विश्वविद्यालयों के लिए बड़ी खबर, विकास की राशि खर्च नहीं करने पर होगी बजट में कटौती - University

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विश्वविद्यालयों के लिए बड़ी खबर, विकास की राशि खर्च नहीं करने पर होगी बजट में कटौती - University

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पटना/ भभुआ। 
राज्य के विश्वविद्यालयों में विकास मद में दी गई राशि को खर्च करने की गति धीमी है। इसीलिए सरकार द्वारा विभिन्न मदों में उपलब्ध कराए गए 3487 करोड़ रुपये के खर्च का ब्योरा देने में विश्वविद्यालय हिचक रहे हैं। शिक्षा विभाग ने कुलसचिवों को आगाह किया है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विकास मद की राशि सरेंडर करने वाले विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई होगी।

साथ ही विकास मद की राशि खर्च नहीं करने वाले विश्वविद्यालयों के अगले वित्तीय वर्ष में उनके बजट में भी कटौती होगी। 15 विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए उपलब्ध कराई गई राशि को खर्च करने का रिकार्ड ठीक नहीं है। यह राशि यूजीसी और बिहार सरकार से मिली है। शिक्षा विभाग मान रहा कि विश्वविद्यालयों में बेहतर वित्तीय प्रबंधन की कमी के कारण राशि खर्च नहीं हो रही।

शिक्षा विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1250 करोड़ रुपये सरेंडर किए जाने पर कुलसचिवों को फटकार भी लगाई थी। इस वर्ष भी विकास मद में आवंटित राशि 4356 करोड़ रुपये खर्च में सुस्ती है। शिक्षा विभाग के मुताबिक वर्ष 2016-17 में विश्वविद्यालयों में विभिन्न योजनाओं में खर्च की रफ्तार ठीक थी तब विश्वविद्यालयों द्वारा सबसे कम 89 करोड़ रुपये राशि का सरेंडर किया था।

चालू वित्तीय वर्ष में पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को छोड़कर शेष विश्वविद्यालयों में विकास मद की राशि खर्च करने की गति धीमी है। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालयों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में आवंटित राशि 3812.20 करोड़ खर्च का भी हिसाब नहीं दिया है।

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