दिल्ली शराब घोटाले में बड़ा अपडेट आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में शराब घोटाले मामले में सातवीं सप्लीमेंट्री दाखिल की है. ईडी ने 200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. ईडी ने पहली बार मनी लॉर्न्डिंग केस में किसी राजनीतिक दल को आरोपी बनाया है. इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है. शराब घोटाले मामले मे ईडी ने अब तक कुल 8 चार्जशीट दाखिल की हैं. इसमें 1 मेन चार्जशीट और 7 सप्लीमेंट्री चार्जशीट हैं.
ईडी सूत्रों ने बताया है कि आरोप पत्र में क्या-क्या कहा गया है.
1- आरोप पत्र के मुताबिक, मनीष सिसोदिया और के कविता के साथ अरविंद केजरीवाल भी हैं ‘मास्टरमाइंड’ है.
2- ईडी ने अपने आरोप पत्र में आप को आरोपी के रूप में नामित किया है.
3- पहली बार किसी राजनीतिक दल को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोपी के रूप में नामित किया गया है.
4- ईडी ने कहा है कि पीएमएलए की धारा 70 के तहत आप कंपनी के रूप में मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी है.
5- ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चलता है कि अपराध की आय का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में लगाया गया.
6- आप ने गोवा चुनाव प्रचार में 45 करोड़ रुपये खर्च किए.
ईडी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक 55 वर्षीय केजरीवाल को 21 मार्च को दिल्ली के उनके घर से गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. इस मामले में ईडी ने अब तक आठ चार्जशीट दायर की है, जिसमें उसने अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. पिछले हफ्ते, एजेंसी ने बीआरएस नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता और चार अन्य के खिलाफ इसी तरह की चार्जशीट दायर की थी.
सीएम को पहले भी ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला मामले का किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता कहा था. आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलकर काम किया. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमारे पास प्रत्यक्ष सबूत हैं कि केजरीवाल एक सात सितारा होटल में रुके थे, जिसका बिल कुछ इस मामले के एक आरोपी द्वारा दिया गया था. दिल्ली की आबकारी नीति, जिसे अब खत्म कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में केजरीवाल कथित घोटाले के लिए परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.
दिल्ली शराब घोटाला मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति को तैयार करने और लागू करने में हुए कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शराब नीति को बनाने और उसे लागू करने में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया.
ईडी ने 17 अगस्त, 2022 को दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर का संज्ञान लेते हुए 22 अगस्त, 2022 को 2021-22 की दिल्ली शराब घोटाले में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए अपना मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया था.
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