मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए:लालू मोदी बोले, SC-ST, OBC का आरक्षण छीनना चाहते हैं

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मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए:लालू मोदी बोले, SC-ST, OBC का आरक्षण छीनना चाहते हैं


RJD चीफ लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मुसलमानों को पूरा रिजर्वेशन मिलना चाहिए। लालू ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं, ये बात जनता समझ गई है। लालू मंगलवार को एमएलसी के शपथ ग्रहण में विधान परिषद पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बयान दिया।


PM मोदी ने मध्यप्रदेश के धार में चुनावी सभा के दौरान ​​​​​​लालू के बयान पर पलटवार किया है। मोदी ने कहा, 'कांग्रेस चुप है, लेकिन आज उसके एक सहयोगी दल ने INDI गठबंधन के इरादों की पुष्टि कर दी। उनके नेता जो चारा घोटाले के मामले में जेल में हैं और कोर्ट से सजा पा चुके हैं,अभी जमानत पर बाहर आए हैं। कांग्रेस ऐसे लोगों को माथे पर बिठाकर नाच रही है।'


उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए, सिर्फ आरक्षण नहीं, उनका कहना है कि मुसलमानों को मिलना चाहिए पूर्ण आरक्षण। इसका अर्थ क्या है? ये लोग एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को मिला सारा आरक्षण छीनकर मुसलमानों को पूरा आरक्षण देना चाहते हैं।


लालू का पूरा बयान, जिस पर हो रहा है विवाद

लालू ने सुबह 10 बजे पटना में पत्रकारों से कहा, वो (मोदी और भाजपा) तो संविधान ही खत्म करना चाहते हैं, लोकतंत्र को समाप्त करना चाहते हैं। जनता को यह बात समझ में आ गई है। साथ ही एनडीए के 400 पार के नारे पर कहा कि वो खुद ही पार हो गए हैं, इसलिए 400 पार बोल रहे हैं।


वहीं लालू प्रसाद यादव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जंगल राज वाले बयान पर हमला करते हुए कहा कि ये देशवासियों को भड़का रहे हैं। इतना डर गए हैं कि भड़का रहे हैं।


इसी दौरान उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को आरक्षण मिलना चाहिए। हालांकि इस बयान पर विवाद बढ़ा तो लालू ने सफाई भी दी।


एनडीए के नेताओं ने लालू पर निशाना साधा, चिराग बोले- विपक्ष मुद्दे की बात नहीं करता


चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष मुद्दे की बात नहीं करता। हर चीज में हिंदू-मुस्लिम आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म होने की बात करते हैं। किसने बोला आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान खत्म हो जाएगा, किसने बोला कि लोकतंत्र खतरे में है। जिन लोगों ने सही मायने में देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की, वह लोग लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा है कि लालू यादव और पूरे इंडी गठबंधन के लोगों के लिए मुसलमानों का तुष्टीकरण पहली प्राथमिकता है। लालू प्रसाद के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस देश में विपक्ष मुसलमानों के तुष्टिकरण और मुसलमान वोटों के ध्रुवीकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

क्या संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान है?


संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में उल्लेख है कि देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। हालांकि अल्पसंख्यक और पिछड़े समुदायों के अलग-अलग अधिकार हैं। अगर किसी धर्म के लोग अल्पसंख्यक या पिछड़े वर्ग में आते हैं तो उन्हें आरक्षण मिल सकता है।


राज्यों में अभी क्या स्थिति है?


तेलंगाना: 13% मुस्लिम आबादी है। यहां मुसलमानों को 4% आरक्षण मिलता है। राज्य के CM रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस सरकार मुस्लिमों को शिक्षा-रोजगार में 4% आरक्षण जारी रखेगी, वहीं भाजपा इसके खिलाफ है।

अप्रैल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने SC के लिए कोटा 6% से बढ़ाकर 10% और मुसलमानों के लिए 4% से 12% करने के लिए एक बिल भी पास किया। हालांकि, इसे केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी।

कर्नाटक: राज्य में 13% मुस्लिम आबादी है। राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुसलमानों को मिलने वाला 4% आरक्षण रद्द करके इसे राज्य के लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के बीच 2-2% बांट दिया था। हालांकि एक हफ्ते पहले ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार सभी मुस्लिमों को OBC कैटेगरी में शामिल करके आरक्षण दे रही है।

आंध्र प्रदेश: 2005 में मुसलमानों को 5% आरक्षण देने का कानून दूसरी बार पारित किया गया था, लेकिन राज्य में आरक्षण की सीमा 51% को पार कर रही थी। इसलिए यह आरक्षण कोर्ट में टिक नहीं सका।

तमिलनाडु: 90% मुस्लिम समुदाय आरक्षण की श्रेणी में आता है। राज्य में मुसलमानों और ईसाइयों के लिए 3.5% सीटें आवंटित की गई हैं। इससे ओबीसी आरक्षण 30 से 23% कर दिया गया, क्योंकि मुसलमानों या ईसाइयों से संबंधित अन्य पिछड़े वर्ग को इससे हटा दिया गया था। इसके पीछे सरकार की दलील थी कि यह उप-कोटा धार्मिक समुदायों के पिछड़ेपन पर आधारित है न कि धर्मों के आधार पर।

केरल: राज्य में शिक्षा में 8% और नौकरियों में 10% सीटें मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित हैं।

किन राज्यों में मुसलमानों को आरक्षण

ऐसा नहीं है कि OBC कोटे के तहत सिर्फ कर्नाटक में ही मुसलमानों को आरक्षण दिया जाता है। OBC कोटे में मुसलमानों की कुछ उप जातियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों में भी आरक्षण दिया जाता है। इन राज्यों में भाजपा या उसके सहयोगी दल की सरकार है।

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