- साइबर अपराधियों का ठिकाना बने हैं वारिसलीगंज के बगीचे
- दर्जनों बार छापेमारी कर पुलिस ठगों को कर चुकी है गिरफ्तार
अमन सिन्हा इलू, विश्वास के नाम नवादा :
यहां बाग-बगीचे में फल-फूल नहीं, अपराधी पनप रहे हैं। आपको यह सुनकर अटपटा लग रहा होगा। लेकिन है कड़वा सच। आमतौर पर लोग प्रकृति का आनंद लेने के लिए बाग-बगीचे की सैर करते हैं, लेकिन नवादा जिले में कुछ ऐसे बगीचे हैं, जहां अपराधियों का जमावड़ा रहता है और पुलिस अक्सर वैसे बगीचों में दबिश देते हुए अपराधियों को गिरफ्तार करती है। ये बगीचे साइबर अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना बने हुए हैं। जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के बगीचों में दर्जनों बार पुलिस छापेमारी कर चुकी है और बड़ी संख्या में ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
भाग निकलने में होती है आसानी
साइबर अपराध में संलिप्त अधिकांश ठग बाग-बगीचे, खेत-खलिहान को अपना ठिकाना बनाते हैं। चूंकि यह काफी सुरक्षित होता है। छापेमारी करने पहुंच रही पुलिस पर दूर से ही नजर पड़ जाती है और उन्हें भागने में सहुलियत होती है। हालांकि अब पुलिस भी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने लगी है, जिसका फायदा मिलता है और साइबर अपराधी लगातार पकड़े भी जा रहे हैं।
अंधाधुंध कमाई के फेर में कर रहे डिजिटल डकैती
साइबर अपराध के जरिए ठग अंधाधुंध कमाई कर रहे हैं। बगैर किसी कठिन परिश्रम के काली कमाई का खेल खेल रहे हैं और डिजिटल डकैती कर रहे हैं। खासकर युवा वर्ग इस गोरखधंधे से जुड़ा है। जो बाग-बगीचे में बैठ कर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
सजा नहीं होने से बढ़ता जा रहा मनोबल
नवादा जिले का वारिसलीगंज, पकरीबरावां, काशीचक, शाहपुर, रोह आदि थाना क्षेत्र साइबर अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। गिरफ्तारी के बावजूद सजा नहीं मिल पाने के कारण उन ठगों का मनोबल सातवें आसमान पर है। बड़ी संख्या में जिले से साइबर ठग पुलिस हत्थे चढ़ चुके हैं। लेकिन चंद दिनों या महीनों में जमानत पर जेल से निकल कर बाहर आ जाते हैं।
संगठित गिरोह जुटा है गोरखधंधे में
गौरतलब है कि डिजिटल डकैती में संगठित गिरोह काम कर रहा है। नवादा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में यह धंधा काफी फल-फूल रहा है। कम समय में अकूत संपत्ति अर्जित करने के फेर में युवा इस अपराध से जुड़ रहे हैं।
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