NEW DELHI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बांड को सरकार का सही कदम बताया है। उन्होंने कहा कि चुनावी बांड काला धन रोकने के लिए लाया गया था। राजनीतिक दलों को कितना चंदा मिला है। यह जानना चुनावी बांड के कारण संभव हुआ। यह अलग बात है कि 3 साल से कम पुरानी कंपनियों में भी करोड़ों रुपए का चंदा दिया है। कंपनी एक्ट और आयकर के नियमों का उल्लंघन हुआ है। जिन कंपनियों का मुनाफा नहीं था, उन कंपनियों ने भी करोड़ों का चंदा दिया है। 100 करोड़ के बांड किसने खरीदे हैं। इसका पता अभी तक नहीं लग पाया है। शेल कंपनियों ने करोड़ों रुपए का चंदा दिया है। कई कंपनियों ने चंदा तो दिया है। लेकिन उनकी बैलेंस शीट में नहीं है। जिन कंपनियों पर ईड़ी और सीबीआई के छापे पड़े थे। उन्होंने भी करोड़ों रुपए के चंदे बांड से दिए हैं। आम आदमी पार्टी इसे शराब घोटाले से जोड़ रही है। इसके बाद भी प्रधानमंत्री कह रहे हैं, कि पारदर्शिता और काले धन को रोकने के लिए चुनावी बांड की स्कीम सफल रही। इसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मविश्वास कहते हैं। जो हर मुश्किल में बना रहता है।
तेजस्वी भी फेंकने के मामले में कम नहीं?
बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे, तेजस्वी यादव ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया है। उनकी सरकार बनी, तो गरीब बहनों को हर साल 1 लाख रूपये दिए जाएंगे। उनकी इस घोषणा से भाजपा नेता हैरान और परेशान हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसका उल्लेख है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव मे जारी किया है। इस वादे को तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया है। केंद्र में गठबंधन की सरकार बनेगी। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होगी। कांग्रेस की घोषणा के अनुसार केंद्र सरकार उसके अनुसार निर्णय करेगी। भाजपा नेताओं ने इस घोषणा को बिहार सरकार से जोड़ दिया है। तेजस्वी यादव सबसे तेज फेंक रहे हैं। तेजस्वी यादव की इस घोषणा ने भाजपा और नीतीश चाचा के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर दी है। तेजस्वी यादव इन दोनों बड़े जोश में है। तेजस्वी की सभा में लाखों लोग जुड़ रहे हैं। इससे एनडीए गठबंधन के नेताओं की नींद उड़ गई है।
जल्द ही इंडिया गठबंधन का साझा घोषणा पत्र?
कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र ने इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दलों के ज्ञान चक्षु को खोल दिया है। इंडिया गठबंधन के सभी दल मिलकर, लोकसभा चुनाव के लिए साझा घोषणा पत्र जारी करने के लिए तैयार हो गए हैं। इसमें अधिकांश घोषणाएं वही होगी, जो कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में हैं। यदि ऐसा हुआ तो एनडीए गठबंधन के लिए यह एक बड़ा झटका साबित होगा। जिस तरह से राहुल गांधी की सभाओं और रैली में भीड़ उमड़ रही है। उसके बाद इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दलों के बीच में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। इसका असर लोकसभा चुनाव में पड़ना तय है। जल्द ही साझा घोषणा पत्र जारी हो सकता है।
2024 में 2047 के सपने, 400 के आंकडे का अपशगुन
लोकसभा 2024 के चुनाव में मतदाताओं मे कोई रुझान नहीं दिख रहा है। नेताओं की सभा में भीड़ नहीं जुट रही है। यह पहला चुनाव है, जिसमें ना तो रोमांच है, ना उत्साह है। चुनाव के दौरान ऐसी निराशा और ऐसी सुस्ती कभी मतदाताओं में नहीं देखी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और 2047 के सपने में यह चुनाव अभियान चल रहा है। जो मतदाताओं को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दिया है। उससे भी मतदाताओं में कोई जोश देखने को नहीं मिल रहा है। 400 का नारा हमेशा से प्रधानमंत्री पद और पार्टी के लिए अपशुकनी रहा है। राजीव गांधी को पहली बार 400 से अधिक सीटें प्राप्त हुई थी। वह प्रधानमंत्री बने, बोफर्स का आरोप लगा,उनकी सरकार चली गई। अब 400 पार का नारा बीजेपी ने दिया है। चुनावी बांड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदार वाली छवि पर, बोफर्स जैसी चुनौती प्रस्तुत करती है। पिछले 22 साल में मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री की छवि एक ईमानदार नेता के रूप में बनी थी। चुनावी बांड के कारण अब ईमानदार वाली छवि और मोदी जी की विश्वसनीयता दोनों ही मतदाताओं के बीच में कम है। जो एक अपशकुन के रूप में देखा जा रहा है।
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