24 घंटे के अंदर पुलिस ने बरामद किया मजदूर का शव

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24 घंटे के अंदर पुलिस ने बरामद किया मजदूर का शव


-रविवार को अभ्रख के चाल धसने से हुई थी मजदूर की मौत,अभ्रक माफिया फरार

-मजदूर के शव को छिपाने के लिए अभ्रख माफिया शव को एक लकड़ी में बांधकर घने जंगल में दफनाने का फिराक में था

प्रतिनिधि विश्वास के नाम रजौली: सवैयाटांड़ पंचायत के भैंसदुबी अवैध अभ्रख खदान में चाल धसने से एक मजदूर की मौत रविवार को हो गई थी।इस मामले में पुलिस शव बरामद करने को लेकर लगातार प्रयास कर रही थी।पुलिस की प्रयास रंग लाई और 24 घंटे के अंदर पुलिस ने सोमवार को पपरहवा जंगल के पश्चिमी भाग से एक लकड़ी में बध हुआ शव को पुलिस ने बरामद किया है।स्थानीय चौकीदार और मृतक मजदूर के बेटे ने शव का पहचान किया।जिसके बाद पता चला कि यह शव बासुदेव मांझी उर्फ शारो मांझी का है।इन्हीं का रविवार अवैध अभ्रख खदान में चल धसने से मौत हुई थी।घटना के बाद पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी।इस दौरान अभ्रख माफिया महेंद्र सिंह के घर पर भी पुलिस रविवार को गई थी और गहन से पूछताछ किया था लेकिन अभ्रख माफिया घर से फरार हो गया था।पुलिस के दबाव के कारण अभ्रख माफिया ने घने जंगल में मजदूर के शव को छोड़-कर भाग निकला।पुलिस को जानकारी मिलते ही सोमवार की सुबह अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने दल-बल के साथ घने जंगल में पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर लाया और कागजी प्रक्रिया के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया है।
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पहली बार शव बरामद में सफल हुई पुलिस

बताते चलें कि यह कोई नहीं घटना नहीं है।बल्कि एक दशक से अवैध अभ्रख का उत्खनन होते आ रहा है और ऐसा हादसा दर्जनों बार घटी है।जिसमें मजदूरी की मौत भी हुई है और कई घायल भी हुए हैं और हरेक घटना के बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की जांच भी की।शव बरामद करने को लेकर काफी प्रयास किया।लेकिन आज तक किसी भी मजदूर का शव या घायल मजदूर पुलिस को नहीं मिला।लेकिन पहली बार 24 घंटे के अंदर पुलिस ने शव को बरामद कर लिया।यह चर्चा का विषय बना हुआ है।अब देखना यह है कि पुलिस अपने हंटर को कितना ताकत से अवैध अभ्रख का खनन कराने वाले माफिया पर किस तरह का करवाई करती है।इस बार पुलिस के पास घटना घटने की साक्ष्य और मृतक मजदूर का शव भी है।
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वेल्ड सेंचुरी एरिया होने के नाम पर हो रही अरबों रुपया की अभ्रख की चोरी

बताते चलें कि जहां अभ्रख के दर्जनों माइंस में अरबों रुपया का सरकारी खजाना छुपा हुआ है।जिससे अभ्रख माफिया दोनों हाथों से दिन के उजाला हो या रात के अंधेरा उसे लुट रहें हैं।इसका मात्र एक कारण यह है कि यह क्षेत्र वन विभाग के द्वारा वाइल्ड सेंचुरी एरिया में इसे रखा है।इसी कारण से इस क्षेत्र में माइंस का राज्य सरकार टेंडर नहीं करा पा रही है।क्या वाइल्ड सेंचुरी एरिया के नाम पर वन विभाग के वरीय अधिकारी जन बुझ कर माफिया से गठ जोड़कर सरकार के अरबों रुपए का नुकसान करवा रहे हैं और अपना खजाना भर रहें हैं।
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थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद इस मामले की गहनता से जांच की गई थी। मृतक मजदूर के शव को बरामद कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद उसे परिजन को सौंप दिया गया है। परिजन के द्वारा जो भी लिखित आवेदन दी जाएगी उसे पर प्राथमिक की दर्ज कर आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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