रेल दोहरीकरण बाद प्रखंड के दर्जनभर गांवो का एसएच 83 से सम्पर्क हुआ भंग

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रेल दोहरीकरण बाद प्रखंड के दर्जनभर गांवो का एसएच 83 से सम्पर्क हुआ भंग

-खतरे की बात जानकर भी लोग पार कर रहे रेलवे ट्रैक

प्रतिनिधि विश्वास के नाम


वारिसलीगंज:

वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र में कियूल-गया रेलखण्ड के दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। सम्भवतः एक दो दोनो में नवनिर्मित रेल पटरी का ट्रायल शुरू होगी। परंतु रेल पटरी के दोहरीकरण से जहां रेल यात्रियों को फायदा पहुंचने वाला है। वही प्रखंड के एक दर्जन के करीब गांवो के नागरिकों को मुख्य सड़क बाघी बरडीहा-बरबीघा एसएच 83 तक पहुंचने में परेशानी होने लगी है। पटरी पार करने के खतरे जानते हुए लोग अपनी जान को खतरे में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं। हलांकि रेल पथ दोहरीकरण के दौरान कभी सफीगंज, कोल्हाबीघा तो कभी मई आदि गांवो के लोग आंदोलन कर रेल तक रोकने का कार्य किया। तब जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा रेल पथ चालू होने से पहले अंडर पास निर्माण करवाने का आश्वासन दिया जाता रहा था। इस बीच लोस चुनाव आ गया। तब वोट मांगने पहुंचे राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को मई के ग्रामीणों द्वारा कड़ा विरोध करते हुए रास्ता नहीं तो वोट नहीं देने की बात कह वैरंग वापस करवाया गया था। बाबजूद अब रेल पथ पर जल्द रेल परिचालन संभव हो सकेगा। लेकिन रेल पथ के पुरब बसे सफीगंज, मसूदा, कोल्हाबीघा, मिल्की, चुल्हाय बीघा, मय, बढनपुर, बलबापर आदि गांव के लोगो को एसएच 83 तक पहुंचने के लिए रेलवे द्वारा कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। ग्रामीण स्त्री, पुरुष, वृद्ध, दिव्यांग, बच्चे समेत मवेशियों एवं बड़े छोटे वाहनों, स्कूली वाहन आदि को उक्त स्थान पर दोहरीकरण ट्रैक को पार कर आवागमन हो रहा है। जिस कारण हर समय खतरे की संभावना बनी रहती है। 


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