोन देने के तैयार, किसानों को नहीं'

राहुल गांधी की न्याय यात्रा जब बिहार के पूर्णिया पहुंची तो वहां एक रैली हुई. राहुल ने कहा, 'मैं झूठा वादा नहीं कर रहा हूं. जब हम सत्ता में थे तो किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया था. हम भूमि अधिग्रहण बिल लेकर आए थे लेकिन बीजेपी ने इसे रोक दिया. बीजेपी किसान विरोधी है. किसान इस देश के रीढ़ हैं लेकिन बीजेपी अडानी-अंबानी को सस्ता लोन देने के इंतजाम कर रही है.'

'हम अडानी पर सवाल पूछते रहेंगे'

बीते साल मार्च के महीने में जब राहुल गांधी से लोकसभा की सदस्यता ले ली गई तो उस समय भी उन्होंने अडानी को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि कुछ भी हो जाए लेकिन वो ये सवाल हमेशा पूछेंगे कि अडानी ग्रुप की फर्जी कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये किसने निवेश किए हैं.  राहुल गांधी ने कहा लोकसभ में मैं अडानी पर सवाल न खड़ा न कर सकूं इसलिए उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है. बता दें कि उस समय हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से विपक्ष हंगामा मचा रहा था.

'पीएम आत्मा अडानी में है'

बीते साल अक्टूबर में राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीएम मोदी की आत्मा अडानी में है. देश में पावर किसी और के हाथ में है. खेती और इन्फ्रास्ट्रक्चर का सेक्टर अडानी के हाथ में हैं. देश की संपत्ति बेची जा रही है.

हम दो, हमारे दो'

बीते साल फरवरी में लोकसभा में राहुल गांधी ने एक भाषण में दिया. राहुल ने कहा कि तमिलनाडु से से लेकर केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश रह जगह एक ही नाम सुनाई दे रहा है अडानी, अडानी, अडानी. राहुल ने कहा कि लोग पूछते हैं कि हर जगह एक ही सवाल किया जा रहा है कि ऐसा कैसे संभव है कि किसी भी सेक्टर में अडानी घुसते हैं सफल हो जाते हैं. राहुल ने कहा कि 2014  में अडानी अमीरों की लिस्ट में 609 पर थे. लेकिन पता नहीं कौन सा जादू हुआ अब वो दूसरे नंबर आ चुके हैं. भाषण के दौरान राहुल गांधी ने 'हम दो, हमारे दो' (अडानी-अंबानी) कहकर भी निशाना साधा.

गौरव वल्लभ के अडानी पर दिए गए कुछ चर्चित बयान

1-'Adani को रकम देकर अब हालात ऐसे हैं की LIC ख़ुद अपना Insurance कराने घूम रही है'...

2-अडानी ने बैकों से सेटलमेंट करके औने-पौने दामों में खरीद ली. 4 जून 2023

3-देश के अधिकांश लोग 2 जून  की रोटी के लिए इधर-उधर भागते हैं. लेकिन एक जगह छप्पर फाड़कर पैसा बरस रहा है.  

4-कांग्रेस ही संसद में पूछती है, मोदी जी अडानी से आप क्या रिश्ता है. 609 से दूसरे नंबर का गणित है इस पर 'मन की बात' पर लेक्चर दीजिए. 609 से दूसरे नंबर पर अमीरी कैसे हासिल की जाती है.

5-हमने किताबों में पढ़ा है सफलता के 101 नुस्खे, सफल गृहस्थ जीवन के 101 नुस्खे...इसी तरह बीजेपी और मोदी ने एक किताब लॉन्च की है...अडानी को बचाने के 101 नुस्खे..

कांग्रेस के लिए क्या सवाल छोड़ गए गौरव वल्लभ

कांग्रेस की पूरी रणनीति है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी कि छवि को किसान विरोधी और पूंजीपतियों की सहयोगी वाली पार्टी बना दी जाए. राहुल गांधी सहित पार्टी के सभी नेता इसी लाइन पर बीजेपी को घेरने की कोशिश करते हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभा रहे गौरव वल्लभ भी कई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार को घेर चुके हैं. लेकिन पार्टी छोड़ते वक्त उन्होंने 'वेल्थ क्रिएटर्स' जैसे शब्द का इस्तेमाल किया है.

हालांकि उन्होंने किसी का भी नाम नहीं लिया है लेकिन ये शब्द पूंजीपतियों के साथ घालमेल कर नेताओं को एक दूसरे को फायदा पहुंचाने के काम के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द क्रोनी कैपिटलिज्म से एकदम उल्टा है.

ये शब्द कहीं न कहीं पूंजीपतियों की अच्छी छवि को दर्शाता है. गौरव वल्लभ ने शब्द का इस्तेमाल कर कांग्रेस के सामने उसकी रणनीति पर बड़ा सवाल खड़ा करने की कोशिश की है.  यहां एक सवाल ये भी है कि क्या पार्टी की रणनीति बनाते वक्त सभी नेताओं से सलाह-मशविरा नहीं किया जाता है, क्या गौरव वल्लभ अभी तक अडानी या अंबानी पर जो बयान दे रहे थे वो सिर्फ पार्टी लाइन थी, लेकिन वो इससे सहमत नहीं थे. 

'वेल्थ क्रिएटर्स' का क्या मतलब है?

अपने इस्तीफे में गौरव वल्लभ ने 'वेल्थ क्रिएटर्स' शब्द का इस्तेमाल किया है. इस शब्द का मतलब जानने के लिए बिजनेस से जुड़ी कई संस्थाओं की वेबसाइट पर जानने की कोशिश की है. एक प्राइवेट सेक्टर की एक बड़ी बैंक ने अपनी वेबसाइट में लिखा है. 'वेल्थ क्रिएशन' का मतलब समझाते हुए लिखा है कि जब आप धन कमाने के लिए तरह-तरह के वित्तीय फैसले लेते हैं. इसमें निवेश भी शामिल है.

इसके अलावा कैम्ब्रिज डिक्शनरी की वेबसाइट में इस शब्द का मतलब समझाने के लिए वेल्थ और किएटर्स को अलग-अलग करके समझाया गया है. इसमें वेल्थ का मतलब  एक बड़ी मात्रा में धन. क्रिएटर्स का मतलब बनाने वाला.  इसी साइट में अंग्रेजी में एक वाक्य लिखा है 'You do not create wealth by destroying the wealth creator'. इसका मतलब है आप धन-दौलत बनाने वालों को नष्ट करके धन नहीं कमा सकते हैं'

इसी तरह कोलिंस डिक्शनरी की वेबसाइट में लिखा है, 'वेल्थ यानी संपत्ति का मतलब बड़ी मात्रा में पैसा होना है. फिर चाहे वो संपत्ति या दूसरी कीमती चीजों के रूप में हो. किसी भी व्यक्ति के पैसे या प्रॉपर्टी को संपत्ति कहा जा सकता है. इन चीजों का जो मालिक है उसे 'वेल्थ क्रिएटर्स' कहा जाता है.

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