क्या भगवान जगन्नाथ पर जुबान लड़खड़ाने से हार जाएंगे बीजेपी कैंडिडेट संबित पात्रा? एक गलती पड़ेगी भारी! Sambit Patra in Orrissa

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क्या भगवान जगन्नाथ पर जुबान लड़खड़ाने से हार जाएंगे बीजेपी कैंडिडेट संबित पात्रा? एक गलती पड़ेगी भारी! Sambit Patra in Orrissa


पुरी
: ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट पर इस बार दो राष्ट्रीय स्तर की हस्तियों के बीच कड़ी टक्कर होने जा रही है। ये हस्तियां हैं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और बीजेडी उम्मीदवार अरूप पटनायक। यह हाई प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र पारंपरिक रूप से बीजेडी का गढ़ रहा है। यहां 15.6 लाख मतदाता हैं। 1998, 1999 और 2004 में बीजेडी के लिए ब्रज किशोर त्रिपाठी ने सीट जीती थी। उस समय बीजेडी और बीजेपी सहयोगी थे। 2009 में बीजेडी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा और उसके उम्मीदवार पिनाकी मिश्रा ने इसके बाद के सभी चुनाव जीते। पिछली बार पात्रा ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। इस बार भी पात्रा मजबूत स्थित में दिखाई दे रहे थे। लेकिन उनके द्वारा की गई एक गलती उनकी हार का कारण बन सकती है।

2019 में पुरी में बीजेपी के लिए स्थिति अनिश्चित थी। संबित को 11,714 वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा। संबित ने दो साल पहले शुरू की गई लोगों से जुड़ने की कवायद के जरिए भाजपा की संभावनाओं को बेहतर बनाया है। पार्टी और उसके कार्यकर्ता अपनी चुनावी संभावनाओं को लेकर उत्साहित थे, लेकिन मतदान से कुछ दिन पहले संबित ने एक ग़लती की - 'मोदी के भक्त जगन्नाथ हैं'।

इन विवादों में फंसे

2024 में होने वाले ओडिशा चुनाव राजनेताओं द्वारा पैदा किए गए दो बड़े विवादों के कारण महत्वपूर्ण हो गए हैं। इन विवादों में जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (खजाने) की गुम हुई चाबियां और संबित पात्रा की एक गलती शामिल है। मंदिर के चारों ओर व्यापक जीर्णोद्धार का काम 800 करोड़ रुपये की जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस परियोजना का शुभारंभ अयोध्या मंदिर उद्घाटन से ठीक पहले नवीन ने किया था। मंदिर के चारों ओर के चार में से तीन द्वार बंद होना भी पुरी के लोगों के बीच चर्चा का विषय है।

संबित की 'सॉरी' क्या लगाएगी उनका बेडा पार

अपनी गलती का अहसास होते ही संबित ने सबसे पहले एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी 'जीभ फिसलने' के लिए माफ़ी मांगी। पात्रा प्रायश्चित के तौर पर तीन दिन के उपवास की घोषणा की। संबित ने अखबारों में एक बड़ा सा माफीनामा विज्ञापन भी दिया। इस विज्ञापतमें पाभा ने ओडिया में एक बयान जारी किया था। इसमे लिखा था कि 'जय जगन्नाथ! भगवान जगन्नाथ में मेरी गहरी आस्था और भक्ति है। जल्दबाजी और जानकारी के अभाव में, मैंने भगवान जगन्नाथ के बारे में गलत बयान दिया। मुझे अपनी गलती का पछतावा है और मैं भगवान जगन्नाथ से माफ़ी मांगता हूं। मैं भगवान के उन भक्तों से भी माफ़ी मांगता हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची होगी। मैं प्रायश्चित के तौर पर सोमवार से तीन दिनों का उपवास रखूंगा।

जगन्नाथ मंदिर के मुद्दे करेंगे प्रभावित

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जगन्नाथ से जुड़े मुद्दे न केवल पुरी में मतदान पैटर्न को प्रभावित करेंगे, बल्कि राज्य भर के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों पर भी इसका असर पड़ेगा। 'भगवान जगन्नाथ से जुड़ी कोई भी चीज़ हर ओडिया का ध्यान आकर्षित करती है। राजनीतिक विश्लेषक और वकील देबाशीष दास ने कहा कि जगन्नाथ के अपने निवास या भूमि पर, गुम हुई चाबियों और संबित की गलती पर टिप्पणी मतदाताओं को सबसे अधिक प्रभावित करेगी।

क्या कहते हैं यहां के लोग

पुरी के मतदाता बिनायक मिश्रा अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि 'नेता भगवान जगन्नाथ को राजनीति में घसीटकर चुनाव जीतने के लिए दैवीय हस्तक्षेप चाहते हैं। प्रसिद्ध मंदिर और विशाल समुद्र तट होने के बावजूद, पुरी बुनियादी ढांचे और सड़कों और जल निकासी व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं में पिछड़ा हुआ है। हम रत्न भंडार की स्थिति जानने के लिए उत्सुक हैं।

बीजेडी ने पिनाकी को मैदान में उतारा

बता दें कि मौजूदा चुनाव में बीजेडी ने पिनाकी की जगह अरूप को मैदान में उतारा है। अरूप इससे पहले 2019 में भुवनेश्वर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अरूप इस चुनाव में पुरी सीट जीतने को लेकर आशावादी हैं। पटनायक ने कहा कि मैं पुरी में बीजेडी के पक्ष में लोगों की नब्ज महसूस कर सकता हूं। वे पार्टी का समर्थन करना जारी रखेंगे। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 20 मई को संबित के समर्थन में पुरी में रोड शो किया था। इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनके करीबी सहयोगी वी के पांडियन पूर्व आईपीएस अधिकारी के लिए प्रचार कर रहे हैं।

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