New Delhi: गैरजरूरी कॉल और मैसेज से आम जनता के साथ सरकार परेशान हो चुकी है। ऐसे में सरकार मोबाइल ग्राहकों की सुरक्षा के लिए एक नया नियम लेकर आ रही है, जिसमें गैरजरुरी कॉल, प्रमोशनल कॉल और मैसेज को गलत ट्रेड प्रैक्टिस में शामिल किया जा सकता है। क्योंकि मोबाइल फोन से फर्जीवाड़े में इस तरह की कॉल और मैसेज का अहम रोल रहता है।
होगा क्रिमिनल केस
ET की रिपोर्ट की मानें, तो डिपॉर्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर की ओर से आने वाले कुछ माह में एक गाइडलाइन पेश किया जा सकता है। इसमें टेलीमार्केटिंग जैसे बैंक, रियल एस्टेट पर प्रमोशनल या लेनदेन से जुड़े मैसेज भेजने को लेकर जवाबदेही तय करने का नियम होगा। साथ ही ऐसी प्रैक्टिस फॉलो करने पर क्रिमिनल एक्टिविटी के तहत केस करने का प्रावधान होगा।
गलत प्रैक्टिस पर होंगे दोषी करार
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के सेक्शन 2(28) और 2(47) के मुताबिक गैरजरुरी कॉल और मैसेज गलत ट्रेड प्रैक्टिस के दायरे में आता है। अगर सही चैनल से प्रमोशनल या फिर गैरजरुरी कॉल और मैसेज नहीं किया जाता है, तो उन्हें कंज्यूमर एक्ट के तहत दोषी करार दिए जाने का प्रावधान है। इसमें प्रमोशन और गैरजरुरी कॉल और मैसेज को रेगुलर नंबर सीरीज से नहीं किया जा सकता है।
मोबाइल कॉल फर्जीवाडे में भारत सबसे आगे
भारत SMS फिशिंग के मामले में एक बड़ा मार्केट हैं। हर माह भारतीयों को 120 से 150 मिलियन फिशिंग मैसेज भेजे जाते हैं। करीब 300,000 लोग स्कैमिंग का शिकार होते है। लेकिन केवल 35,000 से लेकर 45,000 मामले रिपोर्ट किए जाते हैं।
सरकार की बैठकें जारी
इस मामले को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर, डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेसन यानी DOT और टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफर इंडिया यानी TRAI ने भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल और COAI के साथ बैठक की है।
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