अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई में अब तक करोड़ों की संपत्ति जप्त।
छापेमारी के दौरान कई बार खनन माफियाओं और वन विभाग के बीच हुई हिंसक झड़प।
डीएफओ के नेतृत्व में वन विभाग की टीम खनन माफिया के विरुद्ध कहर बनकर बरस रहे हैं
प्रतिनिधि विश्वास के नाम रजौली:रजौली वन क्षेत्र प्राकृतिक खनिज संपदा से भरा हुआ है। रजौली वन क्षेत्र की कई हिस्सों में खनन माफियाओं के द्वारा अवैध खनन कर प्राकृतिक खनिज संपदा का अवैध कारोबार किया जा रहा है। जिसे रोक पाने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है। वन विभाग के पास संसाधन और स्टाफ की घोर कमी है इसके बावजूद भी वन विभाग की टीम जंगली क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और लगातार खनन माफिया के विरुद्ध छापेमारी अभियान चला कर अवैध खनन माफियाओं के मंसूबों को पर पानी फेर रहा है। वन विभाग के पास खनन माफियाओं से टकराने के लिए सरकार के द्वारा हथियार के नाम पर सिर्फ डंडा थमा दिया गया है और वन कर्मियों के द्वारा इसी डंडे के सहारे जंगलों में गश्त करते हैं। और डंडा के सहारे ही खनन माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई भी करते हैं। जिससे वन विभाग में कार्यरत कर्मियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए कहा जाता है कि डिसीजन लेने वाला और और नेतृत्व करने वाला का हौसला बुलंद हो और निडर हो तो बड़े से बड़े चट्टान से भी टकराने में पूरी टीम पीछे नहीं हटती है यह बात नवादा के वर्तमान डीएफओ संजीव रंजन ने करके दिखाया है। कुशल नेतृत्व और ठोस डिसीजन के चलते पूरी टीम ईमानदारी पूर्वक फील्ड में अवैध खनन को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
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छापेमारी के दौरान खनन माफिया और वन विभाग के बीच हुई हिंसक झड़प : स्टाफ और संसाधन की कमी के बावजूद जब वन विभाग की टीम डंडे के सहारे खनन माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करती है तो खनन कई बार कहना माफियाओं के कोप भाजन का शिकार भी होना पड़ता है।और छापेमारी के दौरान कई बार तो खनन माफियाओ और वनकर्मियों के साथ हिंसक झड़प भी हुआ है। जिसमें रेंजर सहित कई वनकर्मी घायल भी हुए हैं।
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खनन माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाई में करोड़ों की संपत्ति जप्त,कई माफिया भेजे गए जेल : तमाम समस्याओं और संसाधनों से जूझते हुए वन विभाग की टीम की हौसला बुलंद है। और अवैध खनन करने वालों माफिया के विरुद्ध लगातार छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति को भी जप्त किया गया है।और अबतक सैकड़ो खनन माफियाओं को जेल भेजा गया है। वही विभागीय सूत्रों की माने तो उन्होंने बताया कि अगर हम लोग को भी पुलिस विभाग की तरह साधन और संसाधन उपलब्ध होता तो खनन माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेरते हुए अवैध खनन पर लगाम लगाया जा सकता था लेकिन सरकार हम लोगों के साथ अनदेखी कर रही है क्योंकि हम लोगों के पास ना साधन है और ना ही संसाधन।फिर भी जान जोखिम में डालकर बिना शस्त्र के जंगली क्षेत्रों में गश्त करते हैं।
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