केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग काम के आधार पर नहीं लड़ पा रहे हैं, वे सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो फैला रहे हैं. वे हमारे हवाले से आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए ऐसी-ऐसी बातें बुलवा रहे हैं, जो कि हमने सोची भी नहीं हैं.
सोमवार (29 अप्रैल, 2024) को पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया, "यह क्लिप लोकतंत्र प्रेमी हर व्यक्ति को शर्मशार करने वाली है. जो लोग एनडीए से काम के आधार पर राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं, वे अब सोशल मीडिया पर फेक वीडियो फैला रहे हैं. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए मेरी आवाज, अमित शाह की आवाज और जेपी नड्डा की आवाज में ऐसी बातें बुलवा रहे हैं, जो हमने कभी सोची भी नहीं हैं.
प्रधानमंत्री ने आगे दावा किया, "ये लोग ऐसे वीडियो जारी कर के देश में तनाव पैदा करना चाहते हैं. ये लोग चाहते हैं कि आने वाले महीने में कुछ अनहोनी घटनाएं घटें, जिसके लिए खेल खेले जा रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग कठोर कार्रवाई."
अमित शाह से जुड़े वीडियो में क्या था?
वायरल वीडियो में कथित रूप से छेड़छाड़ की गई थी. क्लिप में अमित शाह के बयान को आरक्षण खत्म करने का बयान बना दिया गया था. उन्होंने कहा था कि राज्य में मुसलमानों के लिए कोटा खत्म कर देंगे पर वीडियो में छेड़छाड़ कर सभी आरक्षण खत्म करने की बात डाल दी गई.
दिल्ली पुलिस को रविवार को इस सिलसिले में दो शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई. केस आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465, 469 और 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत दर्ज किया गया. एफआईआर में कहा गया- ऐसा लगता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है. समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जिससे सार्वजनिक शांति और सार्वजनिक व्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका है.
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