कुशल शिक्षक निर्माण में शिक्षा का विशेष योगदान-डॉ० शैलेश कुमार

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कुशल शिक्षक निर्माण में शिक्षा का विशेष योगदान-डॉ० शैलेश कुमार



प्रतिनिधि विश्वास के नाम नवादा में सुविख्यात मॉडर्न शैक्षणिक समूह के तत्वावधान में संचालित मॉडर्न इन्स्टीब्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, नवादा जिला-नवादा (बिहार) के बहुद्देशीय कक्ष में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन दिनाक 22 व 23 मई 2024 को किया गया जिसका मुख्य शीर्षक 'कुशल शिक्षक निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का योगदान रखा गया था इस शुभ अवसर पर दिनांक-22.05.2024 को सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित मुख्य अतिथि माननीय प्रो० (डॉ०) बिमल प्रसाद सिंह कुलपति, एस० के०एम० विश्वविद्यालय दुमका, झारखण्ड तथा विशिष्ट अतिथि प्रो० कुसुम कुमारी पूर्व कुलपति मगध विश्वविद्यालय बोध गया, पूर्व प्रति कुलपति मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर, मेम्बर, एक्सपर्ट कमेटी यू०जी०सी० फॉर वोमेन स्टडीज, एवं मॉडर्न इन्स्टीच्यूट ऑफ हायर एजुकेशन नवादा के प्रबंध निदेशक, गॉडर्न शैक्षणिक समूह के सचिव सह एशोसिएशन ऑफ इन्स्टीच्यूट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज पटना (बिहार) के महासचिव डॉ० शैलेश कुमार, मॉडर्न इन्स्टीच्यूट ऑफ हायर एजुकेशन के प्राचार्य मनीराम राम, सहायक प्रध्यापक धर्मराज गौड़ एवं राजित राम यादव आदि विद्वान गण के कर कमलो द्वारा किया गया। तदोपरान्त डॉ० शैलेश कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत अभिवादन किये एवं मुख्य अतिथि से कुशल शिक्षक निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के योगदान पर अपने विचारों को प्रस्तुत करने का आग्रह किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि महोदय ने उक्त शीर्षक पर अपने विचारों का मृदुल वाणी में प्रस्तुति देते हुए कहे कि शिक्षा समाज का मुख्य अंग है। क्षेत्रीय वा स्थानीय भाषा में ज्यादा सीखने का अवसर मिलेगा, कुशल शिक्षक बनने के लिए हमे बुनियादी स्तर से ही शुरुआत करना होगा जिसका सूत्राधार 5+3+3+4 है इससे प्राथमिक स्तर से उच्च शिक्षा के स्तर तक के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा, इसे अमल करने की आवश्यकता है।तभी शिक्षक समाज का दर्पण होगा और वह अपने सारे लक्ष्यों की प्राप्ति आसानी पूर्वक कर सकता है। बच्चे राष्ट्र के भविष्य होते हैं, इनको सही दिशा देना हम प्रबुद्धजनों का कर्तव्य है। क्योंकि यही बच्चे आगे चलकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करेंगें। माननीय मुख्य अतिथि महोदय ने मॉडर्न शैक्षणिक समूह, नवादा के समिव डॉ० शैलेश कुमार की तारीफ करते हुए कहे कि इस सेमिनार से यह पता चलता है, कि यहां निरंतर कक्षायें चलती है। एवं अनुशासन भी यथोचित देखाने को मिल रहा है। ऐसे प्रशिक्षु सेमिनार का लाभ लेकर भविष्य में एक कुशल शिक्षक बन सकते हैं इस संस्थान का अनुशरण अन्य संस्थानों को भी करना चाहिए। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय योगदान है जो काबिलेतारीफ है। आगे विशिष्ट अतिथि प्रो, कुसुम कुमारी पूर्व कुलपति मगध विश्वविद्यालय बोध गया ने कुशल शिक्षक निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षानीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में विचार व्यका करते हुए कहें कि छात्रों को स्वयं आगे बढकर शिक्षा की तरफ उन्मुख होना चाहिए तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को देख कर भविष्य के लिए शुभ संकेत बताते हुए कहे कि अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नियमों का अनुपालन पूर्ण किया जा सकता है। आगे मॉडर्न इन्स्टीच्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, नवादा के प्रबंध निदेशक मॉडर्न शैक्षणिक समूह के सघिय सह एशोसिएशन ऑफ इन्स्टीच्यूशन्स टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज पटना (बिहार) के महासचिव डॉ० शैलेश कुमार ने कहा कि हमारे आने वाली पीढ़ी को यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति नई दिशा देगी जिससे प्रशिक्षुओं के अन्दर शिक्षा का सुधार, सही संस्कार और शिष्टाचार का संघार होगा जो भारत में शिक्षा विकास के लिए एक नई दिशा देगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बहुल परिवर्तन देखने को मिल रहा है इससे प्रशिक्षुओं को अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने में सुविधा होगी। साथ ही सेमिनार से बच्चे, शिक्षक तथा पूरा समाज ऊजर्जावान व गौर्वान्धित होगा, इसलिए समय परिस्थिति के साथ हम लोगों को शिक्षा की नीतियों में परिवर्तन करते रहना वाहिए क्योंकि कहा गया है कि 'बहता हुआ पानी ही स्वच्छ होता है कुशल शिक्षक निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के योगदान' पर बोलते हुए बी०एड० विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० अमरेश कुमार ने कहा कि यह नीति व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के लिए बहुत उपयोगी है हम सभी को शिक्षक होने के नाते इसके गुणों का शत् प्रतिशत अनुपालन करना चाहिए, जिससे राष्ट्र को उच्च शिखर पर पहुँचाया जा सके तम एक कुशल शिक्षक का निर्माण हो सकेगा। इस अवसर पर मॉडर्न इन्स्टीच्यूट ऑफ डायर एजुकेशन, नवादा के सहायक प्राध्यापक धर्मराज गौड़ ने कहा कि भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का अभूतपूर्व योगदान सार्थक होगा तथा पूर्व की भांति भारत को विश्य गुरू बनाने में योगदान मिलेगा। आगे सहायक प्राध्यापक श्री राजित राम यादव ने भी इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि इसका साक्षरतः पालन करने से भारत के भविष्य को परिवर्तित करने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इन्ही शब्दो के साथ डॉ० चन्द्र प्रकाश यादव, बरेली, MIHE के प्राचार्य डॉ० मनीराम राम डॉ० अमरेश कुमार (HOD) स०प्रा० डॉ० सतीश चन्द्र यादव डॉ० वासुदेव मधुकर, धर्मराज गौड़, राजित राम यादय, कार्यालय कर्मचारी कमलेश प्रसाद, राकेश कुमार, सुभाष कुमार, निरंजन कुमार एवं छात्र-छात्राएं आदि के उपस्थिति का आभार व्यक्त करते हुए माननीय अतिथि महोदय डॉ० देवानन्द सिन्हा एवं डॉ० रीता चौधरी ने दो दिवसीय सेमिनार के द्वितीय दिन के समापन का घोषणा किए।

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