गर्मी के कारण 'भाव' खाने लगी सब्जियां, हर दिन बढ़ी रही कीमतें

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गर्मी के कारण 'भाव' खाने लगी सब्जियां, हर दिन बढ़ी रही कीमतें


नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) जिले में पिछले एक पखवारे से भी अधिक समय से चल रही लू और तेज पछुआ हवा ने हरी सब्जियों, खासकर ककड़ी, भिंडी, नेनुआ, बैंगन और परवल की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है। यही कारण है कि सब्जी की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है।

जिले में गर्मी के मौसम में ककड़ी और अन्य हरी सब्जियों का उत्पादन अच्छी होती रही है। किसनों द्वारा उत्पादित हरी सब्जियां नवादा समेत पड़ोसी शेखपुरा और जमुई जिले तक के लोगों को पोषित करती रही है। इसके अलावा झारखंड राज्य के विभिन्न जिले के लिये भेजी जाती रही है। खासकर हरी ककड़ी तो चैत माह से शुरू होकर जेठ माह तक क्षेत्रवासियों के गले को तर करती रही है। परंतु पिछले एक पखवारे से भी अधिक समय से चल रहे लू व पछुआ की तपिश और भीषण गर्मी के कारण सब्जी और ककड़ी की फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

मजदूरों के पलायन से सब्जी की खेती हुई कम:-

बता दें कि एक दशक पहले क्षेत्र के किसान बड़े पैमाने पर सब्जी और ककड़ी की खेती करते थे। धीरे-धीरे मजदूरों के पलायन के कारण क्षेत्र में इनकी खेती कम होती गई। अब केवल कुछ ही किसान इनकी खेती करते हैं, क्योंकि सब्जियों और ककड़ी को हर दूसरे दिन सिंचाई की आवश्यकता होती है। इस वर्ष लू और तपिश ने हरी सब्जियों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है।

गर्मी और लू से सब्जी उत्पादन बुरी तरह प्रभावित:-

दूसरी ओर कुछ मेहनती किसान अपने खेतों में भिंडी, करेला, लौकी आदि विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती करके आय अर्जित करते हैं, जिससे क्षेत्रवासियों को सस्ती और ताज़ी सब्जियां मिल जाती हैं। इस वर्ष क्षेत्र के कई गांवों में अच्छी सब्जी की खेती हुई थी, लेकिन पिछले सप्ताह की भीषण गर्मी और लू से सब्जी उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

सब्जी की कीमतें हुईं दोगुनी:-

किसानों की मानें तो भिंडी, नेनुआ, बैगन,परवल आदि का लू और भीषण गर्मी से उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुई है। उत्पादन कम होने के कारण जेठुआ बैगन और भिंडी बाजार से गायब हो गई हैं या कम आ रही है। एक सप्ताह पहले तक सस्ती मिल रही भिंडी फिलहाल 50 रुपये, नेनुआ 40 रुपये, बैगन 70 रुपये और परवल की कीमतें 80 रुपये तक बढ़ गई हैं।

जहां तक आलू का सवाल है तो 24 रुपये व प्याज 25 रुपये होने के कारण गरीबों की थाली हरी सब्जियां गायब हो गयी है। हालात यह है कि गरीब व मध्यम वर्ग के लोग प्याज रोटी व चोखा भात से गुजारा करने को मजबूर हैं।

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